
जब व्यक्ति को घुटने में चोट लगती है तो कभी-कभी घुटनों में मौजूद एसीएल यानी एंटेरियर क्रूसिएट लिगामेंट (ACL Knee Injury) घुटने की चोट कहा जाता है। बता दें कि एसीएल हड्डियों को एक साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही इनकी मदद से घुटने स्थिर रह सकते हैं। जब व्यक्ति तेज गति में कोई कार्य करता है तो एसीएल में खिंचाव आ सकता है। यह स्थिति बेहद दर्दनाक होती है, जिसके कारण व्यक्ति सही से चल नहीं पाता है और ना ही उसका दर्द कम हो पाता है। ऐसे में इस समस्या के बारे में पता होना जरूरी है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि घुटने की एसीएल चोट (Anterior cruciate ligament) क्या होती है। साथ ही एसीएल चोट के लक्षण, कारण, जोखिम और इलाज के बारे में जानेंगे। इसके लिए हमने जॉव्इंट केयर फिजियोथेरेपी एंड रेहाब सेंटर ग्रेटर नोएडा के डॉक्टर अंकुर नागर (Physiotherapist Dr. Ankur Naagar) से बात की है। पढ़ते हैं आगे...
एसीएल चोट होने के कारण
आमतौर पर यह चोट खेलकूद के दौरान या शारीरिक गतिविधि करने के दौरान हो सकती है। क्योंकि इन परिस्थितियों में घुटने पर तनाव बढ़ सकता है। इसके अलावा कुछ और भी कारण हैं जो निम्न प्रकार हैं-
1 - गलत तरीके से छलांग लगाना।
2 - अचानक से किसी जगह पर चलते-चलते रुक जाना।
3 - टूटी-फूटी सड़क पर चलना।
4 - अचानक से चलते चलते अपनी दिशा बदल देना।
5 - संक्रमित पैर पर जोर डालना।
6 - किसी भारी वस्तु का घुटने से टकराना।
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एसीएल चोट के लक्षण
जिस व्यक्ति के घुटनें में मौजूद एसीएल में चोट लगती है, तो उसे निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं-
1 - बता दें कि एसीएल चोट के कारण व्यक्ति को सूजन का सामना करना पड़ सकता है। यह सूजन शुरुआत के 24 घंटे से ज्यादा परेशान कर सकती है। हालांकि सूजन को बर्फ की सिकाई या गर्म सिकाई के माध्यम से दूर किया जा सकता है।
2 - जिस व्यक्ति को एसीएल चोट लगती है तो उस दौरान भयंकर दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द घुटने के जोड़ में होता है। ऐसे में ना व्यक्ति सही से खड़ा हो पाता है और ना ही सही से चल पाता है।
3 - घुटने की एसीएल चोट लगने के कारण व्यक्ति का सामान्य रूप से चलना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में जब भी कोई शारीरिक गतिविधि करता है तो उसे दर्द और सूजन दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
डॉक्टर कैसे करते हैं एसीएल चोट की जांच
जिस व्यक्ति के घुटने के एसीएल में चोट लगती है तो वे डॉक्टर के पास जाता है। डॉक्टर को इस समस्या की जांच करने के लिए सबसे पहले मौखिक परीक्षण करते हैं और यह पता लगाते हैं कि व्यक्ति को एसीएल चोट कैसे लगी। उसके बाद डॉक्टर एक्स-रे, एमआसआई, अल्ट्रासाउंड के माध्यम से इस समस्या का पता लगा सकते हैं।
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एसीएल चोट लगने पर क्या करें
1 - सूजन और दर्द को दूर करने के लिए भरपूर आराम करें।
2 - चोट लगने पर घुटनों पर ज्यादा वजन ना डालें।
3 - हर 2 घंटे में 20-20 मिनट के लिए बर्फ से सिकाई करते रहें।
4 - घुटने पर पट्टी बांधकर रखें।
5 - अपने घुटने को सपोर्ट देने के लिए नीचे तकिया रखें।
ऊपर बताए का इलाज से कोई फायदा ना हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
एसीएल चोट लगने पर क्या ना करें
1 - फुटबॉल, जिमनास्टिक, बास्केटबॉल आदि खेलों में भाग ना लें। क्योंकि ऐसा करने से घुटनों पर ज्यादा वजन या दबाव पड़ सकता है।
2 - खराब जगहों या टूटी-फूटी जगहों पर ना खेलें। वरना पैर मुड़ सकता है और एसीएल पर खिचांव आ सकता है।
3 - हील्स का प्रयोग ना करें।
4 - गलत साइज के शूज या सेंडल ना पहनें।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि घुटनें में मौजूद एसीएल में चोट लगने पर व्यक्ति को काफी दर्द का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अगर घरेलू उपाय कारगर ना हो तो व्यक्ति को तुरंक डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही घुटनें में मौजूद एसीएल में चोट लगने के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।
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