
आपने अकसर अपने बड़े को कहते सुना होगा कि उत्तर दिशा में सिर रख कर नहीं सोना चाहिये। लेकिन भला इसके पीछे की वजह क्या है? क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है? यदि ऐसा है तो वो क्या कारण है फिर कौंन सी दिशा में सर रखकर सोना ठीक होता है? आज हम आपको इस सभी सवालों के जवाब देने जा रहे हैं। चलिये जानें क्या हैं इन सवालों के तथ्यों से भरपूर जवाब -
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कैसे सोने की दिशा करती है प्रभावित
हमारा दिल शरीर के तीन-चौथाई भाग में ऊपर की ओर मौजूद होता है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ रक्त को ऊपर की ओर पहुंचाना नीचे की ओर पहुंचाने से ज्यादा कठिन होता है। दरअसल हमारी जो रक्त शिराएं शरीर में ऊपर की ओर जाती हैं, वे नीचे की ओर जाने वाली धमनियों के बनिस्पद बहुत परिष्कृत होती हैं। पर दिमाग में जाते समय ये लगभग बालों जितनी पतली होती हैं। इतनी पतली कि ये एक अतिरिक्त रक्त की बूंद को भी ऊपर नहीं ले जा सकती हैं। इस पर अतिरिक्त दबाव पड़ने पर ये फट सकती हैं और हैमरेज (रक्तस्राव) हो सकता है।
आमतौर पर देखा जाता है कि 35 साल की उम्र के बाद बुद्धिमत्ता का स्तर कई रूपों में गिर जाता है जब तक कि हम इसे बनाए रखने के लिए बहुत मेहनत न करें। गलत दिशा में सोने पर इन धमनियों को नुकसान हो सकता है। ऐसा गलत दिशा में सोने पर दिमाग पर पड़ने वाले चुंबकीय खिंचाव के कारण होता है।
उत्तर दिशा में सर रखकर सोना नुकसानदायक
रक्त से संबंधित कोई समस्या, जैसे एनीमिया या रक्ताल्पता आदि होने पर डॉक्टर आपको आयरन या लौह तत्व लेने की सलाह देता है। क्योंकि यह रक्त का एक बेहद महत्वपूर्ण तत्व होता है। पृथ्वी के भी चुंबकीय क्षेत्र (मैगनेटिक फील्ड) होते हैं। तो यदि आप उत्तर दिशा की ओर सिर कख कर 5 से 6 घंटों तक उस तरह रहते हैं, तो चुंबकीय खिंचाव आपके दिमाग पर दबाव डालने लगता है।
उदाहरण के तौर पर जब शरीर क्षैतिज स्थिति में होता है, तो तुरंत नाड़ी की गति को धीमा होता महसूस किया जा सकता है। शरीर यह बदलाव इसलिए लाता है क्योंकि यदि रक्त उसी स्तर पर पंपहोता रहेगा, तो सिर में जरूरत से ज्यादा रक्त जा सकता है और गंभार नुकसान पहुंच सकता है। तो यदि कोई अपना सिर उत्तर दिशा की ओर रखता है और 5 से 6 घंटों तक उसी स्थिति में रहता है, तो चुंबकीय खिंचाव सीधा दिमाग पर दबाव डालता है।
एक निश्चित आयु को पार कर लेने के बाद रक्त शिराएं कमजोर होने लगती हैं तो लगातार गलत दिशा में सर रख कर सोने से रक्तस्राव और लकवे के साथ स्ट्रोक भी हो सकता है। हालांकि ज़रूरी नहीं कि ऐसा सभी के साथ हो। कई लोगों को गलत दिशा में सोने पर उत्तेजित या परेशान होकर जागजानें जैसी समस्या हो सकती है। क्योंकि सोते समय दिमाग में जितना रक्त संचार होना चाहिए, उससे ज्यादा होता है। एक-दो दिन में इससे कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन लंबे समय तक लगत दिशा में सिर रख कर सोने से समस्याएं हो सकती हैं।
तो भला किस दिशा में सिर रख कर सोना ठीक होता है?
सोते समय सिर करने के लिये पूर्व सबसे अच्छी दिशा होती है। पूर्वोत्तर ठीक है, पश्चिम भी ठीक रहती है। यदि कोई विकल्प न हो तो दक्षिण दिशआ में सिर रखकर भी सोया जा सकता है। लेकिन उत्तर दिशा में सर रख कर सोना बिल्कुल ठीक नहीं है। जब तक आप उत्तरी गोलार्ध में हैं, यही सही है – उत्तर के अलावा किसी भी दिशा में सिर करके सोया जा सकता है। लेकिन दक्षिणी गोलार्ध में होने पर दक्षिण दिशा की ओर सिर करके न सोएं।
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