Physical And Emotional Changes During Adolescence In Hindi: हम सभी जानते हैं कि किशोरावस्था में कई तरह के बदलाव होते हैं। इन दिनों बच्चों को यह समझ नहीं आता है कि उनके साथ जो हो रहा है या वे जैसा महसूस कर रहे हैं, क्यों कर रहे हैं? कभी वे बहुत ज्यादा एक्साइटेड होते हैं, तो वे उदासीनता से घिर जाते हैं। असल में, किशोरावस्था, जो कि 13 से 18 साल के बीच की उम्र होती है, में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसा सिर्फ लड़कियों नहीं, लड़कों के साथ भी होता है। कई पैरेंट्स को भी आपने कहते सुना होगा कि अपने किशोरवय बच्चों को संभालना किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में पैरेंट्स को अपने बच्चों की अतिरिक्त केयर करने की जरूरत होती है। इस संबंध में हम आपको उनके मानसिक-शारीरिक बदलावों के बारे में बता रहे हैं। इनकी मदद से किशोरों के साथ डील करने में मदद मिल सकती है। इस बारे में हमने वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता डॉ. अरविंद ओत्ता से बात की।
किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक-मानसिक बदलाव- Physical And Emotional Changes During Adolescence In Hindi
टॉप स्टोरीज़
1. हार्मोनल बदलाव
किशोरावस्था में हार्मोनल बदलाव काफी ज्यादा होते हैं। असल में, यह वह दौर होता है, जब बच्चे युवास्था की ओर बढ़ रहे होते हैं। इस समय उन्हें प्यूबर्टी से गुजरना पड़ता है। ऐसे में उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जो उनके मूड स्विंग के लिए जिम्मेदार होता है। यही वजह है कि कभी वे बहुत ज्यादा एक्साइटेड और मोटिवेटेड रहते हैं, तो कभी-कभी बहुत लो और डल फील करते हैं। हार्मोनल बदलाव के कारण उन्हें एंग्जाइटी और स्ट्रेस जैसी समस्या भी होने लगती है।
इसे भी पढ़ें: किशोरावस्था में होते हैं ये शारीरिक बदलाव
2. ब्रेन में बदलाव
किशोरों में ब्रेन में परिपक्वता भी देखी जाती है। इस दौरान उनके व्यवहार में काफी बदलाव होता है, जैसे फैसले लेना या समस्या का समाधान करना आदि। दरअसल, इस समय उनका मस्तिष्क का फ्रंटल लोब अधिक परिपक्व हो जाता है, जिसकी वजह उनका बिहेवियर रिस्क टेकिंग होने लगता है। कई किशोरों में आपने देखा होगा कि विद्रोही स्वभाव के जाते हैं। ऐसा उनके मस्तिष्क में आ रही परिपक्वता के कारण होता है।
3. शारीरिक गठन में बदलाव
किशोरावस्था में लड़कों और लड़कियों के शारीरिक गठन में भी बदलाव होने लगते हैं। जैसे लड़कों की मसल मास में बढ़ोत्तरी होने लगती है, वहीं लड़कियों के शरीर के कुछ हिस्सों में बॉडी फैट बढ़ जाता है। यह वह दौर भी होता है, जब किशोर अपने लुक्स को लेकर काफी कॉन्शस हो जाते हैं। अगर उनके अनुसार वे खूबसूरत और हैंडसम न हुए, तो उनका आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है। इसके अलावा, इसी उम्र में हार्मोनल बदलाव के कारण कील-मुंहासों की समस्या भी उनमें देखने को मिलती है। यही नहीं, लड़कों की बात करें, तो उनके आवाज में बदलाव होने शुरू हो जाते हैं और चेहरे के बाल भी ग्रो करने लगते हैं।
इसे भी पढ़ें: किशोरावस्था में दिखें ये 5 संकेत तो हो जाएं सावधान, बच्चे उठा सकते हैं कुछ गलत कदम
4. फिजिकल स्ट्रेंथ में बढ़ोत्तरी
छोटे बच्चे नाजुक और कमजोर होते हैं। वे हर काम के लिए अपने पैरेंट्स या बड़े-भाई बहन पर निर्भर होते हैं। लेकिन, जैसे वे किशोरावस्था की ओर बढ़ रहे होते हैं, उनकी फिजिकल स्ट्रेंथ बढ़ने लगती है। फिजिकली वे ज्यादा स्ट्रॉन्ग महसूस करते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ने लगता है। हालांकि, इन दिनों बच्चे अपनी शारीरिक क्षमता के कारण कई तरह के फिजिकल चैलेंजेस लेने लगते हैं, जिससे उन्हें चोट लगने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
5. अधिक पोषक तत्वों की जरूरत
किशोरावस्था में बच्चों को अधिक भूख लगती है, क्योंकि उनका शरीर तेजी से बदल रहा होता है। कई तरह के बदलाव के कारण उन्हें अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसी समय उनका हाइट और वेट भी बदल रहा होता है। ऐसे में अगर किशोरों को सही पोषक तत्व न मिले, तो उनकी मानसिक-शारीरिक विकास पर बुरा असर पड़ सकता है। पैरेंट्स को चाहिए कि वे अपने किशोर हो रहे बच्चे की ओर पूरा ध्यान दें।