आपको अच्छा नहीं, झूठा बनाता है दूसरों को खुश करना!

झूठ को पहले विकल्प की तौर पर देखा जाता है क्योंकि ये लोगों के दिमाग में सबसे पहले आता है और इससे सामने वाले को भी खुशी होती है। इसलिए लोग गलत होते हुए भी झूठ बोलते हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
आपको अच्छा नहीं, झूठा बनाता है दूसरों को खुश करना!


आपकी जिंदगी में ऐसा कई बार हुआ होगा... आप जिसको नहीं पसंद करते हैं उससे भी आपको हंस कर बात करनी होती होगी। खासकर ऑफिस में और रिश्तेदारों के बीच ऐसा करना होता है।
फिल्म डियर जिंदगी में भी शाहरुख खान कहते हैं...
बचपन में जब रोना आता है तो बड़े कहते हैं आंसू पोछो...
जब गुस्सा आता है तो कहते हैं, जस्ट स्माइल... ताकि घर की शांति भंग ना हो...
नफरत करना चाहते थे तो इजाजत नहीं थी, और अब जब प्यार करना चाहते हैं तो पता चलता है कि ये सारा इमोशनल सिस्टम ही गड़बड़ा गया है।
रोना, गुस्सा, नफरत... कुछ भी खुलकर एक्सप्रेस नहीं करने दिया... अब प्यार कैसे एक्सप्रेस करेंगे?


सही ही बात है। बचपन से ही जब झूठा बनने की और झूठ बोलने की सीख दी जाती है तो बड़ा होकर इंसान कैसे अच्छा और सच्चा इंसान बन सकता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्यों बोलता है इंसान झूठ? क्यों दी जाती है इंसान को झूठ बोलने की सीख?

 

पहला विकल्प

झूठ को पहले विकल्प के तौर पर देखा जाता है क्योंकि ये लोगों के दिमाग में सबसे पहले आता है और इससे सामने वाले को भी खुशी होती है।
जी हां, सामने वाले को खुशी।
एक तो सबको अपनी तारीफ सुननी पसंद आती है और हमें बचपन से, सिखाया ही ये जाता है कि वही बोलो जो सामने वाले को पसंद आए। इसलिए जब आपसे कोई पूछता है कि, वो कैसा लग रहा है... तो आप तुरंत बोलते हैं- बहुत अच्छा। इससे सामने वाला भी खुश और आप भी खुश।

लेकिन ये गलत है! इसे इस तरह से समझें

आप और आपका दोस्त खाना खाने जाते हैं। आपका दोस्त आपसे अपने भाई को भी लाने के लिए पूछता है। आप उसके भाई को नहीं पसंद करते हैं। लेकिन फिर भी आपके दोस्त को बुरा ना लगे इसलिए हां बोल देंगे। अब आप, आपका दोस्त और दोस्त का भाई साथ में खाना खा रहे हैं। इस स्थिति में ना आप अच्छे से व्यवहार कर रहे हैं और ना आपके दोस्त का भाई। ऐसे में आपका दोस्त भी ना आपको पूरी अटेंशन दे पाता है और ना आपके भाई को।
ऐसी स्थिति से तो अच्छा होता कि आप और आपका दोस्त ही खाना खा लेते।

 

नहीं रख सकते हर किसी को खुश

आप हमेशा हर किसी को खुश नहीं रख सकते। हर कोई हर किसी से अच्छा रिश्ता बनाकर नहीं रख सकता। और झूठ बोलना तो बिल्कुल भी किसी चीज को बनाकर रखने का कोई जरिया नहीं हो सकता। उल्टे इससे कई तरह की नई- नई समस्याएं ही खड़ी हो जाती हैं।
क्योंकि जब आपके अंदर की सच्चाई या दूसरों के बारे में आपकी राय किसी को पता चलेगी तो आपकी बनी बनाई अच्छी इमेज पूरी तरह खराब हो जाएगी।

 

हमेशा याद रखें

कूल रहो, स्माइल करो। कुछ लोगों के अनुसार ये किसी भी स्थिति को हैंडल करने का सबसे अच्छा तरीका है। लेकिन याद रखें इससे आपका मूड खराब हो जाएगा और धीरे-धीरे फेक स्माइल करते हुए आपके अंदर की मुस्कान गायब हो जाएगी। यहीं से तनाव जैसी समस्या शुरू होती है।

 

ये करें

कोई नहीं पसंद है तो आराम से धीरे से बोल दें कि हम दोनों की नहीं बन सकती तो, काम के अलावा कोई बात ना करें।
कहीं नहीं जाना है तो साफ मना कर दें।
नहीं हंसी आती है तो ना हंसें।
जब रोना आए तो रोएं। जब चिल्लाना हो तो चिल्लाएं।
अपने मन की सुनो और खुद से झूठ मत बोलो।

 

Read more articles on Healthy living in Hindi.

Read Next

हेरोइन, कोकीन, मेथ और एलएसडी : 4 तरह की ड्रग्‍स और शरीर पर उनका प्रभाव

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version