मानसून में क्यों बढ़ जाते हैं हेपेटाइटिस A और E (लिवर इंफेक्शन) के मामले, जानें कारण, लक्षण और बचाव के टिप्स

मानसून में हेपेटाइटिस ए और ई के मामलाें में वृद्धि हाेने लगती है। जानें क्या है इन दाेनाें में अंतर? कैसे बचें हेपेटाइटिस ए और ई से-
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मानसून में क्यों बढ़ जाते हैं हेपेटाइटिस A और E (लिवर इंफेक्शन) के मामले, जानें कारण, लक्षण और बचाव के टिप्स


हेपेटाइटिस ए और ई क्या है? हेपेटाइटिस ए और ई आरएनए वायरस हैं,  जो लीवर की सूजन का कारण बनते हैं। दोनों वायरस मुख्य रूप से दूषित भोजन या पानी और अपर्याप्त स्वच्छता के कारण हाेते हैं। इतना ही नहीं यह रक्त, मल के माध्यम से भी फैलता है।

ग्लोबल हॉस्पिटल, परेल, मुंबई की  कंसल्टेंट पीडियाट्रिक हेपेटोलॉजिस्ट डॉक्टर आरती पवारिया (Dr Arti Pawaria, Consultant Pediatric Hepatologist, Global Hospital, Parel, Mumbai) बताती हैं कि दाेनाें संक्रमण (हेपेटाइटिस ए और ई) के मामले मानसून के मौसम में बढ़ते हैं। इस मौसम में दूषित भाेजन, दूषित पानी पीने से इसके मामलाें में वृद्धि देखने काे मिलती है।

वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद  2-7 हफ्ताें के बाद यह बीमारी शुरू हाेती है। यह लिवर फेलियर का कारण बन सकता है। केरल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र से हेपेटाइटिस ए और ई के प्रकोप की सूचना मिली है, जिससे बच्चे और वयस्क प्रभावित हुए हैं। वृद्ध आयु समूहों में, हेपेटाइटिस ई, हेपेटाइटिस ए की तुलना में अधिक है। 

hepatitis

बच्चाें में हेपेटाइटिस ए? 

हेपेटाइटिस ए वायरस संक्रमण भारत में पीडियाट्रिक लिवर की बीमारी का सबसे आम कारण है। इसकी गंभीरता सीधी क्लिनिकल एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस से लेकर एक्यूट लीवर फेल्योर तक होती है। 

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हेपेटाइटिस ए के लक्षण (Hepatitis A Symptoms)

  • पेट दर्द 
  • बुखार
  • कमजाेरी और थकान
  • जी मिचलाना
  • दस्त 
  • भूख में कमी
  • पीलिया जैसे त्वचा और आंखाें का रंग पीला हाेना
  • पेशाब का रंग गहरा हाेना

हेपेटाइटिस ई के लक्षण (Hepatitis E Symptoms)

  • हल्का बुखार
  • भूख कम लगना
  • चक्कर आना
  • उल्टी महसूस हाेना
  • ऊपरी पेट में हल्का दर्द हाेना
  • कमजाेरी और खुजली
  • त्वचा और आंखाें का रंग पीला हाेना
  • पेशाब का रंग पीला हाेना

hepatitis E

हेपेटाइटिस ए और ई के बीच अंतर क्या हैं? 

  • - सभी हेपेटाइटिस ए के राेगियाें में 3/4 राेगी 19 वर्ष की आयु के हैं। जबकि एचईवी यानी हेपेटाइटिस ई के राेगियाें में 3/4 राेगी 20 साल से अधिक आयु के हैं।
  • - हेपेटाइटिस ए के कारण हाेने वाली बीमारी उम्र से संबंधित है। इसमें बच्चाें में क्लीनिकल राेग कम हाेता है, जबकि किशाेराें और वयस्काें में संक्रमण का अधिक जाेखिम हाेता है। 
  • - हेपेटाइटिस ए कभी-कभी दाेबारा हाे जाता है। इसका मतलब है, जाे व्यक्ति अभी ठीक हुए है, वह दाेबारा बीमार पड़ जाता है।
  • - हेपेटाइटिस ए और ई के संक्रमण की जांच करने के लिए रक्त परीक्षण अलग-अलग है। हेपेटाइटिस ए के लिए एंटी एचएवी आईजीएम और हेपेटाइटिस ई के लिए एंटी एचईवी आईजीएम रक्त परीक्षण किया जाता है।

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डॉक्टर आरती पवारिया बताती हैं कि तेजी से घटते लीवर फंक्शन टेस्ट, परिवर्तित सेंसरियम और तीव्र लीवर फेलियर की विशेषताओं के मामले में अस्पताल में भर्ती होना जरूरी हाेता है। हेपेटाइटिस ई का संक्रमण प्रेगनेंसी में खतरनाक हाे सकता है। 

हेपेटाइटिस ए और ई के लिए बचाव टिप्स (Prevention Tips for Hepatitis A and E)

  • बिना पका और अधपका भाेजन पूरी तरह से अवॉयड करें। जैसे सलाद, कटे हुए फल, बाहर तैयार हाेने वाला जूस आदि।
  • मानसून में अस्वस्छ रूप से तैयार खाद्य पदार्थाें के सेवन से बचें।
  • स्वस्छ और साफ पानी पिएं।
  • व्यक्तिगत स्वस्छता का ध्यान रखें। जैसे भाेजन करने से पहले हाथ धाेएं। शौच से आने के बाद हाथ धाेएं।
  • हेपेटाइटिस ए के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावी टीका उपलब्ध है। 

अकसर मानसून में हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस ई के मामलाें में बढ़ाेत्तरी हाेती है। ऐसे में आपकाे अपने खाने-पीने की स्वच्छता पर खास ध्यान देने की जरूरत हाेती है। साथ ही लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। 

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