दिल के मरीजों के लिए यह राहत की बात हो सकती है कि पोटैशियम के सप्लीमेंट उनके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसका सबसे अधिक सबसे अधिक फायदा हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना से ग्रस्त व्यक्तियों को हो सकती है। एक शोध में यह बात सामने आयी है कि पौटैशियम के पूरक आहार लेने से दिल की धड़कन सुचारु होती है जो कि दिल से संबंधित बीमारियों को दूर करने में मददगार है। इस लेख में विस्तार से जानिये कैसे पोटैशियम दिल के रोगियों के लिए है फायदेमंद।
शोध के अनुसार
अमेरिका के लेनोक्स हिल हॉस्पिटल द्वारा कराये गये शोध में यह बात सामने आयी। इस शोध के अनुसार जब शरीर में अतिरिक्त मात्रा में तरल पदार्थ जमा हो जाता है तब दिल के फेल होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि कुछ अन्य दवायें भी हैं जो शरीर में जमा अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करती हैं, लेकिन इसके साइड-इफेक्ट भी हो सकते हैं, जबकि पोटैशियम प्राकृतिक रूप से तरल पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
इसकी रिसर्च की प्रमुख डा. तारा नरुला की मानें तो, 'शरीर में पोटैशियम की कमी के कारण दिल सही तरीके से काम नहीं करता और धड़कन अनियमित हो जाती है, इसके कारण ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना बढ़ती है।'
यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया ने दिल के मरीजों पर 1999 से 2007 तक अध्ययन किया, इस शोध में यह बात सामने आयी कि जिन लोगों ने इस दौरान पोटैशियम सप्लीमेंट का सेवन किया उनमें दिल के विफल होने की संभावना कम हुई। जिन लोगों ने नियमित रूप से 40 मिग्रा पौटैशियम का सेवन किया उनमें दिल के दौरे की संभावना भी 16 प्रतिशत तक कम हुई।
क्या है पोटैशियम
शरीर के अंगों, कोशिकाओं और कोशाणुओं को सही तरह से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम जैसे खनिज पदार्थ का होना बहुत जरूरी है। यह एक तरह का इलेक्ट्रोलाइट भी है, जो सोडियम, क्लोराइड और मैग्नीशियम के साथ मिलकर शरीर में विद्युत शक्ति का संचालन बनाए रखने में मदद करता है। दिल को सही तरह से काम करने के लिए भी यह बहुत जरूरी है, इसके अलावा यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने और हड्डियों तथा मांसपेशियों के संकुचन को रोकने में भी मददगार है।
इसकी कमी होने पर
शरीर में पोटैशियम की कमी को हाईपोक्लेमिया कहा जाता है और इसकी अधिकता को हाईपरक्लेमिया। शरीर में पोटैशियम की संतुलित मात्रा बनाये रखने के लिए खून में सोडियम और मैग्नीशियम की मात्रा पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन आहार में सोडियम की मात्रा अधिक पायी जाती है जिसे संतुलित रखने के लिए पोटैशियम की जरूरत होती है। दस्त होना, उल्टियां, अधिक पसीना आना, कुपोषण, दिल की बीमारियां आदि पोटैशियम की कमी के संकेत हो सकते हैं।
पोटैशियम युक्त आहार खायें
पोटैशियम की कमी दूर करने के लिए पोटैशियम युक्त आहार खायें। सब्जियों और फलों में यह भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसके अलावा साबुत अनाज, दुग्ध उत्पाद में भी यह बहुत होता है। मांस, पोल्ट्री के उत्पादन, मछली में भी पोटैशियम की भरपूर मात्रा होती है। केला, संतरा, एप्रिकॉट, अवोकेडो, स्ट्रॉबेरी, आलू, टमाटर, खीरा, गोभी, फूल गोभी, शिमला मिर्च, बैंगन, अजवायन, पालक, ब्रोकोली, आदि में पौटेशियम पाया जाता है।
यह शरीर के लिए न केवल बहुत जरूरी है बल्कि दिल की समस्याओं से भी निजात भी दिलाता है, इसलिए शरीर में इसकी कमी न होने दें। लेकिन इसकी कमी दूर करने के लिए बाजार में उपलब्ध सप्लीमेंट लेने से परहेज करें, यदि सप्लीमेंट लेना जरूरी हो तो चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
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