काेराेना वायरस के मामलाें की रफ्तार भले ही धीमी हाे गई है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है। इसके नए-नए म्यूटेशन या वैरिएंट्स निकलकर सामने आ रहे हैं, इसलिए आपकाे अभी भी काेविड-19 के सभी गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी हाेता है। काेराेना वायरस का सबसे जाेखिम भरा वैरिएंट डेल्टा है। डेल्टा वैरिएंट ने काफी लाेगाें काे अपनी चपेट में लिया है, साथ ही यह हर्ड इम्यूनिटी काे भी मुश्किल बना रहा है। ग्लाेबल हॉस्पिटल, मुंबई के सीनियर कंसल्टेंट, पल्माेनाेलॉजी और क्रिटिकल केयर डॉक्टर हरीश चाफले (Dr Harish Chafle, Senior Consultant, Pulmonology & Critical Care, Global Hospitals, Parel, Mumbai) से जानते हैं क्या है हर्ड इम्यूनिटी और कैसे डेल्टा वैरिएंट इसे कठिन बना रहा है?
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क्या है हर्ड इम्यूनिटी
हर्ड इम्यूनिटी तब बनती है, जब बड़ी आबादी वायरस के खिलाफ इम्यून हाे जाती है। हर्ड इम्यूनिटी वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनने से तैयार हाेती है। साथ ही बड़े पैमाने पर टीकाकरण हाेने पर भी हर्ड इम्यूनिटी बनती है। लेकिन काेराेना वायरस के डेल्टा वैरिएंट या म्यूटेशन ने हर्ड इम्यूनिटी काे कठिन बना दिया है।
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डेल्टा वैरिएंट हर्ड इम्युनिटी को क्यों कठिन बना रहा है?
डॉक्टर हरीश चाफले बताते हैं कि जितना ज्यादा कोरोनावायरस फैलता है, उतना ज्यादा अवसर उसे उन तरीकों से म्यूटेशन करने के लिए मिलते हैं, जो लोगों को प्राप्त प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता को बढ़ाते हैं। हालांकि डेल्टा वायरल लोड से जुड़ा हुआ है, जो कोरोना वायरस स्ट्रेन की तुलना में नए संक्रमित व्यक्तियों में 1,200 गुना अधिक है। जिससे हर्ड इम्यूनिटी आसानी से नहीं बन पा रही है और इसमें मुश्किल हाे रही है।
क्या वैक्सीन से खत्म हो जाएगा कोविड 19?
डॉक्टर हरीश चाफले बताते हैं कि काेराेना वायरस पर टीकों का प्रभाव कई कारकों पर निर्भर करता है।
1. इनमें टीकों की प्रभावशीलता शामिल है। इसमें देखा जाएगा कि टीके कितनी जल्दी लाेगाें तक पहुंच रहे हैं और कितने लाेगाें काे लग रहे हैं।
2.साथ ही काेराेना वायरस के नए वैरिएंट भी इस पर निर्भर करते हैं। काेराेना वायरस के टीके बेहद प्रभावकारी है, लेकिन यह शत प्रतिशत प्रभावी नहीं है। डॉक्टर चाफले बताते हैं कि टीका या वैक्सीन बीमारी को पूरी तरह खत्म करने में सक्षम नहीं होगा, लेकिन टीकाकरण में वृद्धि के साथ काेराेना वायरस की रफ्तार काे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
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डेल्टा वैरिएंट के लक्षण कितने समय तक चलते हैं?
जब कोई व्यक्ति काेराेना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होता है, तो बीमारी लगभग दाे हफ्ते तक चलती है। अगर किसी डेल्टा वैरिएंट मरीज काे अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, ताे काेराेना वायरस और उसके वैरिएंट दाेनाें का इलाज एक ही तरह से किया जाता है।
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वायरस के वैरिएंट्स किस प्रकार कारक होते हैं?
अधिकांश वायरल म्यूटेशन का संक्रमण और बीमारी पैदा करने की वायरस की क्षमता पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन वायरस की जेनेटिक मेटेरियल में बदलाव कहां स्थित है, इस पर निर्भर करता है। काेराेना वायरस या काेविड-19 के टीके नए वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हाे सकते हैं। क्याेंकि इसमें एंटीबाडी और काेशिकाओं की एक श्रंृखला शामिल हाेती है। इसलिए वायरस में बदलाव या म्यूटेशन टीकों को पूरी तरह से अप्रभावी नहीं बनाता है।
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