
बच्चों की देखभाल करना बच्चों का काम नहीं है। जो पहली बार माता-पिता बने हैं उनके लिए अलग तरह की चुनौती होती है। बड़े और बोलने वाले बच्चे अपने दुख और दर्द बता सकते हैं लेकिन छोटे बच्चों को अगर भूख लगती है या फिर दर्द होता है तब वे सिर्फ रोते हैं। रात में किसी भी वक्तत बच्चा जागकर रोने लगता है। कई बार बच्चे भूख की वजह से रोते हैं, लेकिन कभी-कभी वे दर्द के कारण भी रोने लगते हैं। दूध पिलाने के बाद भी वे चुप नहीं होते। ऐसे में रिफ्लेक्सोलॉजी का सहारा लीजिए। इस लेख में हम आपको इस तकनीक और इसे प्रयोग की विधि के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
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क्या है रिफ्लेक्सोलॉजी
रिफ्लेक्सोलॉजी एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है। जिसका प्रयोग भारत सहित दुनिया के कई देशों में होता है। रिफ्लेक्सोलॉजी चिकित्सा विधि में बिना तेल या लोशन का प्रयोग किये अंगूठे, अंगुली और हाथ के जरिये हाथों, पैरों और सिर पर दबाव बनाया जाता है। रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट का दावा है कि यह जोन और रिफ्लेक्स क्षेत्र की प्रणाली पर आधारित है, जिसमें पैर और हाथ पर शरीर की एक छवि प्रतिबिंबित होती है और यह इसी आधार पर काम करता है। तनाव, ,ब्लड प्रेशर, कमरदर्द, सिरदर्द, आदि समस्याओं को इससे आसानी से दूर किया जा सकता है।
बच्चे और रिफ्लेक्सोलॉजी
बच्चे जब भूखे, थके, बीमार होते हैं या फिर जब वे पेशाब या मल त्यागते हैं तब भी रोने लगते हैं। इसके कारण बच्चे किसी भी समय उठ जाते हैं। ऐेसे में आप उनका डायपर बदलते हैं या फिर उनको दूध पिलाते हैं। लेकिन जब जब बच्चा भूखा न हो या फिर डायपर न बदलना हो और वह रोये तब समझिये कि मामला कुछ और है।
ऐसे में आप रिफ्लेक्सोलॉजी तकनीक का सहारा ले सकते हैं। उनके पैरों में कुछ ऐसे प्वाइंट्स यानी बिंदु होते हैं जिनको दबाकर आप बच्चे को चुप करा सकते हैं। यदि आप अपने बच्चे का रोना बंद करवाना चाहते हैं तो उसके पैरों पर दो प्वाइंट्स को दबाएं। इन बिंदुओं को दबाने से बच्चे की गैस या दर्द की समस्या दूर हो जायेगी।
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कहां-कहां दबाएं
बच्चे के पैरों की उंगलियों को धीरे धीरे दबाकर आप उसके सिरदर्द की समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके लिए प्रत्येक उंगली को लगभग 3 मिनट तक दबायें। इसके अलावा बच्चे के पैर के मध्य भाग के ठीक नीचे दबाने से बच्चे को गैस के कारण होने वाले दर्द से आराम मिलता है। जब दर्द कम हो जाता है तो बच्चे को आराम मिलता है और उसका रोना बंद हो जाता है। इसके अलावा साइनस, फेफड़े की समस्या, पेट की समस्या के लिए भी रिफ्लेक्सोलॉजी का प्रयोग कर सकते हैं।
यदि इस तकनीक को अपनाने के बाद भी बच्चे का रोना बंद न हो तो चिकित्सक से तुरंत सलाह लें।
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