
Netflix पर हाल में ही रिलीज हुई नई वेब सीरीज (web series) हाउस ऑफ सीक्रेट्स- द बुराड़ी डेथ्स (House Of Secrets: The Burari Deaths) काफी प्रसिद्धि बटोर रही है। इसका कारण सीरीज की दो खास बाते हैं- पहला तो यह कि ये 2018 के दिल्ली बुराड़ी कांड में सामूहिक आत्महत्या की सच्ची घटना पर आधारित है और दूसरा ये शेयर्ड सायकॉटिक डिसऑर्डर जैसे गंभीर मानसिक रोग के बारे में लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है। आपने मन में भी अब सवाल उठ रहा होगा कि शेयर्ड सायकॉटिक डिसऑर्डर क्या है? तो इसका जवाब है कि शेयर्ड सायकॉटिक डिसऑर्डर एक प्रकार का मानसिक रोग है, जिसमें एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक से ज्यादा व्यक्तियों का समूह पागलपन या मानसिक विकार का शिकार हो जाता है। ऐसे ज्यादातर मामले एक ही परिवार के सदस्यों, एक ही धार्मिक मान्यता वाले लोगों, दोस्तों आदि के बीच ज्यादा देखने को मिलती है। इस मानसिक विकार के शिकार ज्यादातर लोग किसी एक व्यक्ति के प्रभाव में आकर भूत-प्रेत, दैवीय शक्ति या शैतानी शक्ति पर अटूट आस्था के चलते खुद को चोट पहुंचाते हैं। दिल्ली के बुराड़ी कांड में यही हुआ था। जहां एक ही परिवार के 11 लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। इस केस में पुलिस को घर के बड़े बेटे की डायरी मिली जिसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर में लिखा है कि परिवार धार्मिक मान्यता के चलते इस हादसे का शिकार हुआ।
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बुराड़ी कांड में क्राइम ब्रांच ने मनोविज्ञानिकों का मत जाना तो उनके अनुसार भाटिया परिवार शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर का शिकार था जिसका दुष्परिणाम ये हुआ कि परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। इस लेख में हम शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर से जुड़े लक्षण, कारण और इलाज पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
Netflix की वेब सीरीज़ में है शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर का जिक्र (Shared Psychotic Disorder)
Netflix की नई वेब सीरीज़ हाउस ऑफ सीक्रेट्स में सायकोटिक डिसऑर्डर पर आधारित बुराड़ी कांड के तथ्य दिखाए गए हैं जो कि एक दुर्लभ प्रकार की मानसिक बीमारी है। बहुत कम लोगों में ये देखने को मिलती है। इस बीमारी को (folly of two) या (madness by two) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस बीमारी में एक व्यक्ति, ऐसे व्यक्ति की भ्रमित बातों पर विश्वास करने लगता है जिसके साथ उसका नजदीक का रिश्ता होता है और जो पहले से ही मानसिक रोगी है। शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर भ्रम पर विश्वास करने के लक्षण एक से दूसरे व्यक्ति में आ जाते हैं। इस डिसऑर्डर में दो या दो से ज्यादा व्यक्ति एक विचार और व्यवहार में ढलने लगते हैं।
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शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of shared psychotic disorder)
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इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति उन चीजों पर विश्वास करने लगता है जो वास्तव में नहीं है। इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति को उन चीजों को देखते या सुनते हैं जो असरल में नहीं है बल्कि वो महज एक कल्पना है। ऐसे व्यक्ति सामान्य जिंदगी में जीने में परेशानी होती है और वो वास्तविक चीजों से दूर रहना चाहते हैं। डॉ नेहा ने बताया कि शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर के व्यक्ति देखने में असामान्य नहीं होते हैं वो आम लोगों के बीच किसी सामान्य व्यक्ति की तरह ही उठते-बैठते हैं। बुराड़ी कांड की बात करें तो परिवार के परिजनों ने कई इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया है कि भाटिया परिवार सभी से अच्छा व्यवहार करते थे, कभी उनकी बातों से इस बात का अहसास नहीं हुआ कि वो किसी मानसिक बीमारी का शिकार हैं।
बुराड़ी मामले में सदस्य आखिरी स्टेज में थे (Burari Case:Delhi)
डॉ नेहा आनंद ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि बुराड़ी कांड में घर के सदस्य शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर के शिकार थे पर ये उनकी बीमारी का आखिरी स्टेज थी जिसका भयानक नतीजा हमें देखने को मिला। शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर में भी सिज़ोफ्रेनिया के लक्षण होते हैं जिसमें एक इंसान दूसरे व्यक्ति की तरह सोचने लगता है। डॉक्टरों का कहना है कि भाटिया परिवार उनके पिता के मृत्यु से स्ट्रेस और डिप्रेशन में था और अंधविश्वास में पड़कर वो मंत्र, तंत्र के जाल में फंस गए, उन्हें लगता था उनके पिता वापिस आ गए हैं और उनसे मिलने की उम्मीद में परिवार ने इतना बड़ा कदम उठाया। Netflix की वेब सीरीज हाउस ऑफ सीक्रेट्स- द बुराड़ी डेथ्स (House Of Secrets: The Burari Deaths) में इस केस पर आधारित तथ्य और बयानों का ब्यौरा दिखाया गया है।
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क्यों होता है शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर? (Causes of shared psychotic disorder)
शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर ज्यादातर एक ही परिवार के अंदर होता है। जिन लोगों का रिश्ता लंबे समय से होता है उनमें इस बीमारी के लक्षण देखने को मिलते हैं। ज्यादातर केस में ऐसे व्यक्ति एक ही घर के होते हैं। अगर घर में कोई ऐसा व्यक्ति है जो डिप्रेशन का शिकार है तो उसकी सोच का असर बाकि लोगों पर भी पड़ सकता है।
शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर का इलाज (Treatment of shared psychotic disorder)
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जो लोग शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर के शिकार होते हैं उन्हें डॉक्टर दवा, और मनोचिकित्सा की मदद से ठीक करते हैं, इसमें कुछ हफ्ते से लेकर लंबा वक्त लग सकता है, मरीज की कंडीशन पर इलाज की अवधि निर्भर करती है-
- शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्तियों को डॉक्टर एंटीसाइकोटिक दवाएं देते हैं जिससे उनके मन के भ्रम को कम किया जा सके।
- डॉक्टर चिंता, बेचैनी या नींद न आने की समस्या को दूर करने के लिए नींद की गोली भी दे सकते हैं, जिसकी डोज़ डॉक्टर ही तय करते हैं।
- ऐसे व्यक्तियों को काउंसलिंग की जरूरत होती है, डॉक्टर ऐसे लोगों के बारे में बात करके उन्हें सही तरीका आजमाने की सलाह देते हैं।
- शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों को डॉक्टर सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने की सलाह देते हैं क्योंकि ऐसे लोग बाहरी समाज से दूर रहते हैं।
शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर जैसे विषयों पर जागरूकता कम होने के कारण लोग अंधविश्वास का शिकार हो जाते हैं, आपको इस जानकारी को दोस्त या परिवार में शेयर करना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सही जानकारी पहुंच सके।
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