भारत के 25 लाख लोग र्यूमैटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित

भारत के करीब 25 लाख लोग र्यूमैटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित हैं जो हृदय वॉल्व के बंद या खुले रहने से संबंधित बीमारी है।
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भारत के 25 लाख लोग र्यूमैटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित


देश में दिल से जुड़ी बिमारियों के आंकड़ें दिन पर दिन फैलते जा रहे हैं। हाल ही में आई एक मेडिकल स्टडी के रिजल्ट से ये बात साफ हुई है कि देश में 25 लाख से अधिक लोग र्यूमैटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित हैं जो कि हृदय वॉल्व के बंद या खुले रहने से संबंधित बीमारी है। कार्डियोलोजी फोर्टिस अस्पताल के निदेशक वीके शर्मा ने शनिवार को कहा, 'एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 25 लाख से अधिक मरीज आरएचडी से ग्रस्त हैं, जिसमें हृदय के चार वॉल्वों में एक या अधिक बंद हो जाते हैं या खुले रह जाते हैं।'

हार्ट

 

जम्मु में हर तीन लोग आरएचडी से ग्रस्त

उन्होंने कहा कि जम्मू में ही हर 20 हजार पर तीन लोग आरएचडी से ग्रस्त हैं। शर्मा ने कहा, 'आरएचडी से ग्रस्त मरीजों को उनके प्राथमिक डॉक्टर आमतौर पर बहुत बाद में इसके बारे में जानकारी देते हैं और तब तक इलाज असंभव हो जाता है। यदि मरीज को पहले ही बता दिया जाए तो उसका जीवन बचाया जा सकता है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह खामोश हत्यारे हैं और अगर समय पर इनका पता न चले तो यह गंभीर समस्याएं पैदा कर देते हैं।'

 

क्या है र्यूमैटिक हार्ट डिजीज

र्यूमैटिक हार्ट डिजीज हृदय वाल्व से संबंधित बीमारी है जिसमें हृदय के वाल्व में खराबी आना या उसका विकारग्रस्त होना है। ये भारत में एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रही है। निम्न आय वर्ग से संबंधित बच्चों और किशोरों में र्यूमैटिक हार्ट डिजीज के मामले ज्यादा होते हैं। इसके अतिरिक्त अत्यधिक जनसंख्या और भीड़भाड़ वाले इलाकों में रहने वाले लोग भी इस बीमारी की गिरफ्त में कहींज्यादा आते हैं। जाहिर है कि भारत जैसे अधिक आबादी और अनियमित विकास वाले देश में यह एक बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आ रही है।

 

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