क्या सच में गर्भावस्था के दौरान पड़ता है याद्दाश्‍त पर असर

लोग अक्सर गर्भावस्था से याद्दाश्‍त को जोड़कर देखते हैं। आइए जानें क्या सचमुच गर्भावस्था में याद्दाश्‍त पर नहीं पड़ता कोई असर या ये सिर्फ एक मिथ है।
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क्या सच में गर्भावस्था के दौरान पड़ता है याद्दाश्‍त पर असर


गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई बदलावों और समस्याओं से गुजरना पड़ता हैं। इनमें मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के बदलाव शामिल होते हैं। ऐसे में कई बार उन्हें तनाव भी हो जाता है। इतना ही नहीं इस अवस्था में कभी कभी याददाश्त पर भी असर पड़ सकता है। ऐसा शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। लेकिन यह कोई चिंता का विषय नहीं होता, प्रसव के बाद स्थितियां पूरी तरह सामान्य हो जाती हैं। आइए जानें क्या सचमुच गर्भावस्था में याद्दाश्‍त पर नहीं पड़ता कोई असर या ये सिर्फ एक मिथ है।

 गर्भावस्था में याद्दाश्‍त पर असरगर्भावस्था में याददाश्त कम हो जाना कोई बहुत परेशानी की बात नहीं है क्योंकि प्रसव के बाद सभी स्थितियां वापिस पहले की तरह सामान्य हो जाती हैं। लेकिन जो महिलाएं धूम्रपान की आदी होती हैं उनके लिए यह एक परेशानी की बात है। याददाश्त और एकाग्रता का गहरा संबंध है। यदि आप किसी काम में एकाग्र होंगे तो खुद-ब-खुद आपकी याददाश्त तेज होती जाएगी। यह जरूरी नहीं कि गर्भावस्था के दौरान सभी महिलाओं की याद्दाश्‍त पर कोई असर पड़े ही। वे महिलाएं जो अपने खाने पीना को ध्यान अच्छे से करती हैं और नियमित व्यायाम करती हैं, उनमें से अधिकांश को इस स्थिति से दो-चार नहीं भी होना पड़ता। चलिए आपको बताते हैं कि गर्भावस्था में याद्दाश्‍त में क्या बदलाव होते हैं।

 

गर्भावस्था और याददाश्त

 

  • आमतौर पर यदि गर्भवती महिलाएं कुछ भूल जाती हैं या फिर चीजें इधर-उधर रख देती हैं, तो अकसर यहीं कहती हैं कि इस स्थिति में याददाश्त कमजोर हो ही जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं गर्भावस्था में कोई याददाश्त कमजोर नहीं होती, यह सिर्फ एक भ्रम हैं।
  • लोगों में आमतौर पर धारणा होती है कि "बेबी ब्रेन" या "प्रेगहेड" सिंड्रोम के कारण गर्भवती महिलाओं की याददाश्त कमजोर पड़ जाती है। लेकिन कई शोधों में ये बात साबित हो चुकी है कि ऐसे कोई सिंड्रोम नहीं होते जिससे याददाश्त का कोई लेना देना हो, वैसे भी गर्भावस्था में याद्दाश्त पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
  • शोधों में यह भी पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों पर ही दिमागी रूप से कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता।
  • जो महिलाएं ये सोचती हैं कि गर्भावस्था के कारण उनके दिमाग पर असर पड़ रहा है या वे अपनी स्मरण शक्ति खो रही है, ये सब सिर्फ उनके मन का वहम या भ्रम है।
  • हां ये जरूर है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बहुत सी चीजें भूल जाती है, ऐसा सिर्फ उनके जीवन में आ रहे नए बदलावों और अनुभवों के कारण होता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान एक खास हार्मोन सक्रिय हो जाता है।
  • कई बार इस हार्मोंन के कारण अल्जाइमर की समस्या भी हो सकती है। जिसके होने से याददाश्त कमजोर होने की आशंका बनी रहती है।
  • दरअसल, अल्जाइमर के कारक हार्मांस का स्राव गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में होता है और ऐसे में अधिक ध्रूमपान, नशा या फिर एल्‍‍कोहल लेने वाली महिलाओं पर प्रभावी असर होता है, जिससे याददाश्त कमजोर होने की समस्या हो सकती है।
  • आमतौर पर भी शोधों में साबित हो चुका है जो महिलाएं अधिक धूम्रपान करती हैं उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है।
  • गर्भावस्था के दौरान फिट रहने और याददाश्त कमजोर न हो या स्मरण शक्ति पर कोई असर न पड़े इसके लिए गर्भवती महिला को दूध, पनीर, बादाम जैसी चीजें अधिक मात्रा में खानी चाहिए।
  • दिमाग पर पड़ने वाले किसी भी नकारात्मक असर को रोकने के लिए धूम्रपान इत्यादि नशीली चीजों से दूर रहना चाहिए। इतना ही नहीं प्रतिदिन डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

 

अंतः यह कहना गलत न होगा कि गर्भावस्था का याददाश्त पर छोटे- मोटे बदलावों के अलावा कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। और यदि रोज हल्के-फुल्के व्यायाम किये जाएं और पौष्टिक भोजन लिया जाए तो गर्भावस्था में ऐसे मामूली बदलावों के प्रभाव का पता भी नहीं चलेगा।


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