चिंता करने के आश्चर्यजनक फायदे

ज्यादा चिंता परेशानी का सबब बन सकती है ये तो आपने अक्सर सुना होगा लेकिन शायद ही आप जानते होंगे कि चिंता करने के कुछ फायदे भी होते हैं। चिंता करना दिखाता है कि आपका दिमाग ज्यादा विकसित है। आप विश्लेषण और अध्ययन करने में बेहतर होते हैं।
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चिंता करने के आश्चर्यजनक फायदे


अगर आप उन लोगों में से हैं जो बहुत अधिक चिंता करते हैं तो आपसे लोग अक्सर कहते होंगे कि आपको अपनी इस आदत को ठीक करना चाहिए। ज्यादा चिंता करना आपकी सेहत के लिए बुरा हो सकता है। शायद इसलिए कहा जाता है कि "चिंता चिता समान"। लेकिन क्या आपको मालूम है कि चिंता के कुछ फायदे भी होते हैं? जी हां, विज्ञान कहता है कि चिंतित मस्तिष्क से जुड़े फायदे भी हैं।

चिंता करने का मतलब होता है कि आपका दिमाग विश्लेषण करने में काफी अच्छा है और भाषा-आधारित जानकारी को बेहतर तरीके से समझ सकता है। पर्सनैलिटी एंड इंडीविजुअल डिफरेंसिज जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन ने चिंता, तनाव और बुद्धि के विभिन्न रूपों को मिलाकर देखा गया है। इस अध्ययन के लेखक का कहना है कि, "ये संभव है कि अधिक मौखिक रूप से बुद्धिमान लोग अतीत और भविष्य की बड़ी घटनाओं पर सोचने की अधिक क्षमता रखते हैं।"

 

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शायद आप ज्यादा विकसित हैं


हो सकता है कि ये अतिश्योक्ति हो लेकिन कनाडा के एक अध्ययन का मानना है कि चिंता करना अधिक बुद्धि का ही प्रतिफल है। चिंता करने वाले लोग संभावित अशुभ या भयंकर स्थितियों को लेकर अधिक जागरुक होते हैं। इसी वजह से अधिक जागरुक लोगों के पूर्वज जीवित रह गए और कम जागरुक इंसान (असभ्य इंसान) मारे गए। इसलिए अगर आप चिंता करने वाले इंसान है तो अपने आपको विकासवादी पिरामिड के शीर्ष पर रखें।

 

आप जल्दी अध्ययन कर लेते हैं

कोलोरेडो यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबित, कुछ चिंता से संबंधित हार्मोन जैसे कि कोर्टिसोल का मध्यम स्तर आपके मस्तिष्क की सीखने की क्षमता को जगा देता है। ये रिसर्च बताती है, अगर आपको लगता है कि आप मुश्किल में हैं तो इसका मतलब है कि आपका दिमाग अत्यधिक केंद्रित (फोकस्ड) है। साथ ही, नई जानकारी को प्राप्त करने के लिए तैयार है।

 

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चिंता करने से प्रेरणा मिलती है


ये ठीक है कि चिंता के ऐसे प्रकार भी होते हैं जो आपको निर्णय लेने से रोकते हैं। लेकिन स्टैन्फर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च दर्शाती है कि थोड़ी सी चिंता करने से रचनात्मक, विचारशील आत्म-मूल्यांकन और कार्रवाई करने की प्रेरणा मिलती है। रिसर्च में पाया गया कि चिंता करने वाले कुछ स्टूडेंट्स ने बेहतर टेस्ट दिया और अधिक अंक प्राप्त किये। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी चिंता ने उन्हें अधिक मेहनत की प्रेरणा दी।
 
उपर्युक्त चिंता के सकारात्मक प्रभावों के बावजूद अधिक चिंता बहुत नुकसानदायक हो सकती है। चिंता व तनाव लगभग हर बीमारी का एक कारण जरूर होता है। अगर आपको लगता है कि आपकी चिंता सीमा से ज्यादा हो गई है, तो अपने आपको रिलैक्स करें।

 

Image Source - Getty Images

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