डिप्रेशन से बाहर आना आसान नहीं है पर डिप्रेशन में आने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक तौर पर कमजोर हो जाता है। अगर आप किसी साइकोलॉजिस्ट से संपर्क करें तो जल्दी डिप्रेशन से बाहर आ सकते हैं। डिप्रेशन से बाहर आने के लिए आपको चिकित्सा सहायता लेने के अलावा हेल्दी डाइट और सही लाइफस्टाइल फॉलो करना होता है। इस आधार पर अगर आप डिप्रेशन से बाहर आ रहे हैं तो आपके स्वास्थ्य और स्वभाव में नजर आ रहे पॉजिटिव बदलाव के आधार पर ये कहा जा सकता है कि आप धीरे-धीरे नॉर्मल हो रहे हैं। इस लेख में हम ऐसे 5 जरूरी लक्षणों की बात करेंगे जिनके नजर आने पर आप समझ जाइए कि धीरे-धीरे आप डिप्रेशन से आज़ाद हो रहे हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
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1. काम में मन लगना (Increasing work efficiency)
डिप्रेशन के दौरान लोग अपने काम पर फोकस नहीं कर पाते हैं। ब्रेन के काम करने की क्षमता डिप्रेशन के दौरान कम हो जाती है। जो लोग पहले टॉर्गेट अचीव करने में सबसे आगे थे, डिप्रेशन के लक्षण उन्हें सबसे पीछे लाकर भी खड़ा कर सकता है पर जैसे-जैसे आप डिप्रेशन से उबरने लगेंगे आप देखेंगे कि न सिर्फ आप काम पर बेहतर तरीके से फोकस कर पा रहे हैं बल्कि आपकी आए दिन तारीख भी हो रही है। ये भी डिप्रेशन से उबरने का एक पॉजिटिव साइन है।
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2. चिड़चिड़ापन कम होना (Calming down)
जैसे-जैसे व्यक्ति डिप्रेशन के लक्षण से बाहर आएगा उसमें चिड़चिड़े स्वभाव के लक्षण भी कम होते नजर आएंगे। जिन लोगों को डिप्रेशन होता है उनका स्वभाव चिड़चिड़ा बन जाता है। ऐसे लोगों को खुश करना एक मुश्किल काम होता है पर अगर आप पॉजिटिव है और डिप्रेशन से धीरे-धीरे बाहर निकल रहे हैं तो आप में भी चिड़चिड़ापन कम होता दिखेगा और आप ज्यादातर मुस्कुराते हुए ही नजर आएंगे।
3. फन एक्टिविटी का हिस्सा बनना (Part of fun times)
जो लोग डिप्रेशन में होते हैं उनका किसी काम में मन नहीं लगता चाहे फिर वो काम उनके इंट्रेस्ट का ही क्यों न हो पर डिप्रेशन से बाहर आने पर व्यक्ति एक बार फिर मनोरंजन के साधन ढूंढने लगता है, अगर आप भी दोबारा डांस करने लगे हैं या गुनगुनाने लगे हैं या अपने पसंदीदा रंगों के साथ पेंटिंग करते हुए समय बिता रहे हैं तो इसका मतलब है आप डिप्रेशन से बाहर आ रहे हैं और ये भी एक पॉजिटिव व्यक्ति के होने का लक्षण है।
4. सोशल इंटरएक्शन बढ़ना (Developing social skills)
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जिन लोगों को डिप्रेशन होता है वो खुद को कॉर्नर कर लेते हैं यानी लोगों से मिलना या बात करना बंद कर देते हैं। अगर आप भी लंबे समय तक डिप्रेशन में रहें हैं तो ऐसा अहसास होना लाज़मी है पर डिप्रेशन से निकलने के बाद आप एक बार फिर सोशल होना शुरू करते हैं और ये भी डिप्रेशन से उबरने का लक्षण है। जो व्यक्ति अपनी बातें सोशल मीडिया या लोगों के साथ बांट रहा है वो धीरे-धीरे खुद को लेकर कॉन्फिडेंट हो रहा है और उसका विश्वास दूसरों के प्रति भी बढ़ रहा है।
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5. गुस्सा कम होना (Overcome anger)
डिप्रेशन से बाहर आने के साथ गुस्सा ज्यादा आने की समस्या भी कम हो जाएगी। डिप्रेशन में इमोशन तेजी से बदलते हैं पल में व्यक्ति खुश सामान्य रहता है तो पल में गुस्सा हो जाता है। डिप्रेशन के साथ मूड स्विंग की समस्या के चलते व्यक्ति को ज्यादा गुस्सा आने लगता है पर आप जैसे-जैसे डिप्रेशन से बाहर आएंगे आपको महसूस होगा कि आपका गुस्सा धीरे-धीरे कम हो रहा है और आप सामान्य चीजों पर गुस्सा करते नजर नहीं आएंगे।
जो लोग डिप्रेशन से बाहर आते हैं उनकी पर्सनल हाइजीन भी सुधरती है और आप उनके निखार या तैयार होने के तरीके में भी फर्क महसूस कर सकते हैं, अगर आपको भी डिप्रेशन से बाहर आने के तरीके जानने हैं तो अपने डॉक्टर से मिलें।
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