कैंसर के इलाज में नमक बेहद मददगार साबित हो सकता है। अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि कैंसरग्रस्त कोशिकाओं में नमक प्रवाहित कर उस कोशिका को खत्म किया जा सकता है।
अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि इस नई खोज के जरिए कैंसर के इलाज के लिए नयी और कारगर दवायें बनायी जा सकती हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने एक ऐसा अणु निर्मित करने में कामयाबी हासिल की है, जो कैंसरग्रस्त कोशिकाओं में सोडियम और क्लोराइड के आयन प्रवाहित करता है, जिससे कैंसरग्रस्त कोशिकाएं अपने आप ही खत्म होने लगती हैं।
इंग्लैंड के साउथम्पटन विश्वविद्यालय के प्रध्यापक और सह अध्ययनकर्ता फिलिप गेल का कहना है कि इस अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि कोशिकाओं की झिल्लियों में मौजूद सोडियम चैनल क्लोराइड संवहिकाओं के साथ प्रतिक्रिया कर कोशिका में नमक का प्रवाह करती है।
गेल ने आगे कहा, इससे हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि नमक की मदद से किसी भी कोशिका को अपनी मौत खुद मरने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। मानव शरीर में मौजूद कोशिकाएं झिल्लियों में मौजूद आयनों की सांद्रता स्थिर रखने की पूरी कोशिश करती है। इस संतुलन को खत्म कर कोशिकाओं को खुदकुशी की तरफ धकेला जा सकता है।
शोध पत्रिका 'नेचर केमिस्ट्रि' में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, कोशिकाओं में क्लोराइड प्रवाहित करने की खोजी गई विधि के जरिए कैंसरग्रस्त होने के बावजूद कोशिकाओं को स्वत: मृत्यु की प्रक्रिया की तरफ धकेला जा सकता है।
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