होमियोपैथी पद्धति में चिकित्सक का मुख्य कार्य रोगी द्वारा बताए गए जीवन-इतिहास एवं रोग लक्षणों को सुनकर उसी प्रकार के लक्षणों को उत्पन्न करने वाली औषधि का चुनाव करना होता है। रोग लक्षण एवं औषधि लक्षण में जितनी ही अधिक समानता होगी रोगी के स्वस्थ होने की संभावना भी उतनी ही अधिक रहती है। चिकित्सक का अनुभव उसका सबसे बड़ा सहायक होता है। पुराने और कठिन रोग की चिकित्सा के लिए रोगी और चिकित्सक दोनों के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है। अगर आप होमियोपैथी दवाओं का सेवन करते हैं तो आपको इन प्रमुख बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
इसे भी पढ़ें: योग से करें नकारात्मक विचारों को काबू
बरतें सावधानी
1 होम्योपैथिक दवाओं को कभी भी खुले में ना रखें। इन्हें ठंडी जगह पर रखें और दवाई खाने के बाद ढक्कन बंद कर के रखें।
2. खाने के लिये कभी भी दवाइयों को हथेलियों पर नहीं निकालना चाहिये, ऐसा करने से उनमें पडी़ स्पिरिट खतम हो जाएगी जो कि बहुत जरुरी चीज होती है।
3. दवाई खाने के 30 मिनट पहले और बाद तक कुछ नहीं खाना चाहिये, इस बात को हमेशा ध्यान में रखें।
4. अपनी जितनी भी बुरी आदत हो जैसे, शराब, सिगरेट या तंबाकू खाना, उसे तुरंत छोड़ दीजिये। इससे होम्योपैथी का असर कम हो जाता है।
5. आप क्या खाते और पीते हैं, इस बात पर ध्यन दें। अपने डॉक्टर से सलाह लीजिये कि आप क्या-क्या खा सकते हैं और क्या नहीं। क्योंकि प्याज, लहसुन और अदरक में बडी तेज की महक होती है जो इस दवाई का प्रभाव कम कर देते हैं।
6. होम्योपैथिक दवा को दूसरी दवाइयों के साथ मिला कर ना खाएं। एलोपैथी और आयुर्वेदिक दवाइयों को होम्योपैथिक दवाई के साथ नहीं मिलाना चाहिये।
7. होम्योपैथिक डॉक्टरों के अनुसार अगर आप यह दवाई ले रहे हैं तो आपको खट्टी चीजों से तौबा करनी होगी जैसे इमली आदि।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Image Source: Getty
Read More Articles On Alternative Tharepy In Hindi