Side Effects of Consuming Expired Spices: भारतीय किचन में आपको तरह-तरह के मसाले देखने को मिल जाएंगे। लेकिन इन मसालों का इस्तेमाल करने से पहले क्या आप इनकी शेल्फ लाइफ चेक करते हैं? शेल्फ लाइफ एक उत्पाद की वह अवधि होती है जिसके दौरान वह उत्पाद अपनी गुणवत्ता को बनाए रखता है। शेल्फ लाइफ एक उत्पाद की गुणवत्ता, स्वाद, रंग और पौष्टिकता को बनाए रखने में मदद करता है। अक्सर लोग एक्सपायरी डेट चेक किए बगैर ही खाने में मसाले डाल लेते हैं। इससे बदहजमी हो जाती है या अपच की समस्या हो सकती है। मसालों को ठीक से स्टोर न करना भी एक मुद्दा है जिसके नुकसान सेहत को उठाने पड़ते हैं। इस लेख में हम जानेंगे एक्सपायर हो चुके मसालों को खाने के नुकसान। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Holi Family Hospital, Delhi की डाइटीशियन सना गिल (Sanah Gill) से बात की।
एक्सपायर हो चुके मसाले खाने के नुकसान- Side Effects of Consuming Expired Spices
एक्सपायर हो चुके मसालों का सेवन करने के ये नुकसान हो सकते हैं-
- मसाले समय से पहले एक्सपायर हो जाने पर उसका स्वाद, रंग और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है, जिससे भोजन की गुणवत्ता कम हो जाती है।
- एक्सपायर हो चुके मसालों में बैक्टीरिया और फंगस ग्रो हो सकते हैं, जिसे खाने से बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
- एक्सपायर हो चुके मसाले अधिकतर बैक्टीरियल इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं, जो पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कि पेट दर्द, उल्टी और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
- एक्सपायर हो चुके मसाले फूड एलर्जी या फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- एक्सपायर हो चुके मसालों में विटामिन और मिनरल्स की मात्रा कम हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं।
इसलिए, संतुलित और स्वस्थ भोजन के लिए समय से पहले एक्सपायर न होने वाले मसालों का उपयोग करना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर मसालों का समय से पहले एक्सपायर हो जाने का डर है, तो उन्हें नए मसालों से बदल देना बेहतर होता है।
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मसालों की शेल्फ लाइफ कितनी होती है?- Shelf Life of Indian Spices
मसालों की शेल्फ लाइफ उनके प्रकार और उत्पादक कंपनी के निर्माता के आधार पर भिन्न होती है। अलग-अलग मसालों की शेल्फ लाइफ को निर्धारित करने में कई कारकों का प्रभाव होता है जैसे कि उत्पादन तारीख, पैकिंग और उत्पाद के तत्व।अधिकांश मसालों की शेल्फ लाइफ कुछ हफ्तों से लेकर महीनों या 1 साल तक हो सकती है। बड़े स्केल पर निर्मित उत्पादों की तुलना में, स्थानीय और नेचुरल तरीके से बनाए गए मसालों की शेल्फ लाइफ एक से डेढ़ महीने तक की हो सकती है। इसलिए उत्पाद को खरीदने से पहले, उसके पैकेजिंग पर गाइडलाइन्स को पढ़ना और उत्पाद की डेट को ध्यान में रखना जरूरी होता है। मसालों को एयरटाइट कंटेनर में ही स्टोर करना चाहिए, इससे मसालों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।
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