स्ट्रोक से हर साल होती हैं 7 लाख से ज्यादा मौतें, वैज्ञानिकों ने प्रदूषण और हाई बीपी को बताया बड़ा कारण

एक स्टडी के मुताबिक हर साल स्ट्रोक के कारण होने वाली मौतों के पीछे प्रदूषण और हाई ब्लड प्रेशर एक बड़ा कारण होता है। आइये जानते हैं स्टडी के बारे में।
  • SHARE
  • FOLLOW
स्ट्रोक से हर साल होती हैं 7 लाख से ज्यादा मौतें, वैज्ञानिकों ने प्रदूषण और हाई बीपी को बताया बड़ा कारण


स्ट्रोक एक खतरनाक स्थिति है, जिसके चलते हर साल लाखों की संख्या में लोगों की मौत होती है। स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ब्रेन तक ब्लड और ऑक्सीजन ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता है। इसके पीछे हार्ट से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज और मोटापा आदि जैसी बीमारियों को जिम्मेदार माना जाता है। केवल यही नहीं, बल्कि प्रदूषण और हाई ब्लड प्रेशर को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है। हाल ही में द लांसेट न्यूरोलॉजी (The Lancet Neurology) में छपी एक स्टडी के मुताबिक प्रदूषण और हाई बीपी स्ट्रोक के लिए एक बड़ा खतरा है। आइये विस्तार से जानते हैं स्टडी के बारे में। 

स्ट्रोक से हर साल होती है 7 लाख से ज्यादा मौतें 

स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक स्ट्रोक से होने वाली मौतों के पीछे प्रदूषण और हाई बीपी जिम्मेदार माना जाता है। वर्ल्ड स्ट्रोक कांग्रेस 2024 में पेश की गई स्टडी में स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ योजनाओं पर बात की गई है। आंकड़ों की मानें तो साल 1990 से अबतक स्ट्रोक के मामले 93.8 फीसदी तक बढ़े हैं। इसके पीछे वातावरण से जुड़े पहलुओं को स्ट्रोक का बड़ा कारण माना जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इस पर चेतावनी देते हुए कहा कि स्ट्रोक बढ़ने का खतरा आगे भी जारी रह सकता है। 

प्रदूषण भी माना जा रहा है बड़ा कारण 

वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रदूषण बढ़ने के साथ ही तापमान भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य खराब होने के साथ ही साथ स्ट्रोक के कारण जल्दी मौत होने का जोखिम भी तेजी से बढ़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में स्ट्रोक के 11 मिलियन मामले सामने आए थे। बढ़ती जनसंख्या और एजिंग को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, हाई ब्लड प्रेशर भी स्ट्रोक का खतरा बन सकता है। हाई बीपी के चलते कई बार एस्थेरेक्लेरोसिस होता है, जिससे धीरे-धीरे हार्ट की बीमारियां बढ़ती हैं और आप स्ट्रोक के शिकार हो सकते हैं। 

Read Next

प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेन में क्या और कैसे होते हैं बदलाव? वैज्ञानिकों ने रिसर्च कर किया खुलासा

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version