चीनी चाहे कोई-सी भी क्यों न हो, चाहे व्हाइट चीनी हो, गुड़ हो या फिर ब्राउन शुगर हो, सभी में एक ही मात्रा में कैलोरी होती हैं। और नुकसान भी शरीर को एक ही मात्रा में पहुंचाती है। कहते हैं कि चीनी हमारे दांतों को खराब करती है। जब भी हमें चीनी या मीठा खाने का मन होता है, तो हम चाय या कॉफी या केक के फॉम में अपनी शुगर क्रेविंग्स को खत्म करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीनी का ज्यादा सेवन करने से आपके अंदर एजिंग की प्रक्रिया काफी तेज होती है, साथ ही चीनी इंफ्लेमेशन, कार्डियोवस्कुलर बीमारी और घबराहट, डिप्रेशन जैसी समस्याओं को बढ़ावा देती है।
एजिंग को देती है बढ़ावा
चीनी जब हमारे खून में घुलती है, तो वह कुछ ऐसा प्रोटीन्स जैसे कोलेजन और इलास्टिन, के साथ मिलती है, जो हमारी जवां त्वचा को एजिंग की तरफ ले जाती है। चीनी प्रोटीन को खराब करते हैं कोलेजन और इलास्टिन को भी खराब करती है, जिससे स्किन में ड्राइनेस और त्वचा पर झुर्रियां नजर आती हैं।
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इंफ्लेमेशन की समस्या
चीनी या मीठा खाने से कई बार हमारी स्किन पर मुहांसे और एजिंग की समस्या रहने लगती है। चीनी शरीर में इंफ्लेमेशन को भी बढ़ावा देती है। इसके अलावा ये अर्थराटिस, यानी गठिया जैसी बीमारी को भी पैदा करने का खतरा बनाती है। जब भी हमें जुखाम होता है या गला खराब होता है, तो हम मीठी चाय पीते हैं। चीनी उस समय भी इंफ्लेमेशन को बढ़ावा देते हुए गले में बैक्टीरिया पैदा करती है, जो कि हमारे शरीर के लिए खराब हो सकता है।
ज्यादा चीनी खाने से हो सकती है कार्डियोवस्कुलर बीमारी
कहते हैं कि दिल की समस्या शरीर में कोलेस्ट्रोल लेवल के बढ़ने से होती है। फैट से ही कोलेस्ट्रोल बनता है, जो हार्ट के लिए काफी हानिकारक होता है। 20वीं सदी में एनिमल फैट से ज्यादा बेहतर चीनी को माना गया था, तो लोगों ने फैट-फ्री डाइट तो ली, लेकिन चीनी को अपनी डाइट से कम नहीं किया। अब वही 21वीं सदी में शोध से पता चला है कि चीनी, कोलेस्ट्रोल लेवल को शरीर में बढ़ावा देती है। ये ब्लड वेसल और आर्टरीज के ऊपर चिपककर उनकी बाहरी सतह को खराब करने का काम करती है।
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डिप्रेशन और घबराहट का कारण है चीनी
चीनी खाने से घबराहट और डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है। कहते हैं कि चीनी बीडीएनएफ हार्मोन लेवल को कम करता है, जो शिजोफ्रेनिया और डिप्रेशन का कारण बन सकता है। इसके अलावा ज्यादा चीनी का सेवन आपके दिमाग के सेल्स और मेमोरी को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
इसलिए हो सके, तो चीनी का सेवन कम से कम मात्रा में ही करें। अगर आप अरपने शरीर से प्यार करते हैं, तो एजिंग, घबराहट, डिप्रेशन और इंफ्लेमेशन को बढ़ावा देने वाली चीनी को अपनी डाइट से पूरी तरह तो नहीं, बल्कि कम ही कर दें।
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