
बॉडी पेन को दूर करने के लिए रेकी तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? इस थेरेपी में एनर्जी की मदद से गंभीर चोट या बीमारी का दर्द, टेंशन, डिप्रेशन आदि दूर किया जा सकता है। आप मुख्य इलाज के साथ रेकी तकनीक को साइड से इस्तेमाल कर सकते हैं। रेकी थेरेपी, एक्युपंचर, मसाज और काउंसलिंग के साथ भी ली जा सकती है। रेकी का असर ब्लड प्रेशर या पल्स रेट पर नहीं पड़ता है इसलिए ब्लड प्रेशर, हॉर्ट मरीज या कोई भी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति इस थेरेपी को ले सकता है। रेकी थेरेपी के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते। ये आपकी सेहत को अच्छा करेगी या इसका कोई असर नहीं होगा पर कोई साइड इफेक्ट मरीजों में देखा नहीं गया है। रेकी एक्सपर्ट को अपने इलाके में ढूंढने के लिए ऑनलाइन सर्च का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप योगा क्लास या मसाज क्लीनिक से भी रेकी एक्सपर्ट की जानकारी ले सकते हैं। रेकी तकनीक दर्द को कैसे दूर करती है इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
क्रॉनिक पेन को ठीक करती है रेकी थेरेपी (Reiki cures chronic pain)
रेकी जापानी शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है। रे और की। रे का मतलब है प्राणशक्ति और की का मतलब है ऊर्जा। यानी ऊर्जा की मदद से दर्द का निवारण। इस थेरेपी से क्रॉनिक पेन दूर होता है। क्रॉनिक पेन वो दर्द है जो लंबे समय से आपके शरीर में बना है। ये दर्द कई हफ्तों से लेकर कई सालों का भी हो सकता है। कई लोगों को लंबी बीमारी का गंभीर चोट के चलते कई साल दर्द का शिकार बने रहना पड़ता है ऐसे में आप रेकी तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये दर्द कैंसर, अर्थराइटिस, फाइबोमाइलगिया, स्पाइन या किसी और अन्य बीमारी के चलते भी हो सकता है। जिन लोगों को शरीर के किसी हिस्से में असहनीय दर्द है जिसे छूना भी मुमकिन नहीं है वो लोग इस थेरेपी को ले सकते हैं क्योंकि इस थेरेपी में दूर से ही आपको थेरेपी दी जाती है, इसमें छूने की जरूरत नहीं पड़ती इसलिए इस थेरेपी को नो-टच थेरेपी भी कहा जाता है।
रेकी थेरेपी से दर्द को कैसे ठीक किया जाता है? (Reiki can heal body pain caused by accident or disease)
रेकी जपान की तकनीक है जिसमें एनर्जी की मदद से दर्द ठीक किया जाता है। इसे एक कॉम्प्लिमेंट्ररी हेल्थ थेरेपी के तौर पर देखा जाता है। इसमें नैचुरल तरीके से दर्द ठीक किया जाता है। रेकी तकनीक काफी हद तक दर्द, टेंशन या स्ट्रेस को कम करने में कारगर है। कैंसर के मरीजों को खासकर ये थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है। साल 2015 में हुई एक रिसर्च के दौरान कैंसर के मरीजों पर रेकी तकनीक का असर देखने के लिए एक्सपेरिमेंट किया गया। शोध में ये बात सामने आई कि थेरेपी लेने वाले लोगों का दर्द काफी हद तक कम हुआ वहीं गर्भवती महिलाओं पर भी साल 2015 में किए गए शोध में ये बात सामने आई कि थेरेपी लेने वाली महिलाओं को डिलीवरी के बाद आराम मिला।
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रेकी थेरेपी का शरीर पर क्या असर पड़ता है? (Effect of reiki therapy on body)
