
लगातार घंटों बैठकर काम करने के कारण लोगों में एसिडिटी की समस्या बढ़ रही है। लगातार बैठकर काम करने के कारण् पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिसकी वजह से एसिडिटी की समस्या होती है। ऐसा लगातार बैठने के कारण होता है।
हमारे फूड पाइप के ठीक नीचे खाने की थैली होती है, जिसे स्टमक कहा जाता है। इसकी भीतरी दीवारों की कोशिकाओं से हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव होता है। यह पाचन तंत्र की नियमित प्रक्रिया होती है। यही एसिड हमारे भोजन को पचाने का काम करता है। लेकिन कई बार हमारा पेट जरूरत से अधिक मात्रा में एसिड बनाने लगता है, जिसकी वजह से हमें यह समस्या होती है।
एसिडिटी के लक्षण क्या हैं
- एसिडिटी होने पर सीने में जलन होती है।
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है।
- जी मिचलाता है और उल्टियां आने की संभावना रहती है।
- एसिडिटी होने पर गला सूखने की भी शिकायत होती है।
- खाने में कोई स्वाद नहीं मिलता और खाने की इच्छा भी नहीं होती।
- खट्टी डकारें आती हैं और पेट में भारीपन और कब्ज की शिकायत होती है।
- बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ होती है।
एसिडिटी के कारण क्या हैं
- सुबह जल्दबाजी के कारण नाश्ता न करना।
- लंबे समय तक खाली पेट रहना या अधिक खाना खा लेना यानी ओवर ईटिंग।
- चावल, घी-तेल, मैदा और मिर्च-मसाले का अधिक मात्रा में सेवन करना।
- ज्यादा मानसिक तनाव और क्रोध की वजह से आंतों से अधिक मात्रा में एसिड का स्राव होता है।
- बैठकर काम करने के कारण चाय, कॉफी और सिगरेट का अधिक मात्रा में सेवन करना।
- खाने को अच्छी तरह नहीं चबाना, जल्दबाजी में खाना।
- खानपान की अनियमित दिनचर्या और पर्याप्त नींद न लेना।
- व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों में कमी होना।
एसिडिटी से कैसे बचें
- लगातार काम करने से बचें, एक घंटे के अंतराल पर सीट से उठकर पांच मिनट के लिए टहलें।
- लिफ्ट के बजाय ऑफिस की सीढियों का प्रयोग अधिक करें।
- फल, बिस्किट, सैंडविच और जूस जैसे खाद्य-पदार्थों का सेवन स्नैक्स के रूप में करें। तली-भुनी चीजों का सेवन न करें।
- फास्ट फूड और जंक फूड खाने से बचें, बाहर का खाना भी कम खायें।
- मॉर्निग वॉक और एक्सरसाइज कभी न छोडें, नियमित कम से कम 30 मिनट व्यायाम के लिए निकालें।
मेट्रो शहरों में एसिडिटी की शिकायत लोगों में बढ़ रही है, इसका कारण हैं लगातार घंटों बैठकर काम करना। आगे बढ़ने की चाहत में लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं और बीमारियों के शिकार होने लगते हैं।
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