क्या आपके शिशु को भी स्तनपान के दौरान आता है पसीना? जानें इसके कारण और इलाज

अकसर माताओं ने महसूस किया होगा कि स्तनपान करवाते वक्त शिशु को पसीना आना शुरू हो जाता है, जानते हैं उसके कारण और रोकने के उपाय।
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क्या आपके शिशु को भी स्तनपान के दौरान आता है पसीना? जानें इसके कारण और इलाज

जब हमारे शरीर का तापमान गर्म होता है या हम कोई बहुत थका देने वाला काम करते हैं तो इसके कारण व्यक्ति को पसीना आ सकता है। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के दौरान माताओं ने शिशु को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पसीना आना महसूस किया है। लेकिन क्या यह चिंता वाली बात है? इसके पीछे क्या कारण छिपे हैं? इनके बारे में पता होना जरूरी है। हालांकि पसीना आना एक सामान्य स्थिति होती है। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के दौरान शिशु को पसीना आना कितना आम है और कितना गंभीर, इसके बारे में पता होना जरूरी है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि स्तनपान के दौरान बच्चों को पसीना क्यों आता है। साथ ही कारण और बचाव के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...

 

क्या कहती है रिसर्च

1 - आमतौर पर जब बच्चे दूध पीते हैं तो उस दौरान पसीना आना एक आम स्थिति हो सकती है। इसके पीछे कारण है उस आहार का सेवन करना, जिससे शारीरिक तापमान बढ़ सके। ऐसे में जब शरीर का तापमान बढ़ने लगता है तो पसीना आना स्वभाविक है। इससे संबंधित रिसर्च पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

2 - इससे संबंधित एक और रिसर्च सामने आई है, जिसके अनुसार बच्चे को माथे पर ज्यादा पसीना आता है। इसके पीछे भी कारण होता है शारीरिक तापमान का बढ़ना। इससे संबंधित रिसर्च करने के लिए यहां क्लिक करें...

ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान शिशु को पसीना आने के कारण

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान शिशु का पसीना आने के कई कारण हो सकते हैं। जानते हैं निम्न कारणों के बारे में-

1 - जिम्मेदार है कमरे का बढ़ा हुआ तापमान

बता दें कि आप जिस कमरे में बच्चे को ब्रेस्टफीडग करा रहे हैं अगर उस कमरे का तापमान बढ़ा हुआ है तो ऐसे में बच्चे को ज्यादा गर्मी महसूस हो सकती है। यह भी एक कारण होता है, जिसके कारण बच्चे स्तनपान करते वक्त पसीना महसूस कर सकता है।

2 - गर्म कपड़े हैं जिम्मेदार

जब माताएं ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे को गर्म कपड़े पहनाते हैं तो इसके कारण पसीने की ग्रंथियां ज्यादा एक्टिव हो जाती हैं यही कारण होता है कि बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ सकता है और वह ज्यादा गर्मी महसूस कर सकते हैं। इसकी वजह से स्तनपान के दौरान पसीना आ सकता है।

3 - मां की त्वचा के संपर्क में आना

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चा ज्यादा समय तक मां की त्वचा के संपर्क में रहता है। इसके कारण मां के शरीर से निकलने वाली गर्मी बच्चे को महसूस होती है। ऐसे में बच्चे के शरीर का तापमान भी बढ़ सकता है, जिसके कारण उसे पसीना आ सकता है।

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4 - बच्चों को कवर करना

कुछ माताओं की आदत होती है कि स्तनपान कराते वक्त अपने बच्चे को पूरी तरीके से ढक देते हैं। हालांकि ऐसा वे तब करती हैं जब वे सार्वजनिक स्थानों पर होती हैं। लेकिन इसके कारण भी बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ सकता है और इसके कारण स्तनपान कराते बच्चे को पसीना आ सकता है।

5 - एक ही स्थिति में स्तनपान करना

जब बच्चा लंबे समय तक एक ही स्थिति में स्तनपान करता है तब भी बच्चे को स्तनपान के दौरान पसीना आ सकता है। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि इसके पीछे जिम्मेदार मां की त्वचा के संपर्क में आना है। जब बच्चा लंबे समय तक एक ही स्थिति में दूध पीता है तो वे लंबे समय तक मां की त्वचा के संपर्क में रहेगा। ऐसे में पसीना आना संभावित है।

कुछ अन्य कारण

बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पसीना आने के पीछे कुछ शारीरिक समस्या जिम्मेदार हो सकते हैं। यह समस्याएं इस प्रकार हैं-

1 - हाइपरथायरायडिज्म के कारण

जब थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा थायराइड हार्मोन का निर्माण करने लगती है तो उस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं। बता दें कि इसके कारण मेटाबॉलिज्म बढ़ सकता है, जिसकी वजह से बच्चों में पसीना आने की समस्या पैदा हो सकती है।

2 - हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) के कारण

यह एक प्रकार का डिसऑर्डर होता है, जिसके कारण भी स्तनपान के दौरान पसीना आने की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में शरीर के अंदर जरूरत से ज्यादा तापमान बढ़ने लगता है, जिसके कारण शिशु को बुखार, चिड़चिड़ाहट आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

3 - स्लीप एपनिया के कारण

स्लीप एपनिया के कारण भी बच्चे को स्तनपान के दौरान पसीने आ सकते हैं। जब किसी बच्चे को स्लीप एपनिया की समस्या होती है तो अचानक से बच्चे उठ जाते हैं या सोते वक्त गले की दीवारें आपस में मिल जाती हैं जिसकी वजह से बच्चों का ऊपरी वायु मार्ग बंद हो सकता है और यही कारण होता है कि कुछ समय के लिए सांस आने की प्रक्रिया भी रुक सकती है। इसके कारण भी शरीर का तापमान बढ़ सकता है।

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ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान शिशु को पसीना आए तो क्या करें?

कुछ तरीकों को अपनाकर माताएं शिशु के पसीने आने की समस्या को रोक सकती हैं। यह तरीके निम्न प्रकार हैं-

1 - जिस कमरे में बच्चे को दूध पिलाएं तो उस कमरे का तापमान ठंडा रहना चाहिए, जिससे बच्चे के शरीर का तापमान भी सामान्य रहे।

2 - ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान बच्चे को ज्यादा गर्म कपड़े पहनाने से बचें।

3 - ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान बच्चे को पॉलिस्टर फाइबर वाले कपड़ों को पहनाने से बचें।

4 - यदि आप घर पर बच्चे को दूध पिला रही हैं तो उसे पूरी तरह से ना ढ़कें।

5 - बच्चे को एक ही स्थिति में लगातार दूध पिलाने से बचें।

6 - ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे को ढीले और आरामदायक कपड़े ही पहनाएं।

नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान यदि पसीना आए तो उसके पीछे कुछ आम और कुछ गंभीर कारण हो सकते हैं। ऐसे में  सभी माताओं की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। लेकिन यदि ऊपर बताए गए बचाव अपनाकर भी पसीने आने की समस्या दूर नहीं हुई है तो ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

इस लेख में फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।

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