आज के सोशल मीडिया के जमाने में लोगों तक जानकारी पहुंचना कोई बड़ी बात नहीं है। ऐसे में लोगों के बीच तमाम तरह की जानकारियां किसी न किसी माध्यम से पहुंचती रहती है। आपने भी कहीं न कहीं एक ऐसी बीमारी के बारे में जरूर पढ़ा या सुना होगा जिसके इलाज के लिए मरीज को करोड़ों रुपये के इंजेक्शन की जरूरत होती है। दरअसल या बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी है। यह एक प्रकार से आनुवांशिक बीमारियों का एक समूह है जिसमें व्यक्ति को रीढ़ की हड्डी से लेकर मस्तिष्क तक की तंत्रिकाओं को नुकसान होता है। यह बीमारी अलग-अलग रूप में मरीजों में देखी जाती है। एक जानकारी के मुताबिक अमेरिका में सालाना लगभग 400 बच्चों में यह बीमारी देखी जाती है। भारत में भी इस गंभीर बीमारी के कई मामले देखने को मिले हैं। आइये विस्तार से जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी? (What Is Spinal Muscular Atrophy?)
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक तरह से आनुवांशिक बीमारियों का समूह है जिसकी वजह से मांसपेशियों के नियंत्रण में परेशानी होती है। इस बीमारी में मस्तिष्क की तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं और रीढ़ की हड्डी की कोशिकाओं को नुकसान होता है जिसकी वजह से मरीज की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति न तो खुद के बल पर खड़ा हो सकता है और न ही अपने सिर की गतिविधियों को नियंत्रित कर पाता है। दिल्ली के मशहूर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ संजय कुमार कहते हैं कि यह बीमारी बच्चों में देखी जाती है और दुनिया के कुछ चुनिंदा जगहों पर ही इसका इलाज किया जाता है। इस बीमारी के इलाज में लगने वाला इंजेक्शन करोड़ों का होता है जिसकी वजह से लोग इसे अफोर्ड नहीं कर पाते हैं। कुछ बच्चों में जन्म से ही स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी की समस्या होती है तो वहीँ कुछ लोगों में यह समस्या जन्म के बाद भी दिखाई देती है।
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स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के लक्षण (Spinal Muscular Atrophy Symptoms)
ज्यादातर मरीजों में जन्म के समय से ही इस बीमारी के होने से स्पष्ट लक्षण देखे जाते हैं। लेकिन कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं जिनमें इस बीमारी के लक्षण जन्म के कुछ समय बाद से दिखने शुरू होते हैं। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी की बीमारी में मरीजों में ये लक्षण दिखाई देते हैं।
- मांसपेशियों में कमजोरी और मरोड़
- सांस लेने में कठिनाई
- भोजन निगलने में परेशानी
- खड़े होने और चलने में परेशानी
- बैठने में भी दिक्कत
- मांसपेशियों के कमजोर होने की वजह से रीढ़ की हड्डी और सीने के आकर में बदलाव
- मांसपेशियों के टोन का कमजोर होना
- सिर की गतिविधियों को नियंत्रित करने में समस्या
यह एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है और इसके लक्षण समय के साथ और गंभीर होते रहते हैं।
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स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के कारण (What Causes Spinal Muscular Atrophy?)
ज्यादातर लोगों में यह समस्या आनुवांशिक विकारों और रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क स्टेम में मोटर न्यूरॉन्स के काम न करने के कारण होती है। जब जीन में बदलाव की वजह से ये मोटर न्यूरॉन्स काम करना बंद कर देते हैं तो मांसपेशियों पर नियंत्रण खत्म हो जाता है। इन्हें सर्वाइवल मोटर न्यूरॉन 1 (SMN1) और SMN2 के रूप में जाना जाता है। मोटर न्यूरॉन्स तंत्रिका कोशिकाएं हैं जो तंत्रिका की गति को नियंत्रित करने का काम करती हैं। SMN1 और SMN2 जीन प्रोटीन बनाने के लिए निर्देश देते हैं जो मोटर न्यूरॉन्स के काम करने के लिए बहुत जरूरी माना जाता है। यह आनुवांशिक समस्याओं के कारण भी हो सकती है। माता या पिता में से किसी एक में भी अगर यह दोष मौजूद होता है तो इसकी वजह से बच्चे में यह बीमारी हो जाती है।
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का इलाज (Spinal Muscular Atrophy Treatment)
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी की बीमारी का अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं मिल पाया है। चूंकि यह एक आनुवांशिक बीमारी है और जन्म के साथ ही शुरू हो सकती है इसलिए इस स्थिति में मरीज को आजीवन दवाओं के सेवन के सहारे चलना पड़ता है। इस बीमारी का इलाज भी बहुत ज्यादा महंगा है जिसमें करोड़ों रुपये के इंजेक्शन शामिल हैं। अमेरिका के एफडीए ने इसके इलाज के लिए स्पिनराज़ा और ज़ोल्गेन्स्मा दवा के इस्तेमाल की अनुमति दी है।
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