ओवरी महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में से एक है। इसकी मदद से महिलाओं के शरीर में हार्मोन रेगुलेट होते हैं। अगर ओवरी में दिक्कत आ जाती है, तो महिलाओं के पीरियड्स भी प्रभावित होने लगते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर लोग ओवेरियन कैंसर को यंग उम्र की महिलाओं से जोड़कर देखते हैं। शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मेनोपॉज के बाद भी महिलाओं को ओवेरियन कैंसर हो सकता है। ओवेरियन कैंसर के लगभग आधे मामले 60 साल की उम्र के बाद की महिलाओं में देखने को मिलते हैं। वहीं, जो महिलाएं कभी प्रेग्नेंट नहीं हुईं या अधिक उम्र में कंसीव किया है, तो उन्हें भी ओवेरियन कैंसर का रिस्क होता है। आइए, जानते हैं इस संबंध में पुणे के लुल्ला नगर स्थित मदरहुड हॉस्पिटल में Consultant Obstetrician & Gynaecologist डॉ. पद्मा श्रीवास्तव से।
मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर होने के कारण- Ovarian Cancer After Menopause Causes In Hindi
मेनोपॉज के बाद ओवेरियन सिस्ट या ओवेरियन कैंसर होने के कई कारण हो सकता हैं, जैसे हार्मोनल बदलाव, लंबे समय से किसी दवा पर निर्भर रहना या किसी और तरह का कैंसर का पहले से ट्रीटमेंट चलना। विशेषज्ञों का कहना है कि मेनोपॉज के बाद हुए ओवेरियन सिस्ट आमतौर पर कैंसेरियस नहीं होते हैं। इसके बावजूद, इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है, क्योंकि इसके कैंसर में बदलने का जोखिम हमेशा बना रहता है। इसके अलावा, अगर किसी को महिलाओं को एंडोमेट्यिसिस, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं रही हैं, तो भी मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर का खतरा बना रहता है। कुछ मामलों में यह भी देखा जाता है कि अधिम उम्र की महिलाओं को ओवेरियन कैंसर का रिस्क काफी ज्यादा होता है।
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मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर के लक्षण- Ovarian Cancer After Menopause Symptoms In Hindi
मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे-
- महिलाओं को अक्सर पेल्विक एरिया या पेट के निचले हिस्से में दर्द बना रहता है। कभी-कभी यह दर्द तीव्र हो जाता है।
- पेट में ब्लोटिंग या सूजन जैसा महसूस होना भी मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर का एक लक्षण है।
- मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर होने पर महिला को मल त्याग करने में काफी कठिनाई आने लगती है।
- मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर होने पर महिला को यूरिनरी समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं, जैसे कभी बार-बार पेशाब आना, पेशाब करने के दौरान दर्द महसूस होना और पेशाब करने में तकलीफ होना।
- मेनोपॉज के बाद अगर ओवेरियन सिस्ट ट्विस्ट हो जाए या फट जाए, तो महिला को उल्टी या जी मचलाने की शिकायत भी होने लगती है।
- मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर होने के कारण महिला को असामान्य तरीके से ब्लीडिंग होनी शुरू हो जाती है।
- मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर के कारण न चाहते हुए भी वजन बढ़ने लगता है।
मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर का इलाज- Ovarian Cancer After Menopause Treatment In Hindi
मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर होने पर इसका इलाज मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। अगर सिस्ट बहुत बड़ा हो गया है, दर्द हो रहा और अन्य गंभीर लक्षण नजर आएं, तो तुरंत सर्जरी कर सिस्ट को रिमूव किया जाता है। सर्जरी दो तरह की होती है, लैप्रोस्कोपी और लैप्रोटोमी। इसके अलावा, चूंकि मेनोपॉज के बाद ओवरीज प्रोडक्टिव नहीं रह जाती हैं, वे हार्मोन प्रोड्यूस नहीं करती हैं। ऐसी स्थिति में ओवरीज रिमूव करने की सलाह भी दी जा सकती है।
FAQ
ओवेरियन कैंसर के आपके पहले लक्षण क्या थे?
ओवेरियन कैंसर होने पर इसके शुरुआती लक्षण के तौर पर मरीज को पेल्विक एरिया में दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, बेचैनी और सूजन महसूस हो सकती है। इसके अलावा, पीरियड्स से जुड़ी परेशानी होना, अधिक रक्तस्राव होना है और कब्ज जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।ओवरी कैंसर होने का कारण क्या है?
आमतौर पर 60 साल की उम्र से अधिक महिलाओं में ओवेरियन कैंसर होने का रिस्क ज्यादा होता है। ऐसा हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से हो सकता है।क्या ओवेरियन कैंसर हमेशा के लिए ठीक हो सकता है?
अगर समय रहते ओवेरियन कैंसर की जांच करवा दी जाए और सही ट्रीटमेंट मिले, तो इसकी रिकवरी की संभावना दर बढ़ जाती है।