मधुमेह आज महानगरों में ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी होने लगा है। मधुमेह जैसी बीमारियां सही जीवनशैली और अच्छा खान-पान ना होने के कारण हो सकती है। मधुमेह और तनाव का गहरा संबंध है। तनाव के कारण मधुमेह पीडि़त कई अन्य बीमारियों का भी शिकार हो सकता है। मधुमेह आमतौर पर गर्भवती महिलाओं और बड़ी उम्र के लोगों में हुआ करता है। लेकिन टाइप 1 मधुमेह बच्चों में खासतौर पर पनपता दिखाई दे रहा है। तनाव के कारण मधुमेह पीडि़त व्यक्ति में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है। आइए जानें तनाव और टाइप 1 मधुमेह के बारे में।
तनाव और टाइप 1 मधुमेह
- टाइप 1 मधुमेह में इंसुलिन पर आजीवन निर्भरता बढ़ जाती है। यह बचपन में या किशोरावस्था में ही अधिक होता है। टाइप 1 मधुमेह में प्रतिरक्षा प्रणाली पाचनग्रंथियां में इन्सुलिन पैदा कर बीटा कोशिकाओं पर हमला कर उन्हें नष्ट कर देती है। इस स्थिति में पाचन ग्रंथिया कम मात्रा में या ना के बराबर इन्सुलिन पैदा करती हैं।
- आज की भागदौड़ की जिंदगी में हम सिर्फ काम को ही समय दे पाते हैं। ऐसे में खानपान पर भी नियंत्रण नहीं रख पाते। लेकिन आयुर्वेद ने हमेशा ही मधुमेह को शारीरिक से अधिक मानसिक बीमारी माना है। इसी कारण खान पान पर नियंत्रण कर मधुमेह से छुटकारा पाया जा सकता है।
- भागदौड़ और आगे रहने की होड़ के चलते बढ़ रहे तनाव और मधुमेह से गुर्दा खराब होने का खतरा भी बना रहता है।
- टाइप 1 मधुमेह के कारण किडनी की पेशाब के साथ प्रोटीन को फिल्टर होने से रोकने की क्षमता कम हो जाती है। लापरवाही बरतने पर किडनी नष्ट होने लगता है। किडनी खराब होने से मूत्रनली में पथरी, संक्रमण या मूत्र प्रवाह में रुकावट होने का खतरा भी बराबर बना रहता है।
- वैज्ञानिकों की मानें तो लोग तनाव से बचकर भी टाइप 1 मधुमेह से छुटाकरा पा सकते हैं, क्योंकि मधुमेह और तनाव का गहरा ताल्लुक है। तनाव से बचने के लिए योग और प्राणायम के साथ किसी भी तरह का मनोरंजन भी कर सकते हैं।
- तनाव के कारण मधुमेह पीडि़तों में हृदयरोग होने की आशंका बढ़ जाती है। टाइप 1 मधुमेह की वजह से खून के कण थक्के के रूप में जम जाते हैं। हालांकि आयुर्वेद चिकित्सा के माध्यम से टाइप 1 मधुमेह पनपने से पहले इसका इलाज संभव है।

टाइप 1 मधुमेह के लक्षण
- निरन्तर भूख लगना
- वजन कम होना
- दृष्टि में धुंधलापन आना
- ज्यादा मोटापा
- प्यास और पेशाब का बढ़ना
- थकान होना
- तनाव बढ़ना
टाइप 1 मधुमेह से बचाव
- तनाव से दूर रहें।
- तनाव होने पर उसका जितनी जल्दी हो निदान कर लें अन्यथा ये मधुमेह के साथ-साथ और भी कई बीमारियों को ला सकता है।
- मोटापे से बचें। नमक, मद्यपान व तंबाकू के सेवन से बचें।
- कम प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन करें।
तनाव मुक्त रहकर और कुछ आसान उपाय अपनाकर टाइप 1 मधुमेह से बचा जा सकता है।
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