कैंसर किसी भी तरह का हो खतरनाक ही होता है, इसलिए इसकी समय पर पहचान बहुत जरूरी है। प्रोस्टेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए यह बहुत ही अच्छी खबर है। प्रोस्टेट कैंसर की जांच अब और आसान तथा सस्ती होगी, क्योंकि वैज्ञानिकों ने एक 'सेंसर चिप' का निर्माण किया है, जिससे ग्लाइकोप्रोटीन में आए सूक्ष्म अंतर का आसानी से पता लगा सकता है।
यह पत्रिका 'केमिकल साइंस' में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह तकनीक प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता लगाने की प्रक्रिया में सुधार लाने में कारगर साबित होगा।
युनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम में प्रमुख शोधकर्ता पाउला मेंडिस ने कहा, एंटीबॉडीज पर आधारित यह तकनीक हमें सटीक परिणाम देती है, और इसमें गलत परिणामों की संभावना न के बराबर होती है।
इन एंटीबॉडीज का निर्माण बेहद महंगा है और गलत पॉजिटिव परिणाम भी ज्यादा आते हैं। प्रोस्टेट कैंसर तथा अन्य रोगों का पता लगाने के लिए ग्लाइकोप्रोटीन अणु बेहद उपयोगी जैव संकेत होते हैं, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रासायनिक इंजीनियरों तथा रसायन शास्त्रियों ने एक सेंसर चिप का निर्माण किया, जिसमें द्वि-विमीय सतहों की दिशा में कृत्रिम रिसेप्टर लगे हैं, जो विशिष्ट, लक्षित ग्लाइकोप्रोटीन की पहचान करते हैं।
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