ओमेगा3 फैटी एसिड स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद मानी जाती है, हाल ही में हुए एक शोध की मानें तो इसके सेवन से बुढ़ापे में भी मानसिक क्षमता को बरकरार रखा जा सकता है। मछली, सूखे मेवे और तीसी के बीज जैसे कुछ अन्य बीजों में पाए जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड बुढ़ापे में मानसिक क्षमता बेहतर रखने में सक्षम हैं। अध्ययन में यह पाया गया कि जिन लोगों में बुढ़ापे में अल्जाइमर्स होने के संकेत थे, उन्होंने जब ओमेगा-3 फैटी एसिड का अधिक इस्तेमाल किया तो अन्य लोगों की तुलना में उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर मिला।
ओमेगा-3 फैटी एसिड की दो प्रमुख किस्में ईपीए और डीएचए मुख्यत: मछली में पाई जाती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड की एक अन्य किस्म अल्फा-लाइनोलेनिक एसिड (एएलए) वनस्पति से मिलती है, जैसे सूखे मेवे और बीजों आदि से।
इलिनोइस विवि के शोधार्थी, अध्ययन के प्रमुख लेखक एरॉन बार्बी ने बताया, 'हाल के अध्ययन से पता चलता है कि पोषण की कमी का बुद्धिहीनता और अल्जाइमर्स जैसे दिमागी रोगों से गहरा नाता है।'
यह शोध 65 से 75 वर्ष के 40 ऐसे स्वस्थ्य लोगों पर किया गया, जिनमें अल्जाइमर्स रोग की संभावना पैदा करने वाले जीन थे। शोधार्थियों ने इन लोगों के मानसिक लचीलेपन को मापा और साथ ही उनके रक्त में ईपीए और डीएचए के स्तर को भी मापा।
मानसिक लचीलेपन यानी, को-ऑग्निटिव फ्लेक्सिवलिटी का मतलब विभिन्न कार्यो में तालमेल बनाने की क्षमता से है। यह अध्ययन शोध पत्रिका 'फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस' में प्रकाशित हुआ।
Read Next
खाना छोड़ने से बढ़ेगा आपका वजन
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version