डायबिटीज जैसी बीमारी प्राकृतिक या अनुवांशिक कारणों से हो सकती है। यह एक ऐसा विकार है, जिसमें रक्त में इन्सुलिन का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज मुख्यत: दो कारणों से होती है, या तो शरीर में इन्सुलिन का बनना बंद हो जाये या फिर शरीर में इन्सुलिन का प्रभाव कम हो जाये। दोनों ही परिस्थितियों में शरीर में ग्लूसकोज की मात्रा बढ़ जाती है।
डायबिटीज के मरीजों को आहार की विशिष्ट सलाह दी जाती है। यह विकार आजीवन रहने वाला है इसलिए अच्छा होगा कि आप सावधानियां बरतें और अपनी जीवनशैली को थोड़ा संतुलित बनायें। एक शोध के अनुसार ऐसा जरूरी नहीं कि डायबिटीज के बढ़ जाने से आपको कोई तकलीफ हो। इसलिए समय-समय पर रक्त जांच कराते रहें।
डायबिटिक्स में इन चीजों से परहेज करें
- ग्लूकोज, चीनी, जैम, गुड़, मिठाईयां, आइसक्रीम, केक, पेस्ट्री, चाकलेट।
- तले हुए आहार या प्रोस्डेड फूड
- व्यवसायिक ठंडे-मीठे पेय पदार्थ
- धूम्रपान
- सूखे मेवे, बादाम, मूंगफली
- आलू, शकरकंद, मटर, सेम जैसी सब्जियां
इन नियमों को पालन करें
- डायबिटिक्स आहार के इन नियमों को अपनाने के साथ-साथ कुछ और सावधानियां भी बरतनी चाहिए, जैसे :
- नियमित शुगर लेवल की जांच करायें।
- अगर आपको किसी भी प्रकार का घाव हुआ हो, तो उसे खुला ना छोड़ें।
- फलों का रस लेने के बजाय, फल खायें।
- व्यायाम करें और अपना वजन नियंत्रित रखें।
थोडी सी सावधानी अपनाएं और आप भी सामान्य लोगों की तरह जीवन-यापन कर सकते हैं। ज़रूरत है अपनी आदतें बदलने की।
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