ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण क्या होते हैं? ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित व्यक्ति को बैक पेन होता है, उसका पॉश्चर बदल जाता है, हड्डियां कमजोर होने के कारण फ्रैक्चर हो सकते हैं। पुरुषों के मुकाबले ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या महिलाओं में ज्यादा होती है। हमारी हड्डियों में कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है और इन दोनों तत्वों की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों से जुड़ी बीमारियां जैसे ऑस्टियोपोरिसिस का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम की कमी के कारण हमारा हार्ट, मसल्स आदि कैल्शियम की पूर्ति हड्डियों से करते हैं और बोन्स वीक हो जाती हैं इसलिए आपको कम उम्र से ही हड्डियों को हेल्दी रखने के लिए अच्छी आदतें और सही डाइट को अपनाना चाहिए। 20 अक्टूबर को वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है ताकि इस बीमारी के प्रति सभी को जागरूक किया जा सके, इसी कड़ी में हम इस लेख के माध्यम से महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण और बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्यादा क्यों होता है? (Causes of risk of osteoporosis in women)
महिलाओ में ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी का खतरा पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है, ऑस्टियोपोरोसिस एक कंडीशन हैं जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। महिलाओं में बोन डेन्सिटी कम होती है और उनमें बोन मांस लॉस जल्दी हो जाती है। जानते हैं इसके पीछे के अन्य कारण-
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1. कैल्शियम की कमी (Calcium deficiency)
कैल्शियम की कमी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होती है, गर्भावस्था के समय भी गर्भस्थ शिशु को मां के शरीर से कैल्शियम की पूर्ति होती है ऐसे में अगर मां के शरीर में पहले से ही कैल्शियम की कमी होगी तो हड्डियों में दर्द और आगे चलकर हड्डियों से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
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2. एस्ट्रोजन की कमी (Estrogen deficiency)
महिलाओं में मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हॉर्मोन का स्तर कम हो जाता है जिसके कारण हड्डियां कमजोर होती हैं और आपको ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा हो सकता है। एस्ट्रोजन हॉर्मोन की कमी का पता लगाने के लिए आपको समय-समय पर डॉक्टर के पास जाकर हेल्थ चेकअप करवाते रहना चाहिए।
3. फिजिकल एक्टिविटी की कमी (No physical activity)
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फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण भी गृहणियों को ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा ज्यादा होता है ऐसा इसलिए है क्योंकि वो घर के काम के बीच खुद पर ध्यान नहीं देतीं। पूरे दिन घर पर रहने के कारण उन्हें विटामिन डी नहीं मिल पाता और काम के बीच महिलाएं खुद के लिए समय नहीं निकाल पातीं, शारीरिक व्यायाम की कमी के चलते हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
4. स्मोकिंग (Smoking)
महिलाओं में स्मोकिंग की आदत के कारण भी ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी हो सकती है। आपको स्मोकिंग की लत है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, इस आदत को चिकित्सा सहायता लेकर छोड़ा जा सकता है। जो महिलाएं स्मोकिंग या शराब का सेवन ज्यादा करती हैं उनकी हड्डियां जल्दी कमजोर होती हैं और फ्रैक्चर होने का खतरा ज्यादा होता है।
5. हार्मोन में असंतुलन (Hormonal imbalance)
हार्मोन्स में असंतुलन के कारण भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है। महिलाओं में पैराथायरॉइड हार्मोन के बढ़ने से शरीर में कैल्शियम कम हो जाता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं इसलिए महिलाओं में विटामिन डी और कैल्शियम युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
6. अर्ली मेनोपॉज (Early menopause)
मेनोपॉज जल्दी होने के कारण भी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा हो सकता है। जिन महिलाओं में अर्ली मेनोपॉज की समस्या यानी 45 की उम्र से पहले ही मेनोपॉज की स्टेज आ जाती है या ओवरी रिमूव करनी पड़ती है उनमें इस बीमारी का खतरा हो सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस का पता कैसे लगाएं? (How to identify osteoporosis)
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शुरूआती स्टेज में ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण का पता नहीं चलता। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ने लगती है आपको कमर में दर्द, पीठ में दर्द, गर्दन या रीढ़ की हड्डी में दर्द महसूस हो सकता है। अगर आपको जल्दी-जल्दी फ्रैक्चर होते हैं तो ये भी ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण हो सकते हैं। एक हेल्दी इंसान में बोन्स 20 साल की उम्र तक हेल्दी रहती हैं और 35 की उम्र से हड्डियां कमजोर होनी शुरू हो जाती हैं। ऐसा हर इंसान के शरीर में होता है पर जिन लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस होता है उनमें ये प्रोसेस और तेजी से होता है जिस कारण से फ्रैक्चर होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
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ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए महिलाएं अपनाएं ये आदतें (Habits to prevent osteoporosis for women)
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- रोजाना एक घंटा कसरत करें जिसमें वॉकिंग, जॉगिंग, रनिंग, योगा और कॉर्डियो को शामिल करें।
- इस बीमारी से बचने के लिए आपको जंक फूड से परहेज करना चाहिए, ऐसी चीजों का सेवन कम से कम करें जिसमें सोडियम या ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा होती है।
- हरी पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें, आप पालक, चुकंदर आदि को डाइट में शामिल कर सकते हैं
- इसके अलावा फलिया यानी बीन्स के फायदे भी हड्डियों को मिलते हैं। बीन्स में मैग्निशियम, फाइबर और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
- वजन को कंट्रोल करें, वजन बढ़ने से हड्डियों पर दबाव पड़ता है जिससे दर्द उठ सकता है इसलिए कैलोरीज को नियंत्रित रखें।
- आपको कैल्शियम रिच फूड का सेवन करना चाहिए, रोजाना सोने से पहले एक गिलास दूध पिएं इससे आपके शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी होगी। इसके अलावा पनीर को अपनी डाइट में शामिल करें।
- महिलाओं को अपनी डाइट में होल ग्रेन फूड्स एड करने चाहिए, इसके साथ ही विटामिन डी रिच फूड्स का भी सेवन करें, सर्दियों के दिनों में धूप में बैठकर भी विटामिन डी की कमी पूरी कर सकती हैं पर सुबह की धूप ही आपके लिए फायदेमंद होगी।
- अगर आप एल्कोहॉल या सिगरेट का सेवन करती हैं तो ये आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है इसलिए हानिकारक चीजों का सेवन करने से बचें।
- कैफीन का सेवन कम से कम करें, चाय कॉफी की जगह आप हर्बल ड्रिंक या नींबू पानी का सेवन कर सकती हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए आपको समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाते रहना चाहिए और अपनी सेहत में दिख रहे चिंताजनक लक्षणों के बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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