
Reasons for Getting Stretch Marks in Hindi: आपने देखा होगा कुछ लोगों की त्वचा पर खिंचाव के निशान होते हैं। यह एक प्रकार के निशान होते हैं, जिन्हें स्ट्रेच मार्क्स कहा जाता है। आमतौर पर यह त्वचा के सिकड़ने और फैलने पर होते हैं। यह निशान पेट, कंधे, जांघों और स्तन के आस-पास ज्यादा दिखाई देते हैं, चूंकि इन हिस्सों में खिंचाव ज्यादा होता है। वैसे तो स्ट्रेच मार्क्स होने के पीछे वजन बढ़ने, बॉडी बिल्डिंग करना और कई बार प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को स्ट्रेच मार्क हो सकते हैं। यह निशान काफी पतले होते हैं, लेकिन यह देखने में आपके लुक को प्रभावित कर सकते हैं। आइये फिटनेस कोच और हेल्थ एक्सपर्ट प्रियांक मेहता से जानते हैं स्ट्रेच मार्क्स की समस्या क्यों होती है।
स्ट्रेच मार्क्स क्यों होते हैं?
स्ट्रेच मार्क्स की समस्या आमतौर पर कोलेजन और इलास्टिन फाइबर के स्ट्रेच होने से जुड़ी होती है। हमारी त्वचा 3 तरह की लेयर से मिलकर बनी होती हैं, जिसमें से एक है डर्मिस। इसमें इलास्टिन फाइबर और कोलेजन मिलकर त्वचा के स्ट्रक्चर को बनाते हैं। स्ट्रेच मार्क्स तब होते हैं, जब हमारी शरीर में तेजी से बदलाव होते हैं, लेकिन हमारी त्वचा उस गति से खुद को नहीं बदल पाती है। इस स्थिति में डर्मिस लेयर में स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं।
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स्ट्रेच मार्क्स के कारण
- स्ट्रेच मार्क्स आमतौर पर प्यूबर्टी होने पर होते हैं, जब कई हार्मोनल बदलावों के कारण शरीर में परिवर्तन होते हैं।
- स्ट्रेच मार्क्स की समस्या तब होती है, जब वजन या तो तेजी से बढ़ता है या तेजी से घटने लगता है। इससे त्वचा पर निशान बन जाते हैं।
- कई बार प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं में यह समस्या होती है।
- कई बार बीमारियों और दवाओं के ज्यादा सेवन से भी ऐसा हो सकता है।
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स्ट्रेच मार्क्स ठीक करने के लिए क्या करें?
स्ट्रेच मार्क्स ठीक करने के लिए आप हायलूरोनिक एसिड और रेटिनॉइड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप स्ट्रेच मार्क्स पर कोक बटर भी लगा सकते हैं। साथ ही विटामिन ए, सी और विटामिन ई से भरपूर डाइट लेने से कोलेजन की मात्रा बढ़ती है और स्ट्रेच मार्क्स कम होते हैं।
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