मां-बाप को बच्चा हष्ट–पुष्ट ही अच्छा लगता है। बच्चा जब कमजोर होता है तो मां-बाप अपने बच्चे के पतलेपन को लेकर अक्सर शिकायत करते दिखाई पड़ते है कि उनका बच्चा बहुत कमजोर है। ऐसे में वे गोल-मटोल बच्चे से अपने बच्चे की तुलना किए बिना नहीं रह पाते। लेकिन वे ये भूल जाते है कि गोल-मटोल बच्चा जो उन्हें इस समय प्यारा लग रहा है,दरअसल ये स्थिति बच्चे के शरीर पर अभी से इकट्ठी हो रही चर्बी और अत्यधिक वजन मोटापे जैसी भंयकर बीमारी की बुनियाद हो सकती है।
बच्चे में मोटापे के कारण
बच्चे की खाने की गलत आदतों के कारण उनमें मोटापा बढ़ने लगता है। अधिक माञा में कैलोरी युक्त खाघ पदार्थों के सेवन से मोटापा बढ़ने में खूब मदद मिलती है। स्नैक्स, जंक फूड, फास्टफूड, अधिक मीठा खाने के शौकीन, दूध कम पीने और दूध से बने मीठे उत्पादों का सेवन करने से भी मोटापे में वृद्वि होती है। कई बार बच्चों के सक्रिय न होने से भी उनमें मोटापा बढ़ने लगता है। कई बार बच्चें खाने-पीने में लापरवाही बरतते है और पौष्टिक आहार के बजाय जंक-फूड इत्यादि खाते हैं। साथ ही किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियां नहीं करते और निष्क्रिय रहते हैं। कई बार बच्चे वीडियो गेम, टीवी देखना इत्यादि एक ही जगह बैठे रहने वाली गतिविधियां करते हैं जिससे उनका शारीरिक व्यायाम नहीं हो पाता। नतीजन,बच्चे में मोटापा बढ़ने लगता है। मोटापा कई बार जेनेटिक भी होता है। यदि बच्चे के माता-पिता में जरूरत से ज्यादा मोटापा है तो बच्चे में भी मोटापा होने के संभावना बढ़ जाती है। कई बार घर का वातावरण भी बच्चेय में मोटापा बढ़ाने में सहायक होता है। बच्चा पौष्टिक आहार कम खाता है, फल इत्यादि नहीं खाता और अभिभावक भी बच्चे की जिद के आगे झुक जाते हैं। नजीजन वे बच्चे की मांग के अनुरूप उसे खाने के लिए ऐसी वसायुक्ती चीजें देने लगते हैं जो बच्चोंव के लिए नुकसानदायक होता है।
बच्चे में मोटापे के प्रभाव
बच्चों में मोटापा जीवन भर के लिए खतरनाक विकार भी उत्पन्न कर सकता है जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, निद्रा रोग, कैंसर, यकृत रोग, यौवन आरम्भ का जल्दी होना, लड़कियों में मासिक धर्म का जल्दी शुरू होना, त्वचा में संक्रमण, अस्थमा और श्वसन से सम्बंधित अन्य समस्याएं शामिल हो सकती हैं। मोटापे से ग्रसित बच्चे आमतौर पर भावुक होते है और कई बार अवसाद ग्रस्त रहने लगते हैं। जिससे बच्चे के आत्मविश्वास में कमी, चिंता, डिप्रेशन, अकेलापन इत्यादि पनपने का खतरा रहता है।
यदि बच्चा मोटा है तो व्यस्क होने पर भी उसे मोटापा और उसके दुष्प्रभावों को झेलना पड़ सकता है। तो अब ध्यान रहें आपका बच्चा गोल-मटोल हो लेकिन मोटा न हो तो ही,वह स्वस्थ जीवन जी सकता है।
Image Source-Getty
Read More Articles on Tips for Weight loss in Hindi.
Read Next
जानें क्या है कंगारू केयर
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version