
जहां एक ओर पहले पलकों की सर्जरी में चीरे को जोड़ने के टांके लगाये जाते थे, अब टांके की जगह एक ग्लू (गोंद) का प्रयोग किया जा सकेगा।
शरीर पर कोई कट या चोट लग जाने पर उसे ठीक करने के लिए पहले भी ग्लू का उपयोग किया जाता रहा है। लेकिन अब पलकों की कोस्मेटिक सर्जरी में भी चीरे को बंद करने के लिए टांके की जगह ग्लू का प्रयोग किया जा रहा है। अभी तक दोनों पलकों को जोड़ने के लिए टांके लगाए जाते थे, जिससे मरीज को काफी दर्द और परेशानी होती थी। टांके लगाने की बात सुनकर मरीज को डर भी लगता है। लेकिन अब इसके लिए ग्लू का इस्तेमाल किया जा रहा है। और ये टांके के मुकाबले काफी सहज और कम कष्ट वाली प्रक्रिया भी है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस ग्लू से कट को जोड़ने पर वह टांके की तुलना में जल्दी ठीक हो जाता है।
सर्जरी में लगे कट को जोड़ने वाले ग्लू को फाइब्रिन ग्लू कहते हैं। सर्जरी में ग्लू का प्रयोग करने वाले शुरुआती लोगों में से एक विशेषज्ञ डॉ जूलियन डी सिल्वा के अनुसार "फाइब्रिन ग्लू कोई सुपर ग्लू नहीं है। फाइब्रिन ग्लू को दो जटिल प्रोटीनों थ्रोंबिन और फाइब्रिर्नोजेन से बनाया गया है। लिक्विड के रूप में मौजूद इन प्रोटीनों को किसी जमे हुए उत्पाद के रूप में रखा जा सकता है।
किसी कट या घाव को जोड़ने के लिए पहले इन दोनों प्रोटीनों को पिघलाया जाता है और फिर दोनों को एक साथ मिलाकर कट पर लगाया जाता है।
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