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क्या हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण हेयर फॉल हो सकता है? डॉक्टर से जानें

Does Hormonal Changes Cause Hair Loss In Hindi: हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण हेयर फॉल हो सकते हैं। हालांकि, हेयर फॉल के पीछे कोई एक हार्मोन जिम्मेदार नहीं होते हैं। जानें, इनके बारे में विस्तार से-
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क्या हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण हेयर फॉल हो सकता है? डॉक्टर से जानें

Can Hormonal Imbalance Cause Hair Loss In Hindi: बालों का झड़ना एक कॉमन समस्या है। सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी इस समस्या से दो-चार होते हैं। यहां तक कि कई लोगों में बालों का झड़ना गंजेपन में बदल जाता है। इस तरह की समस्या से बचने के लिए लोग अक्सर तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं। कोई तिल के तेल का उपयोग करता है, तो कोई हेयर ट्रांसप्लांट करवाता है। हालांकि, विशेषज्ञों की यही सलाह है कि हेयर फॉल का असली कारण जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि कई बार जेनेटिक्स या लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों के कारण हेयर फॉल बढ़ जाता है। ऐसे में अगर सही उपाय अपनाए जाएं, तो हेयर फॉल की समस्या को मैनेज किया जा सकता है। यहां यह सवाल भी उठता है कि क्या हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण हेयर फॉल की समस्या हो सकती है? आइए, जानते हैं दिल्ली के राजौरी गार्डन में स्थित कॉस्मेटिक स्किन क्लिनिक की कॉस्मेटोलॉजिस्ट और त्वचा रोग विशेषज्ञ, डॉ. करुणा मल्होत्रा से।

क्या हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण हेयर फॉल हो सकता है?- Can Hormonal Changes Cause Hair Loss In Hindi

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जैसा कि हमने पहले ही स्पष्ट किया है कि बालों के झड़ने के पीछे कई कारण होते हैं, जैसे वंशानुगत या एन्वायरमेंटल फैक्टर। असल में, हेयर फॉल की समस्या का इलाज उसके कारणों पर आधारित होता है। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण हेयर फॉल की समस्या होती है? इस बारे में डॉ. करुणा मल्होत्रा का कहना है, "बालों के झड़ने के पीछे एक मुख्य कारण हार्मोन्स में बदलाव को माना जा सकता है। विशेषकर, महिलाओं में ऐसे मामले अधिक देखे जाते हैं। दरअसल, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव कई कारणों से होते हैं, जैसे प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज, थायराइड या एस्ट्रोजन के स्तर में कमी। इस तरह की समस्या में हार्मोन में असंतुलन होने लगता है, जो हेयर फॉल की मसस्या को बढ़ा देते हैं।" डॉक्टर आगे बताते हैं, ‘बालों की ग्रोथ की हार्मोन्स रेगुलेट करते हैं। इसमें एण्ड्रोजन, एस्ट्रोजन, थायरइड हार्मोन और कॉर्टिसोल शामिल हैं। एण्ड्रोजन में टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन होते हैं। अगर इसकी संख्या में बढ़ोत्तरी हो जाती है, तो महिलाओं में हेयर फॉल की दिक्कत होने लगती है। इसी तरह, अगर एस्ट्रोजन भी बालों में शाइन और ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। वहीं, अगर किसी वजहसे इसमें कमी आती है, तो हेयर फॉल की दिक्कत होने लगती है।

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हार्मोनल असंतुलन के कारण हो रहे हेयर फॉल को कैसे रोकें

एण्ड्रोजन हार्मोन को करें बैलेंस

यह बात आप समझ गए होंगे कि एण्ड्रोजन में अधिकता के कारण हेयर फॉल की समस्या ट्रिगर हो जाती है। दरअसल, एण्ड्रोजन के बढ़ने की वजह से हेयर फॉलिकल सिकुड़ने लगते हैं। इसकी वजह से एलोपेशिया, पुरुषों में गंजापन जैसी परेशानी होने लगती है। एण्ड्रोजन के स्तर को मैनेज करने के लिए आवश्यक है कि आप अच्छी नींद लें, लाइफस्टाइल को मैनज करें और खानपान की अच्छी आदतों को अपनाएं। इससे एण्ड्रोजन के स्तर को मैनेज करने में मदद मिलेगी।

थायराइड हार्मोन को संतुलित रखें

जिस तरह एण्ड्रोजन हार्मोन में बढ़ोत्तरी के कारण हेयर फॉल की समस्या ट्रिगर होने लगती है। इसी तरह, थायराइड हार्मोन में असंतुलन भी हेयर फॉल और बालों के टूटने की समस्या को बढ़ा सकता है। ध्यान रखें कि हाइपोथायरइाडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म, दोनों स्थितियों में बालों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। थायराइड हार्मोन को बैलेंस करने के लिए न सिर्फ डाइट को मैनेज करें, बल्कि स्ट्रेस से दूर रहें और रोजाना पर्याप्त नींद लें। यहां तक कि रेगुलर एक्सरसाइज भी इसके लिए उपयोगी साबित हो सकता है।

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कोर्टिसोल हार्मोन का रखें ध्यान

कोर्टिसोल वह हार्मोन है, जो तनाव होने पर बॉडी को रेस्पॉन्ड करने में मदद करता है। यह ब्लड शुगर को रेगुलेट करने, ब्लड प्रेशर का संतुलन बनाए रखने और अंदरूनी सूजन को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। अगर आप अक्सर तनाव में रहते हैं, तो इसकी वजह से कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर में बदलाव हो सकता है। इससे हेयर फॉल होने लगता है। इसे बैलेंस करने के लिए हेल्दी डाइट लें, तनाव से दूर रहें और जरूरी हो तो डॉक्टर की मदद से सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।

All Image Credit: Freepik

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