
मोटापा कई बीमारियों की जननी है यह बात सभी जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोटापा 13 प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है। जिसमें अग्नाश्य और ग्रासनली भी शामिल है, क्योंकि फैट सेल्स उस प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं जो मानव शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को विनियमित करती हैं। यह बात एक अध्ययन से समाने आई है।

कैंसर का कारण हो सकता है मोटापा
यूनाइटेड किंगडम के इंपीरियल कॉलेज द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, शरीर में अतिरिक्त फैट के कारण, फैट सेल्स हार्मोन और प्रोटीन उत्पन्न करता हैं। ब्लड में जारी होने के अलावा, ये शरीर के चारों ओर फैले हुए हैं और यही कारण है कि यह विभिन्न प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
फैट सेल्स कैंसर सेल्स के विकास को विनियमित करने वाली प्रक्रियाओं को भी प्रभावित करने वाले माने जाते है।
क्या कहता है शोध
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, दुनिया भर में 1.9 अरब वयस्क अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, और कुछ 13 प्रकार के कैंसर से जुड़े मोटापे से अतिरिक्त वजन की समस्या उनके जीवन के लिए गंभीर खतरा बन गई है।
माना जाता है कि 13 प्रकार के कैंसर का वजन बढ़ने से गहरा संबंध है और इसमें एसोफेगल (खाद्य पाइप), अग्नाशय, लीवर, पेट, कोलन और मलाशय, गॉलब्लैडर, लंग, किडनी और स्त्री रोग संबंधी कैंसर शामिल हैं। महिलाओं में, स्तन, अंडाशय या गर्भाशय कैंसर भी हो सकता है।
अध्ययन ने अनुसार, "कैंसर के सबसे आम प्रकार में ब्रेस्ट और कोलन शामिल हैं, जबकि उपचार में मुश्किल अग्नाशय, एसोफैगल और गॉलब्लैडर का कैंसर शामिल हैं।" अध्ययन पर टिप्पणी करते हुए, बीआरएल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बैरिएट्रिक और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऑन्कोलॉजी सर्जरी के निदेशक दीप गोयल ने कहा कि मोटापे से कई प्रकार के कैंसर के विकास और कैंसर से मरने का जोखिम अधिक होता है।
गोयल ने यह भी कहा कि ''अग्नाशय कैंसर से पीड़ित एक सामान्य वजन का रोगी और दूसरा मोटापे से ग्रस्त रोगी अगर एक ही स्टेज का है तो सामान्य वजन की तुलना में मोटे रोगी की मौत की संभावना अधिक होती है।''
इंसुलिन शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिससे शरीर भोजन से एनर्जी का उपयोग करता है, गोयल ने कहा: "जब लोग मोटापे से ग्रस्त होते हैं, तो शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है जो कैंसर सेल्स को विकसित करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा शरीर में मौजूद फैट, सेक्स हार्मोन- एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में बदलाव करता है, जिससे फिर से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।"
News Source : IANS
Image Source : Shutterstock.com
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