वर्षा ऋतु के दौरान गर्भावस्था देखभाल

वर्षा ऋतु के दौरान गर्भवती महिला को अतिरिक्‍त सावधानी की आवश्‍यकता होती है।
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वर्षा ऋतु के दौरान गर्भावस्था देखभाल


varsha ritu ke dauran garbhavastha dekhbhaal in hindiगर्भावस्था का मतलब अतिरिक्त सावधानी और सुरक्षा कहा जाता हैं। लेकिन वर्षाऋतु का मज़ा क्यों ना ले? यहाँ कुछ सुझाव दिये है, जिससे आपको अतिरिक्त देखभाल की मदद के साथ सहजता महसूस होगी!

 

  • आप ढीले ढाले कपड़े पहन रहे हैं यह सुनिश्चित करें। हमेशा आपको जो फिट हो रहा है, उसकी तुलना में एक आकार बड़े कपडे पहने। क्योंकि बारिश के पानी से कपड़े आपके शरीर को चिपकते हैं। यह भ्रूण और माँ दोनो के लिए जोखिम भरा है। भ्रूण की अवस्था  माँ के शरीर में तापमान के उतार - चढ़ाव के लिए अत्यंत संवेदनशील होती हैं। इसके अलावा, हमेशा सूती कपड़े पहने। पॉलिएस्टर और सिंथेटिक के वेरिएंट रूप के कपड़ों से बचे, क्योंकि इन कपडों से रॅशेस और पसीने का संचय हो सकता हैं। अपने आप को पुरा सूखा करे और बाद में अपने आप को गर्म रखना याद रखे।
  • नंगे पैर बाहर ना जाए। आरामदायक जूते पहने और रबरी तलवों के जूते से बचे, क्योंकि वे पानी में अधिक फिसलते हैं।
  • अगर जरूरत हो तो अपने हाथों और पैरों को और अधिक बार धोए। वर्षा जल में आमतौर पर गटर का पानी और गंदगी मिश्रित हो सकती है और अगर ठीक से धोया ना जाये तो उससे संक्रमण हो सकता हैं। सबसे अधिक होने वाले संक्रमण में नेत्रश्लेष्मलाशोथ, बुखार या वायरल बुखार हैं।
  • बहुत पानी पीना चाहिए और सड़क के किनारे मिलने वाले खाद्यपदार्थो को नहीं खाना चाहिए। इसके कारण मतली, सिर दर्द, और डायरिया होता हैं। इसके बजाय, नारियल पानी या एक घर का बना नींबू पानी पीने की कोशिश करे।एक बहुत अच्छा विकल्प दही है।
  • मच्छरों से सावधान रहे! यदि आपको अपने घर में कुछ ताजी हवा चाहिय़े, तो खिडकी से आने वाले मच्छरो को दिमाग में रख कर मच्छरो के काटने से बचने के लिए खिडकी पर जाली लगाए या मॉस्किटो रिपेलंट लगाए। आपको उससे एलर्जी नहीं है, यह सुनिश्चित करें। अगर वह आपको सूट नही करता तो एक डॉक्टर से परामर्श लें।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए नीम के पानी में नहाना वर्षाऋतू में सबसे अच्छी देखभाल साबित हो सकती है। इसको घर पर तैयार किया जा सकता है और एक खरोंच मुक्त चिकनी त्वचा के लिए यह उत्कृष्ट है। एक बर्तन में एक मुट्ठी भर नीम की पत्तियों को 15-20 मिनट के लिए उबाल लें। इसको एक घंटे तक थंडा होने दें। इसको हर एक जरुरत अनुसार आवश्यक मात्रा में तैयार किया जा सकता हैं। इस पानी से दिन में एक बार दैनिक स्नान कीटाणुओं और जीवाणुओं से लड़ने में बडी मदद करता हैं।
  • बाहर जाते वक्त हमेशा अपना रेनकोट और छाता साथ ले और आपातकालीन प्रयोजनों के लिए कुछ अतिरिक्त नकद साथ रखे।
  • खुले तारों और बिजली के उपकरण जो आपको जोखिमदायक लगते हैं, के निकट कभी ना जाए। 
  • बाहर निकलने से पहले हमेशा अपने परिवार को सूचित करना याद रखे!


देखभाल के हर पल के साथ वर्षाऋतु का आनंद लें!

 

 

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