प्रायपिज्म के कारण लिंग में हो सकता है तनाव, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज के तरीके

प्रायपिज्म पुरुषों को होने वाली एक गंभीर समस्या है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस समस्या के कारण, लक्षण और इलाज के तरीके
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प्रायपिज्म के कारण लिंग में हो सकता है तनाव, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज के तरीके

पुरुषों और महिलाओं का शरीर एक-दूसरे से काफी अलग होता है। साथ ही इनके हार्मोंस भी काफी अलग-अलग होते हैं। इसलिए कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं, जो सिर्फ महिलाओं को होती हैं। वहीं, कुछ ऐसी बीमारियों होती हैं, जो सिर्फ पुरुषों को ही होती हैं। इन्हीं बीमारियों  में से एक है प्रायपिज्म। यह पुरुषों को होने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिसमें पुरुषों को लगातार या रूक रूक कर लिंग में काफी ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है।  नोएडा स्थित निराम्या द माइंड सेंटर के सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर संजीव कालरा बताते हैं कि यह एक असामान्य समस्या है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। हालांकि, 30 से अधिक उम्र के पुरुषों में आमतौर पर यह समसया अधिक देखी गई है। डॉक्टर का कहना है कि जब पुरुषों के पेनिस में ब्लड फ्लो सही तरीके से नहीं होता है, तो यह परेशानी हो सकती है। चलिए जानते हैं प्रायपिज्म के कारण, लक्षण और इलाज के तरीके-

प्रायपिज्म के प्रकार (Types of Priapism)

डॉक्टर बताते हैं कि प्रायपिजम को दो प्रकारों में बांटा गया है। हाई फ्लो प्रायपिज्म और लो फ्लो-प्रायपिज्म-

हाई-फ्लो प्रायपिज्म

हाई फ्लो प्रायपिज्म बहुत ही दुर्लभ मामलों में देखा गया है। यह समस्या आमतौर पर लिंग में मौजूद धमनी के फटने की वजह से होती है। लिंग में किसी तरह के चोट लगने की वजह से हाई-फ्लो प्रायपिज्म होने की संभावना होती है। इसके अलावा क्षतिग्रस्त पेरेनियम (अंडकोष और गुदे के बीच का हिस्सा) की वजह से भी हाई फ्लो प्रायपिज्म हो सकता है।  

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लो फ्लो प्रायपिज्म

पेनिस के तनाव वाले हिस्से में ब्लड फ्लो रूक जाने की वजह से यह समस्या होती है। यह किसी स्वस्थ व्यक्ति को भी हो सकता है। लो फ्लो प्रायपिज्म के अंदरुनी कारणों का पता नहीं चल पाता है। हालांकि, कुछ विशेष स्थिति जैसे- ल्यूकेमिया, मलेरिया और सिकल सेल एनीमिया की वजह से भी यह समस्या पुरुषों को हो सकती है।

प्रायपिज्म के लक्षण (Symptoms of Priapism)

प्रायपिज्म के प्रकारों के आधार पर इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। जानते हैं इस बारे में-

  • लो फ्लो प्रायपिज्म
  • पेनिस में दर्द
  • 4 घंटे से अधिक समय तक इरेक्शन होना।
  • इरेक्शन ऐसा होना जिसमें पेनिस का ऊपरी हिस्सा सॉफ्ट रहता है।
  • बार-बार इरेक्शन होना।

एक्सपर्ट बताते हैं कि लो फ्लो की तरह की हाई फ्लो प्रायपिज्म के लक्षण होते हैं। इनके बीच अंतर सिर्फ इतना ही कि हाई फ्लो प्रायपिज्म में दर्द नहीं होता है। 

डॉक्टर को कब दिखाने की है जरूरत?

