
एक नए अध्ययन के अनुसार जो लोग अपनी उम्र से कम दिखते हैं, वे सामान्य लोगों की तुलना मे अधिक जीते है। डेनमार्क के वैज्ञानिक बताते हैं कि व्यक्ति के रंग रूप और उनकी दिखावट से उसके जीवन के बारे में काफी कुछ पता लगाया जा सकता है। अतः वास्तविक उम्र से कम दिखने वाले लोग ज्यादा जीते है जबकि उम्र से ज्यादा बड़े लगने वाले लोगों का जीवन छोटा होता है।
ब्रिटिश मेडिकल जनरल की एक रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने अपने इस अध्ययन के लिए जुडवां लोगों के 367 जोड़ों को चुनाव कर इनकी फोटो नासा प्रशिक्षु अध्यापकों और मिल समूह को दिखाई गई। अध्ययन कर पाया गया कि जवां दिखने वाला व्यक्ति अपने भाई बहन की तुलना में अधिक उम्र तक जिया।
वैज्ञानिकों के अनुसार किसी भी इंसान के व्यक्तित्व और उसके गुण, धर्म का निर्धारण करने वाले डिआक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड (डीएनए) के मुख्य भाग टेलोमियर्स होता है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति के जीवन का सीधा संबंध टेलोमियर्स से है।
अध्ययन में बताया गया कि जिन व्यक्तियों में टेलोमियर्स की लंबाई कम होती है उनमे बुढ़ापे के लक्षण जल्दी दिखाई देते है जबकि अधिक युवा दिखने वाले लोगो के टेलोमियर्स की लंबाई ज्यादा होती है। यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न डेनमार्क के प्रोफेसर के क्रिस्टेनसेन ने नेतृत्व मे सात वर्ष तक चले इस अध्ययन के लिए 70 से 80 साल के लोगों का चुनाव किया गया था। इसमे पाया गया कि समान उम्र वाले जुड़वा बच्चों में उसकी मृत्यु पहले हुई जो कि उम्र में बड़ा नहीं था, लेकिन दिखाई ज्यादा उम्र का देता था।
यूके के प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने बताया कि चिंताओं और मुश्किलों भरा जीवन जीने वाले लोगों पर उम्र का प्रभाव जल्दी दिखने लगता है और उनकी मृत्यु भी जल्दी होता है। लेकिन अध्ययन का दिलचस्प पहलू यह भी है कि किसी भी व्यक्ति की उम्र, व्यवसाय और लिंग ने अध्ययन के परिणामों पर कोई असर नहीं डाला।
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