
त्वचा का कैंसर मिलानोसाईट्स (melanocytes) सेल्स में होता है, जिसे मेलानोमा कहते हैं। मेलेनोमा एक ऐसा कैंसर है जो मेलोनोसाईट्स में होता है और जो त्वचा के रंग का निर्माण करता है, इसे मिलेनिन के नाम से जानते हैं।
त्वचा कैंसर के सभी तरह के कैंसर का सबसे आम है। हर साल त्वचा कैंसर के एक मिलियन से ज्यादा मामले सामने आते हैं। त्वचा का कैंसर मिलानोसाईट्स (melanocytes) सेल्स में होता है, जिसे मेलानोमा कहते हैं। स्किन कैंसर, स्किन के बाहरी हिस्से में होता है। स्किन कैंसर की ज्यादातर समस्याएं धूप में रहने वाले उन बुजुर्ग लोगों में होती है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। अमेरिका में त्वचा के कैंसर से ग्रसित लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।
मेलेनोमा स्किन कैंसर क्या है
मेलेनोमा एक ऐसा कैंसर है जो मेलोनोसाईट्स में होता है और जो त्वचा के रंग का निर्माण करता है, इसे मिलेनिन के नाम से जानते हैं। मिलेनिन सूर्य की खतरनाक प्रभाव से त्वचा की गहराई से रक्षा करता है। शुरुआती अवस्था में पता चलने पर मेलेनोमा का ईलाज संभव है। मेलेनोमा त्वचा कैंसर एक गंभीर स्किन कैंसर है जो अन्य त्वचा कैंसर की अपेक्षा काफी खतरनाक होता है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2012 में अब तक त्वचा कैंसर के 75000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
पहचान
अमेरिकी रसायन वैज्ञानिकों ने त्वचा कैंसर से निकलने वाली एक गंध की पहचान की है। इस अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनकी खोज से इस घातक बीमारी की पहचान और इलाज में मदद मिलेगी। स्कैनर के त्वचा पर फिराने से ही रोग की पहचान हो जाती है।
बेसल व स्क्वैमस स्किन कैंसर क्या है
इस तरह की त्वचा के कैंसर मेलानोमा कैंसर नहीं होते हैं। यह आमतौर पर बेसल व स्क्वैमस कोशिकाओं में होते हैं जिससे इनको इसी नाम से जाना जाता है। यह कोशिकाएं त्वचा के बाहरी आधार पर पाई जाती हैं। गैर मेलेनोमा स्किन कैंसर त्वचा के उस भाग में होता है जो सूर्य की रोशनी में पड़ते हैं जैसे चेहरा, कान, गला, ओंठ और हाथ का पिछला हिस्सा। स्किन कैंसर किस तरह का है और शरीर के किस भाग में हैं इस पर उसका विकास निर्भर करता है। कभी कभी यह शरीर के अन्य हिस्से में भी हो सकता है। बेसल व स्क्वैमस कोशिकाओं में होने वाले स्किन कैंसर का जल्द पता लगने पर इसका पूरी तरह से ईलाज संभव है।
धूप में ज्यादा देर तक बाहर रहने के अलावा जिन लोगों का रंग ज्यादा सफेद होता है उनमें सनबर्न होने की ज्यादा संभावना होती है। व्यावसायिक जोखिम (जैसे तारकोल, कारबोलिक अम्ल या तेज़ाब, आर्सेनिक यौगिकों का काम करने वाले लोगों में त्वचा कैंसर का खतरा होता है)। वहीं परिवार में किसी सदस्य को त्वचा कैंसर होने से अन्य लोगों में होने का खतरा होता है।
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