पीएम मोदी ने लगवाई कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज, बोले- वायरस को हराने के लिए योग्य लोग जल्द लगवाएं टीका

कोरोना मामलों की संख्या जिस तरह से देश में बढ़ रही है, ऐसे में  वैक्सीनेशन इसे रोकने के कुछ प्रभावी उपायों में से एक है। जानें कोरोना के सभी अपडेट्स

Pallavi Kumari
Written by: Pallavi KumariUpdated at: Apr 09, 2021 10:08 IST
पीएम मोदी ने लगवाई कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज, बोले- वायरस को हराने के लिए योग्य लोग जल्द लगवाएं टीका

मलेरिया और डेंगू दिवस 2023: बुखार के कारण, लक्षण और रोकथाम गाइड - Onlymyhealth

भारत में कोरोना की स्थिति बेलगाम होती जा रही है। यहां नए कोरोना वायरस के चलते लोग तेजी से इसके शिकार हो रहे हैं और मरीजों की संख्या लाखों में बढ़ रही है। बात अगर पिछले 24 घंटों की करें, तो नए मामलों की संख्या 1,15, 736 है, जिसमें कि 600 से ज्यादा लोग की जान चली गई है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने ट्वीट करके लोगों को बताया कि उन्होंने कोरोना वायरस के टीके की दूसरी डोज  ( PM Takes Second Dose Of COVID-19)भी लगवा ली है। साथ ही उन्होंने आम जनता से अनुरोध भी किया कि, जो लोग वैक्सीन लगवाने के योग्य हैं, वो जल्द ही कोरोना का टीका लें। बता दें कि पीएम मोदी ने भारत बायोटेक की Covaxin ली है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'आज मैंने एम्स में कोविड-19 वैक्सीन के खिलाफ वैक्सीन की दूसरी डोज भी ले ली। कोरोना वायरस को हराने में वैक्सीनेशन मौजूदा कुछ तरीकों में से एक है। इसलिए अगर आप वैक्सीन लगवाने के योग्य हैं, तो जल्द ही इसे लगवाएं। पीएम ने ट्वीट के साथ CoWIN वेबसाइट का लिंक भी दिया, जो वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए बनाया गया है। साथ ही पीएम मोदी कोरोना प्रबंधन पर आज शाम 6.30 बजे सीएम के साथ बैठक भी करेंगे, जहां वो तमाम स्थितियों का जायजा लेंगे। 

Inside1pmmodi

दिल्ली में 5,506 ताजा कोविड मामले,  क्रिटिकल-केयर बेड की कमी

दिल्ली में कोरोना की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पिछले 24 घंटे में जहां कोरोना के 5500 से ज्यादा नए मामले आए है, जिसमें कि 20 मरीजों की मौत हो गई है, वहीं क्रिटिकल-केयर बेड की कमी पड़ रही है। बता दें कि पूरे दिल्ली में वेंटिलेटर के साथ केवल 330 कोविद आईसीयू बेड हैं। वेंटिलेटर के बिना कोविद आईसीयू बेड की संख्या 715 है। कोविड -19 मामलों में तेजी से बढ़ोतरी के साथ, क्रिटिकल-केयर बेड की मांग बढ़ गई है और कई रोगियों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में प्रवेश के लिए मजबूर किया जाता है। ऐसी स्थिति आखिरी बार नवंबर में थी जब दिल्ली में रोजाना 8,000 लोगों को इसकी जरूरत पड़ रही थी। 

इसे भी पढ़ें : World Health Day पर OMH MasterClass में डॉ. रोमेल टिक्कू से जानें कोरोना को कैसे हराएं?

लखनऊ और वाराणसी में नाइट कर्फ्यू

कोरोना मामलों को बढ़ते देख कर देश के कई राज्यों में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है और अब इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के कई जिले भी शामिल हो गए हैं। दरअसल, आज से 15 अप्रैल तक लखनऊ, वाराणसी और कानपुर में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगेगा। साथ ही लखनऊ में 15 अप्रैल तक स्कूल और कॉलेज को भी बंद कर दिया गया है। इस दौरान आवश्यक वस्तु को लाने ले जाने की छूट होगी पर कोविड प्रोटोकाल के साथ काम चलेगा। साथ ही पारिवारिक, सामाजिक, आयोजनों और पारंपरिक धार्मिक आयोजनों को छोड़ कर 5 व्यक्तियों से अधिक लोगों के राजनैतिक, सामाजिक और अन्य सभी कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी जाएगी और सभी पार्क, स्टेडियम आदि सुबह और शाम कुछ घंटे ही खुलेंगे।

5 राज्यों के करीब 80 हजार बच्चे कोरोना की चपेट में

कोरोनावायरस की दूसरी लहर बच्चों और युवाओं के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हुई है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, 5 राज्यों में पिछले 1 महीने में लगभग 80 बच्चे कोरोना संक्रमित हुए हैं। चिंता की बात ये है कि फिलहाल दुनिया में बच्चों के लिए कोई विशेष वैक्सीन नहीं है। उधर ऐस्ट्राजेनिका वैक्सीन का बच्चों पर परीक्षण ब्रिटेन में रोक दिया गया है, तो यूरोपीय संघ में वैक्सीन के बाद रक्त का थक्का जमने को लेकर 7 लोगों की मौतें हुई है। इस वजह से कोविशील्ड वैक्सीन का इस्तेमाल यहां रोक दिया गया है। 

इसे भी पढ़ें : इन 11 राज्यों में तेजी से बढ़ रहा है कोरोना, दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश कार में अकेला ड्राइवर भी लगाए मास्क

नजरअंदाज न करें नए कोरोना वायरस के ये लक्षण (New Symptoms of COVID-19 or Coronavirus)

नए कोरोना वायरस को लेकर स्थिति जहां हर तरफ खराब हो रही है, वहीं इसके कुछ नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दरअसल, कुछ शोध वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण के विकास के तरीके में बदलाव की सूचना दे रही है। शोधकर्ताओं ने सूची में लक्षणों की एक नई सूची जोड़ी है। कोविड-19 के इन लए लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द, गंध और स्वाद की हानि, ठंड लगना, सांस फूलना शामिल हैं। कई अध्ययन यह सुझाव दे रहे हैं कि गुलाबी आंखें, गैस्ट्रोनॉमिकल स्थितियां और सुनने की दिक्कत को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। 

इसलिए आपको इन लक्षणों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और निर्देशानुसार जांच कराना चाहिए।

Read more articles on Health-News in Hindi

Disclaimer