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तमाम कोशिश के बाद भी नहीं बढ़ रहे बाल? ये 5 अनजाने कारण हो सकते हैं जिम्मेदार

आजकल बालों की क्वालिटी और ग्रोथ दोनों ही लोगों के लिए एक चिंता का विषय बन चुका है। यहां जानिए, बालों की ग्रोथ किन कारणों से नहीं होती है।
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तमाम कोशिश के बाद भी नहीं बढ़ रहे बाल? ये 5 अनजाने कारण हो सकते हैं जिम्मेदार

आजकल बहुत से लोग बालों के झड़ने, पतले होने, सफेद होने या बालों की धीमी ग्रोथ से परेशान हैं। यह समस्या केवल उम्रदराज तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा उम्र में भी बालों की समस्या से लोग परेशान रहते हैं। डॉक्टर्स के अनुसार, बालों की सेहत पर कई बाहरी और आंतरिक कारक प्रभाव डालते हैं, जिनमें तनाव, गलत खान-पान, हार्मोनल असंतुलन, प्रदूषण, खराब लाइफस्टाइल आनुवंशिकी शामिल हैं। बालों का गिरना और उनकी ग्रोथ रुकना इन समस्याओं का हिस्सा बन गए हैं। जब बालों को सही पोषण और देखभाल नहीं मिलती, तो वे न केवल कमजोर हो जाते हैं, बल्कि उनका गिरना भी तेज हो जाता है। इस लेख में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और आयुर्वेदिक डॉक्टर मनीषा मिश्रा गोस्वामी से जानिए, बालों की ग्रोथ को धीमा करने वाले कारण कौन से हैं?

बालों की ग्रोथ को धीमा करने वाले कारण - Factors That Affect Hair Growth

1. वायु प्रदूषण - Air Pollution

आयुर्वेदिक डॉक्टर मनीषा मिश्रा गोस्वामी बताती हैं कि वायु प्रदूषण का प्रभाव सिर्फ हमारी त्वचा पर ही नहीं, बल्कि बालों पर भी पड़ता है। प्रदूषण में मौजूद हानिकारक कण बालों के रोमछिद्रों को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे बालों की ग्रोथ रुक जाती है। इसके अलावा, प्रदूषण के कारण त्वचा पर तेल का संतुलन भी बिगड़ सकता है, जो बालों के झड़ने का कारण बनता है।

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2. इंटरमिटेंट फास्टिंग - Intermittent Fasting

इंटरमिटेंट फास्टिंग, जो कि आजकल के समय में एक फेमस डाइटिंग पैटर्न बन चुका है, बालों की ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर को सही पोषण की जरूरत होती है ताकि बालों की जड़ें हेल्दी बनी रहें। ज्यादा उपवास के कारण शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे बालों का झड़ना बढ़ सकता है। आयुर्वेद में यह सलाह दी जाती है कि शरीर को संतुलित और पर्याप्त आहार दिया जाए ताकि बालों का स्वास्थ्य बना रहे।

3. हार्मोनल असंतुलन - Hormonal Imbalances

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में किसी भी प्रकार का हार्मोनल असंतुलन बालों की ग्रोथ पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। पित्त दोष के बढ़ने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो बालों के झड़ने और कमजोर होने का कारण बनता है। विशेष रूप से महिलाओं में गर्भावस्था, मासिक धर्म या रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो बालों की सेहत पर असर डाल सकते हैं। आयुर्वेद में इस असंतुलन को ठीक करने के लिए सही आहार और जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाती है।

Factors Affect Hair Growth

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4. जीवनशैली की आदतें - Lifestyle Habits

आयुर्वेद के अनुसार, जीवनशैली की आदतें बालों की सेहत पर सीधा असर डालती हैं। यदि आप तनावपूर्ण जीवन जी रहे हैं, पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं या गलत खानपान करते हैं, तो यह सभी बालों के गिरने का कारण बन सकते हैं। आयुर्वेद में यह सिखाया गया है कि मानसिक शांति और संतुलित आहार से बालों की सेहत में सुधार हो सकता है। साथ ही, नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी और योगाभ्यास से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जो बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है।

5. उम्र - Age

आयुर्वेद के अनुसार, उम्र के साथ बालों की क्वालिटी और ग्रोथ में बदलाव आ सकता है। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, शरीर में होने वाले प्राकृतिक बदलावों के कारण बालों का झड़ना और उनका सफेद होना सामान्य हो जाता है। उम्र के साथ बालों की देखभाल और सही पोषण अधिक जरूरी हो जाता है ताकि बाल स्वस्थ और मजबूत बने रहें।

निष्कर्ष

बालों की ग्रोथ और सेहत पर आयुर्वेद के अनुसार विभिन्न कारक असर डाल सकते हैं। वायु प्रदूषण, हार्मोनल असंतुलन, जीवनशैली की आदतें, इंटरमिटेंट फास्टिंग और उम्र सभी बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। आयुर्वेद में संतुलित आहार, सही जीवनशैली और मानसिक शांति को बालों के विकास के लिए जरूरी माना गया है। यदि आप इन कारकों का ध्यान रखते हैं, तो आप न केवल अपने बालों को हेल्दी रख सकते हैं, बल्कि बालों के झड़ने और अन्य समस्याओं से भी बच सकते हैं।

All Images Credit- Freepik

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