अर्क बहुत ही गुणकारी औषधि है। इसका प्रयोग कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है। वात, कोढ़, खुजली, विष, गुल्म, बवासीर, मल की कृमि को नष्ट करता है अर्क। सफेद आक का फूल वीर्यवर्धक, अग्नि को दीपन करने वाला, पाचन, बवासीर, खांसी एवं श्वास से संबंधित रोगों के लिए फायदेमंद है। पुराणों में इसके महत्ता का वर्णन किया गया है। अर्क को आक भी कहते हैं, यह सफेद और लाल दो रंग का होता हे। आइए अर्क के गुणों के बारे में जानते हैं।
अर्क के फायदे
- अर्क पत्रों के बीच लहसुन को रखकर थोड़ी देर तक गरम करने के बाद उसमें से लहसुन निकालकर उसके रस को कान में डालने से कान में होने वाला दर्द ठीक हो जाता है।
- मिर्गी के रोगियों के लिए यह बहुत फायदेमंद है। अर्क को बकरी के दूध में पीसकर नाक में टपकाने से मिर्गी दूर होती है।
- दांत में अगर दर्द हो रहा हो तो अर्क को दांत पर रखकर चबाने से दांत का दर्द कम हो जाता है।
- अर्क, गन्धक, हरताल, कुटकी, हल्दी को बराबर मात्रा में लेकर गोमूत्र में पीसकर सात दिन तक लगाने से शरीर पर किसी भी प्रकार के सफेद दाग मिट जाते हैं।
- अर्क के चूर्ण में शक्कर मिलाकर सेवन करने से आमवात, कुष्ठ, उपदंश व अन्य रक्तविकारों में फायदा होता है।
- अर्क, काली मिर्च , कर्पूर को पीसकर इसे सुखा दीजिए। इसकी छोटी-छोटी गोलियां बनाकर मधू के साथ अर्क के मरीजों को दीजिए।
- मलेरिया बुखार होने पर अर्क के पुष्प का सेवन करना चाहिए। अर्क पुष्प की 2 डोडी (बिना खिले हुए) थोड़े से गुड़ में लपेटकर खाने से मलेरिया का बुखार बढ़ता नहीं और ठीक हो जाता है।
- सांस लेने में दिक्कत होने पर पिप्पली 1 भाग, सेंधा नमक, अर्क पुष्प कली 2 भाग पीसकर सेवन करने से श्वांस में लाभ होता है।
कुष्ठ रोगी अर्क पुष्पों को छाया में सुखाकर सूक्ष्म चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को पहले दिन एक ग्राम दूसरे दिन दो ग्राम उसके बाद लगातार 40 दिन तक हर रोज 1 ग्राम बढा़कर खायें, रोग ठीक हो जाएगा।
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