ह्यूस्टन। अमेरिका में हुए नए शोधों के मुताबिक एक्सटर्नल बीम रेडिएशन ट्रीटमेंट ‘प्रोटोन थेरैपी’ प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए सुरक्षित और प्रभावकारी साबित हो चुकी है। जैक्सोनिविल में फ्लोरिडा विविद्यालय के पहले अध्ययन में शोधकर्ताओं ने भावी, कम, मध्यम और सबसे खतरनाक प्रोस्टेट कैंसर के 211 पुरुषों का अध्ययन किया। इनका इलाज विशेष प्रकार की एक्टर्नल बीम रेडियएशन थैरेपी ‘प्रोटोन थेरैपी’ से किया गया। इसमें एक्स रे की बजाय प्रोटोन का इस्तेमाल किया जाता है।
करीब दो साल बाद यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा प्रोटोन थेरैपी इंस्टीट्यूट में प्रबंध निदेशक नैंनी मेंडेन्हाल के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के एक दल ने पाया कि यह इलाज प्रभावकारी है और इसके साइड-इफेक्ट काफी कम हैं। डॉ. मेंडेन्हाल ने कहा, ‘यह अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भविष्य में सामान्य ऊतकों के दिशानिर्देशों को बनाने में मददगार साबित होगा।’ दूसरे शोध में बोस्टन के मैसाचुसेट्स जनरल हास्पिटल , लोम लिंडा में लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर तथा फिलाडेल्फिया में रेडिएशन थेरैपी ओंकोलॉजी ग्रुप में अध्ययनकर्ताओं ने फोटोन (एक्स रे) इस्तेमाल करके हाइ डोज एक्सटरनल बीम रेडिएशन थैरेपी और ब्रेचथेरैपी (रेडियोएक्टिव सीड इंप्लांट) के साथ प्रोटोन का तुलनात्मक विश्लेषण किया। तीन साल से ज्यादा समय में 196 मरीज एक्सटर्नल बीम इलाज ले चुके हैं।
यह अध्ययन जनवरी में जारी इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओंकोलॉजी बायोलॉजी फिजिक्स (रेड जर्नल), द अमेरिकन सोसाइटी फॉर रेडिएशन ओंकोलॉजीस में प्रकाशित हो चुका है।
शोधकर्ताओं ने भावी, कम, मध्यम और सबसे खतरनाक प्रोस्टेट कैंसर के 211 मामलों का अध्ययन किया तीन साल से ज्यादा समय में 196 मरीज एक्टर्नल बीम इलाज ले चुके हैं।
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