आग या अन्य किसी कारण से जले मरीजों के बीच 'सिलिकॉन मास्क' के फैब्रिकेशन पर जागरूकता फैलाने को लेकर इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल ने यहां एक 'फेस मास्क' प्री-कांग्रेस कार्यशाला लगाई, जिसमें चेहरे पर जलने की चोट में 'सिलिकॉन मास्क' के फायदों के बारे में जानकारी दी गई। इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सीनियर कन्सलटेन्ट डॉ. शाहीन नूरेयेज दान ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार हर साल जलने के कारण लगभग 1,80,000 लोगों की मौतें होती हैं, जिनमें से ज्यादातर मौतें निम्न एवं मध्यम आय वर्ग वाले देशों में होती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 10,00,000 से अधिक लोग मध्यम या गंभीर रूप से जल जाते हैं। आज इस क्षेत्र में हुई आधुनिक तकनीकों के चलते ये मरीज भी सामान्य जीवन जी सकते हैं, इनका इलाज संभव है। आज हमारे पास ऐसी आधुनिक मशीनें और तकनीकें हैं जिनके द्वारा बेहद सटीकता के साथ इनका इलाज किया जा सकता है।इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के प्लास्टिक सर्जन एवं सीनियर कन्सलटेन्ट डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि जलने के कारण त्वचा और टिश्यूज को नुकसान पहुंचता है। ये मरीज आग, गर्म तरल पदार्थो या रसायनों जैसे एसिड से जलते हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों और वयस्कों में इस तरह की चोट की संभावना एकसमान होती है, इन मामलों में प्लास्टिक सर्जरी न केवल चोट को ठीक करती है बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी मरीज को मजबूत बनाती है। कई मामलों में सफल प्लास्टिक सर्जरी से मरीज का आत्मविश्वास बढ़ता है। एसिड अटैक पीड़ितों के लिए काम करने वाले एनजीओ, मरीजों और प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में हिस्सा लिया। यह कार्यशाला इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ बर्न इंजरीज (आईएसबीआई) 2018 की पांच दिवसीय 19वीं कांग्रेस एक हिस्सा है। पांच दिवसीय कांग्रेस का आयोजन 30 नवंबर से चार दिसम्बर 2018 के बीच दिल्ली के शाहदरा स्थित लीला कन्वेन्शन सेंटर में किया जाएगा।
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