हममें से कई लोग यह मानते हैं कि एस्प्रिन थेरेपी दिल के लिए फायदेमंद होती है। और यह स्ट्रोक व हृदयाघात से बचाने के लिए भी मददगार मानी जाती रही है। लेकिन, इस सामान्य विश्वास से इतर यह बात भी सच है कि एस्प्रिन थेरेपी हर किसी के लिए नहीं है। डॉक्टर की सलाह के बिना एस्प्रिन थेरेपी नहीं लेनी चाहिये। यदि किसी व्यक्ति को एलर्जी और रक्तस्राव की समस्या हो, तो डॉक्टर आमतौर पर दवा की नियंत्रित मात्रा का सेवन करने की ही सलाह देते हैं।
इसके अलावा, आपको पहला हृदयाघात होने की आशंका हो, तो डॉक्टर एस्प्रिन देने से पहले सभी जरूरी पहलुओं पर गौर करता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि आपको अपने आप एस्पिन थेरेपी की शुरुआत नहीं करनी चाहिये।
एस्प्रिन थेरेपी और हृदयाघात से बचाव
एस्प्रिन रक्त के थक्के जमने से रोकती है। रक्त स्राव के दौरान, रक्त के थक्के जमाने वाली कोशिकायें यानी प्लेटलेट्स जख्म के आसपास जमा होने लगते हैं। प्लेट्लेट्स के कारण ही जख्म भरता हैऔर रक्त स्राव कम होने लगता है।
हालांकि, थक्के कई बार रक्तवाहिनियों के भीतर जमने लगते हैं, जिससे हृदय को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता। इससे रक्तवाहिनियां संकरी भी हो जाती हैं। रक्त वाहिनियों के संकरे होने से हृदयाघात होने का खतरा बढ़ जाता है। एस्प्रिन थेरेपी से प्लेटलेट्स के जमा होने से रोकने में मदद करती है। इससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।
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कितने समय में लेनी चाहिये एस्प्रिन थेरेपी
बिना डॉक्टर से सलाह लिये एस्प्रिन थेरेपी का सेवन नहीं करना चाहिये। हार्ट अटैक से बचने के लिए अपने आप इस थेरेपी को नहीं आजमाना चाहिये। डॉक्टर आपको थेरेपी की सलाह देता है जब उसे-
जब आपको पहले हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो चुका हो
आपको हार्ट अटैक न हुआ हो, लेकिन आपकी धमनियों के भीतर क्लॉट जमा हो गया हो। या फिर आपको कोरोनेरी बाईपास सर्जरी करवानी पड़ी हो। या फिर धमनियों की बीमारियों के कारण आपको सीने में दर्द हो रहा हो।
एस्प्रिन थेरेपी और अन्य स्वास्थ्य समस्यायें
इससे पहले कि डॉक्टर आपको एस्पिन थेरेपी लेने की सलाह दे, इस बात का पूरा खयाल रखें कि आपने डॉक्टर से चिकित्सा संबंधी सभी जरूरी बातों पर चर्चा कर ली हो। इससे आप अन्य खतरों से बच सकेंगे। आपको डॉक्टर को बताना चाहिये अगर आपको-
ब्लीडिंग या क्लॉटिंग डिस्ऑर्डर हो
एस्प्रिन एलर्जी, जिसमें एस्पिन के कारण अस्थमा होना शामिल है पेट में ब्लीडिंग अल्सर होना।
रोजाना एस्प्रिन थेरेपी लेने के साइड इफेक्ट
हर थेरेपी की तरह इस थेरेपी के भी अपने साइड इफेक्ट हैं। आइये जानते हैं कि एस्प्रिन थेरेपी के अपने कौन से साइड इफेक्ट हैं-
रक्तवाहिनियों के फटने से स्ट्रोक की आशंका:
रोजाना एस्प्रिन थेरेपी अपनाने से क्लॉक से होने वाला स्ट्रोक का खतरा तो कम हो जाता है, लेकिन यह रक्त स्राव से होने वाले स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देती है।
गेस्ट्रोइंस्टेस्टिनल ब्लीडिंग
डेली एस्प्रिन थेरेपी से पेट का अल्सर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही अगर आप ब्लीडिंग अल्सर या गेस्ट्रोइंस्टेस्टिनल क्षेत्र में रक्तस्राव से परेशान हैं, तो एस्प्रिन का सेवन इस स्राव को और बढ़ा सकता है।
एलर्जी
अगर किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की एलर्जी है, तो कई बार एस्प्रिन का सेवन उस एलर्जी को बढ़ा सकता है।
कानों में घंटी बजना
एस्प्रिन का ओवरडोज टिन्निटस को नुकसान पहुंचा सकती है। कई मामलों में तो यह सुनने की क्षमता को पूरी तरह समाप्त भी कर सकती है।
थेरेपी शुरू करने से पहले, जरूरी है कि आप उसके फायदे और नुकसान के बारे में अच्छी तरह पता लगा लें। स्वस्थ जीवन के लिए यह बहुत जरूरी है। बेहतर होगा कि कोई भी थेरेपी शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।