हम में कई लोग या तो रोज शैंपू का इस्तेमाल करते हैं या फिर हर दूसरे दिन। बढ़ते प्रदूषण के कारण हमारे बाल भी खराब हो रहे हैं। हाल ही में एक रिसर्च के दौरान पता चला है कि कैसे शैंपू में मौजूद कैमिकल्स का ग्रुप कैंसर का जिम्मेदार होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि किस तरह शैंपू हमारे कैंसर के होने का कारण बन सकता है।
रिसर्च से पता चला कैंसर के लिए जिम्मेदार कैमिकल
शैंपू में एक तरह का कैमिकल पाया जाता है, जिसका नाम ‘एल्डीहाइड’ है। ये हमारे शरीर में छोटे-छोटे अमाउंट में बनता है और एन्वायरन्मेंट में हर जगह मौजूद होता है। रिसर्च में पाया गया है कि बहुत ज्यादा एल्डीहाइड कैमिकल के एक्सपोजर में रहने से कैंसर होने का खतरा रहता है। इस वजह से डीएनए के फिक्स रहने की क्षमता भी खत्म हो जाती है।
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एक्सपर्ट की राय है चौका देने वाली
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के लीड ऑर्थर प्रोफेसर अशोक वेंकिटरमन का कहना है कि हम जानते हैं कि एल्डीहाइड अच्छा् नहीं है और इसका सीधा संबंध कैंसर से होता है। लेकिन हम ये भी नहीं जानते कि डीएनए को प्रोटेक्ट करने वाले सेल्स के प्रोटीन को अगर ये डैमेज करता है, तो इसका कारण कैंसर है या नहीं।
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आप जो रोज शैंपू इस्तेमाल करते हैं, वह भी आपके कैंसर के होने का कारण बन सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हम नहीं जानते कि हम सांस के जरिए कितने कैमिकल्स अंदर ले रहे हैं और ये कितनी देर तक वातावरण में मौजूद रहते हैं। लेकिन ये तय है कि एल्डीहाइड हर जगह मौजूद होता है। यहां तक की यह कैमिकल वातावरण में भी मौजूद होता है। रिसर्च में पाया गया कि नाक और गले का कैंसर का सीधा संबंध फोरमैल्डीहाइड गैस से होता है। इस कलरलैस स्ट्रांग स्मैलिंग गैस का इस्तेमाल एम्बामिंग के लिए होता है। जर्नल सैल में पब्लिश हुई रिसर्च के मुताबिक, कैमिकल्स डिफेंस मकैनिज़्म को ब्रेक कर देते हैं। इसकी वजह से डीएनए को रिपेयर करने वाले हेल्दी सेल्स डिवाइड हो जाते हैं।
एल्डीहाइड BRCA2 प्रोटीन सेल्स की कमी के कारण होता है जो कि इन्हें बहुत कमजोर बना देता है। ऐसे में फॉल्टी जीन होने के कारण बेस्ट, ओवरियरन, प्रोस्टेट और पैंक्रियाटिक कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए रोजाना शैंपू इस्तेमाल करने से पहले एक बार इस पर जरूर ध्यान दें।
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