लगातार 2 घंटे से अधिक समय तक लिंग में बिना वजह तनाव महसूस हो तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। पेनिस में बिना बात के घंटों अनैच्छिक तनाव रहना एक गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है।

प्रायपिज्म के कारण (Causes of Priapism)

जब किसी पुरुष को उत्तेजना महसूस होती है, तो उनके लिंग के ऊतकों में ब्लड फ्लो शुरू हो जाता है। इस प्रक्रिया में जब ऊतकों में ब्लड भर जाता है, तो लिंग में तनाव उत्पन्न होता है। वहीं, जैसे ही उत्तेजना कम होती है, तो धीरे-धीरे ब्लड लिंग से बाहर होने लगता है और लिंग में उत्पन्न तनाव कम हो जाता है। लेकिन जब इस प्रक्रिया में किसी तरह की रुकावट उत्पन्न होने लगती है, तो पुरुष प्रायपिज्म का शिकार हो सकता है। यह रुकावट कई कारणों से हो सकता है। जैसे-

  • ल्यूकेमिया
  • मल्टीपल मायलोमा
  • ब्लड में किसी तरह का विकार
  • सिकल सेल एनीमिया
  • थैलेसीमिया

इसके अलावा कुछ अन्य कारणों से भी प्रायपिज्म की समस्या हो सकती है। जैसे-

दवाएं- नर्व को प्रभवित करने वाली दवाइयों के कारण भी  पुरुषों को प्रायपिज्म हो सकती है। 

ड्रग्स - कुछ मामलों में ड्रग का इस्तेमाल करने से भी पुरुषों को यह समस्या हो सकती है। 

कैंसर- कैंसर की कोशिकओं के बढ़ने के कारण भी प्रायपिज्म हो सकत है। 

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चोट लगना- पेनिस में किसी तरह कि चोट लगने की वजह से भी ब्लड क फ्लो कम हो जाता है, जिसके कारण पुरुषों को यह परेशानी हो सकती है। 

मानसिक तनाव - कुछ मामलों में मानसिक तनाव की वजह से भी यह परेशानी देखी गई है। जैसे- एंजाइटी डिसॉर्डर  

इत्यादि कई अन्य कारणों से पुरुषों को प्रायपिज्म हो सकता है।

प्रायपिज्म का निदान (Diagnosis of Priapism)

प्रायपिज्म का लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर शुरुआत में आपके कुछ सवाल कर सकते हैं। जिसके आधार पर यह जानने की कोशिश की जाती है कि आपको किस प्रकार का प्रायपिज्म है और इसका प्रमुख कारण क्या है। जब डॉक्टर को प्रायपिज्म होने का संदेह होता है, जो वह आपसे कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है। जैसे-

  • ब्लड टेस्ट
  • ब्लड गैस मेजरमेंट
  • अल्ट्रॉसाउंड
  • टॉक्सिकोलॉजी टेस्ट इत्यादि।

प्रायपिज्म का इलाज (Treatment of Priapism)

प्रायपिज्म होने पर डॉक्टर निम्न तरीके से इलाज कर सकते हैं।

दवाएं - कुछ मामलों में डॉक्टर दवाई के जरिए प्रायपिज्म ठीक करने की कोशिश करते हैं। इसमें डॉक्टर मरीज को इंजेक्शन के जरिए दवाई देते हैं।  

एस्पिरेशन - इसमें डॉक्टर इंजेक्शन के जरिए लिंग में जमा रक्त को बाहर निकालने की कोशिश करता है। इससे लिंग का दबाव कम करने की कोशिश की जाती है।

सर्जरी - गंभीर मामलों में डॉक्टर आपको सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। 

इसके अलावा कुछ मामलों में घरेलू उपचार के जरिए भी आप इस समस्या को ठीक कर सकते हैं। कुछ डॉक्टर बर्फ से सिंकाई करने की सलाह देते हैं। जिससे लिंग में आए तनाव को कम करने की कोशिश की जाती है। 

ध्य़ान रखें कि सेक्सुअल डिजीजी से जुड़ी परेशानियों को नजरअंदाज न करें। अगर आपको किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। ताकि आपका सही समय पर इलाज किया जा सके। 

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