
अगर आप यह समझ नही पाते कि कितना आहार की आपके शिशु को आवश्यकता है यह सरल है आप शिशु के दिए गए संकेतो को पढ़े, अगर शिशु खाना खाने के लिए तैयार नही है तो आप उसके चेहरे को खाने दूर करने पर उसके संकेतो को समझ सकते है।
डिमांड फीडिंग
आप बच्चे में भूख के कुछ लक्षण देखते हैं और उसी के आधार पर उन्हें फीडिंग कराते हैं। अगर आप किसी शिड्यूल के बजाय बच्चे को भूख लगने का इंतजार करते हैं तो आपको इतना ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए, जिससे आपके बच्चे को बहुत ज्यादा भूख लग जाए और वह चिड़चिड़ा जाए। साथ ही जब वह भूखा न हो तो उसे फीडिंग नहीं करानी चाहिए। बच्चे को जब भूख लगती है तो वह अंगूठा वगैरह चूसना शुरू कर देता है या फिर उनके मुंह में मूवमेंट होने लगती है। वह ब्रेस्ट या बोतल को ढूंढने के लिए इधर—उधर हाथ मारने लगता है। अंतत: रोना भूख लगने की सबसे बड़ी निशानी होती है। अगर आप बच्चे के रोने से पहले ही फीडिंग कराएंगे तो उन्हें शांत करना आसान हो जाएगा।
कितनी बार कराएं फीडिंग
बच्चा कितनी बार फीडिंग करता है यह उनकी उम्र पर निर्भर करता है। नवजात बच्चे को बड़े बच्चे की तुलना में ज्यादा बार फीडिंग करानी होती है। नवजात बच्चे को हर दो या तीन घंटे में फीडिंग कराएं। यानी 24 घंटे में उन्हें 12 बार फीडिंग कराएं। नवजात बच्चे हर फीडिंग में दो से तीन ओंस दूध पीते हैं। क्योंकि नवजात बच्चे का पेट छोटा होता है इसलिए वह थोड़ा—थोड़ा कई बार फीडिंग करता है। एक महीने का होने के बाद उसे हर फीडिंग में करीब 4 से 6 औंस दूध की जरूरत होती है। साथ ही दो फीडिंग के बीच समय भी बढ़ जाता है। 6 महीने का हो जाने पर बच्चे को हर दिन 24 से 30 औंस की जरूरत होती है, जो 4 से 6 फीडिंग के जरिए आता है।
बच्चे के नेचुरल फीडिंग शिड्यूल के लिए उनके संकेतों का अनुसरण करें। इस बात का ध्यान रहें कि शिड्यूल पूरे साल के दौरान कई बार बदल सकता है। खासकर तब जब बच्चे का विकास तेजी से होता है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version