स्ट्रेचिंग जितनी सरल एक्सरसाइज कुछ भी नहीं है, यह आसान एक्सरसाइज न केवल मांसपेशियों की ताकत, बल्कि शरीर को लचीला बनाने में भी सहायक हो सकती है। स्ट्रेचिंग केवल एथलिटिक्स या जिमनास्टर के लिए नहीं है, बल्कि स्ट्रेचिंग हर किसी को करनी चाहिए। यह आपकी गतिशीलता में तेजी लाता है और इसके अलावा और भी कई फायदों से जुड़ा है। यदि आप सोच रहे हैं कि कैसे, तो आइए हम आपको बताते हैं-
मसल्स को मजबूत और लचीला बनाए
रोजाना यदि आप स्ट्रेचिंग करने की आदत डालते हैं, तो यह आपके शरीर को स्ट्रेच करके मांसपेशियों को लचीला और मजबूत बनाता है। इसके अलावा, जोड़ों की गतिविधि के लिए हमें लचीलेपन की आवश्यकता होती है। लचीलेपन के बिना, मांसपेशियों में तनाव हो सकता है या फिर, जब मांसपेशियों को कुछ ज़ोरदार गतिविधि के लिए आवश्यकता होती है, तो वे कमजोर होते हैं। जिसकी वजह से चोट, जोड़ों के दर्द और मसल्स स्ट्रेस का खतरा होता है।
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मसल्स और बॉडी स्ट्रेस के लिए
यदि आप रोजाना नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करते हैं, तो यह आपके पूरे शरीर की मसल्स को स्ट्रेस-फ्री रखने में मददगार है। बिना स्ट्रेचिंग के यदि आप पूरे दिन कुर्सी पर बैठे रहते हैं, तो जांघ के पिछले हिस्से में तंग हैमस्ट्रिंग हो सकती है, जिससे पैर या घुटने को सीधा करना मुश्किल हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप चलने में कठिनाई होती है। इस तरह से यह आपकी मांसपेशियों को कठिन गतिविधियों को करने में मुश्किल पैदा करती है और जिससे कि शरीर में खिंचाव या तनाव होता है।
स्ट्रेचिंग क्यों जरूरी है?
ऐसा नहीं है कि शरीर की हर मसल्स को स्ट्रेच करने की जरूरत है, लेकिन आप गर्दन, पीठ और पीठ के निचले हिस्से के साथ-साथ श्रोणि क्षेत्र में सही गतिशीलता के लिए स्ट्रेचिंग आवश्यक हैं।
कितनी बार स्ट्रेचिंग करना चाहिए?
अपनी दिनचर्या में स्ट्रेचिंग को शामिल करना एक अच्छा अभ्यास है, खासकर अगर आप लगातार बैठे रहते हैं। आप स्ट्रेचिंग को हफ्ते में कम से कम तीन से चार बार कर सकते हैं। लेकिन यहद आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीडि़त हैं, तो आप पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करने से आपको कई तरह के फायदे मिलेंगे और मासंपेशियों के खिंचाव को दूर करने में मदद मिलेगी। यह भी याद रखना आवश्यक है कि व्यक्ति को 30 सेकंड के लिए एक स्ट्रेचिंग को करना चाहिए। लेकिन यदि आपको दर्द महसूस हो, तो इसे न करें। इसके अलावा चोट में मसल्स स्ट्रेचिंग न करें। स्ट्रेचिंग से पहले, हल्की वॉकिंग, जॉगिंग या बाइकिंग 5 से 10 मिनट तक करें। इससे भी बेहतर है कि आप आपके वर्कआउट के बाद स्ट्रेचिंग करें।
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