रेकी थेरेपी के इस्तेमाल से डिप्रेशन कम होता है। कई बार तेज दर्द होने पर हम डिप्रेशन में चले जाते हैं। रेकी के इस्तेमाल से आपको दर्द से तो मुक्ती मिलेगी ही साथ ही आपका मन भी शांत होगा और डिप्रेशन कम होगा। रेकी थैरेपी से सेल्फ-कॉन्फिडेंस बढ़ता है। दिमाग शांत होता है जिससे बॉडी पेन का अहसास भी दूर होता है। रेकी को आप सिर दर्द, टेंशन दूर करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस थेरेपी से मूड भी अच्छा रहता है। रेकी एक्सपर्ट आपकी बॉडी के आसपास अपने हाथों को घुमाएगा। उनके हाथ आपकी बॉडी को हल्के से छू सकते हैं या आपको केवल ऊपर से महसूस होगा। सेशन के बाद आपको बॉडी में गर्मी या झुनझुनी जैसे सेंसेशन हो सकते हैं। कुछ लोग सेशन के दौरान पुरानी यादों को भी याद करने की बात बताते हैं। आपके अनुभव और गहरे होते जाते हैं अगर आप लंबे समय से रेकी सेशन ले रहे हैं।
रेकी सेशन कितनी देर का होता है? (Duration of reiki therapy)
एक रेकी सेशन 20 से 90 मिनट का हो सकता है। पहले अपॉइंटमेंट में आप रेकी एक्सपर्ट से मिलेंगे, उन्हें अपना परिचय देंगे और रेकी सेशन से आपकी उम्मीदों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा आपको रेकी सेशन का प्रोसेस बताया जाएगा। आप अगर किसी बीमारी या चोट के दर्द को ठीक करने के लिए रेकी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको एक्सपर्ट को अपने लक्षण और दर्द की तीव्रता आदि की जानकारी देनी होगी। रेकी सेशन में आपको एक टेबल या मैट पर लेटने के लिए कहा जाएगा। आपके ऊपर एक चादर डाली जाएगी और कई सेशन में रिलैक्सिंग म्यूजिक बैकग्राउंड में बजता रहता है। सेशन में एक्सपर्ट आपसे बात नहीं करेंगे पर अगर आप उनसे कुछ शेयर करना चाहते हैं तो आप सेशन के दौरान कह सकते हैं जैसे आप शरीर के किस हिस्से में ज्यादा फोकस करना चाहते हैं आदि।
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सेशन से पहले और बाद में क्या करें? (Before and after of a Reiki session)
सेशन में जाने से पहले आपको साफ और आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए। सेशन में कोशिश करें कि कपड़े ढीले हों। आप कॉटन, लिनेन पहन सकते हैं। इसके अलावा जूते उतार दें, गहने और चश्मे भी उतारकर रख दें। अगर आपके पास मोबाइल है तो उसे सेशन शुरू होने से पहले बंद कर दें। ये शांति भंग कर सकता है। सेशन के बाद आपको बहुत सारा पानी पीना चाहिए। कुछ लोगों को सेशन के बाद शांति, शरीर में एनर्जी का अहसास होता है वहीं कुछ लोगों को सेशन के बाद थकान होती है।
रेकी में क्रिसटल्स का इस्तेमाल क्यों होता है? (Use of crystals during reiki)
रेकी तकनीक में क्रिसटल्स का इस्तेमाल होता है। क्रिसटल्स की मदद से दर्द कम किया जाता है। इसका साइकोलॉजिकल इफेक्ट मरीज पर पड़ता है। रेकी के लिए कई तरह के क्रिसटल्स इस्तेमाल किए जाते हैं जिनमें रोज़ क्वॉर्टस, एमिथिएस्ट, टोपॉज़, टोरमलाइन, एक्वामेरीन आदि शामिल हैं। क्रिसटल्स को मरीज के शरीर के ऊपर या उसके पास रखा जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे मरीज को आराम मिलता है।
रेकी से ओवरऑल हेल्थ सुधरती है पर अगर आप किसी गंभीर बीमारी के लिए रेकी तकनीक का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से पहले सलाह लें।
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