निर्गुण्डी के पौधे में होते हैं कई औषधीय गुण, आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके फायदे-नुकसान और इस्तेमाल का तरीका

निर्गुण्डी के बारे में शायद ही आपने कभी सुना हो। यह एक आयुर्वेदिक औषधी है, जिसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है।
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निर्गुण्डी के पौधे में होते हैं कई औषधीय गुण, आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके फायदे-नुकसान और इस्तेमाल का तरीका

आयुर्वेद में कई ऐसी औषधिया हैं, जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए किया जाता हैं। इन्हीं औषधियों में से एक है निर्गुण्डी। निर्गुण्डी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी फायदेमंद होता है। इसे सिनुआर (Sinuar), चेस्ट ट्री (chaste tree) और वाइटैक्स निगुन्डो (Whitax nigundo) के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इसके जड़, फूल, पत्ते, छाल और फल सभी को औषधी से रूप में इस्तेमाल किया जाता है। बाजार में निर्गुण्डी तेल, चूर्ण और कैप्सूल के रूप में उपलब्ध हैं। निर्गुण्डी में वात और कफ को शमन करने का गुण पाया जाता है। इसके सेवन से मानसिक समस्याएं ठीक होती है। यह जोड़ों के दर्द में राहत दिलाता है, बुखार में भी फायदेमंद माना जाता है। यह बैक्टीरिया और कीड़ों को नष्ट करता है। इसके सेवन से पाचन ठीक रहता है और यह भूख को बढ़ाता है। निर्गुण्डी के फायदे-नुकसान और लेने के तरीके के बारे में बता रहे हैं पंचकर्म आयुर्वेदिक हॉस्पिटल, प्रशांत विहार, दिल्ली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरपी पराशर- (Nirgundi Benefits side effects and Uses)

स्टेस करे कम (Nirgundi good for stress)

डॉक्टर आरपी पराशर बताते हैं कि निर्गुण्डी का इस्तेमाल मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। निर्गुण्डी एंजायटी, अवसाद, स्ट्रेस कम करने में फायदेमंद होता है। इसके सेवन से मूड स्विंग, अनिद्रा और तनाव जैसी परेशानियां दूर होती है। अगर आप अपनी मेमोरी बढ़ाना चाहते हैं या अपनी याद करने की क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं, तो निर्गुण्डी का सेवन कर सकते हैं। यह सभी तरह के साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर (psychological disorder) में कारगर है।

जोड़ों के दर्द में आराम दिलाता निर्गुण्डी (Nirgundi beneficial to get relief in joints pain)

आजकल जोड़ों का दर्द हर उम्र में लोगों में देखने को मिल रहा है। ऐसे में निर्गुण्डी का काढ़ा पीना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके जड़ और छाल में निषिंधि नामक एल्कोलाइड पाया जाता है, जो जोड़ों के दर्द में लाभकारी होता है। आयुर्वेद के अनुसार निर्गुण्डी में वात के शमन का गुण पाया जाता है। यह वात को शांत करके जोड़ों के दर्द में आराम दिलाता है। साथ ही इसके सेवन से अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारी का भी इलाज किया जा सकता है।

मासिक धर्म के दर्द में राहत (Nirgundi is a pain reliefer in menstruation ) 

मासिक धर्म के दौरान लड़कियों और महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। इस दौरान वे दर्द, स्ट्रेस और मूड स्विंग जैसी परेशानियों से जूझ रही होती हैं। इसके लिए निर्गुण्डी एक औषधी के रूप में कार्य करती है। निर्गुण्डी मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द और क्रैम्प्स में राहत दिलाता है। आजकल पीसीओडी की समस्या भी बढ़ती जा रही है, आयुर्वेद में इसका इलाज करने के लिए निर्गुण्डी का इस्तेमाल किया जाता है। गर्भाशय में रसोली बनने पर भी इसका सेवन करना लाभकारी होता है। निर्गुण्डी इंफर्टिलिटी में भी काम आता है। असंतुलित हार्मोन को संतुलित करने के लिए भी इसका सेवन करना फायदेमंद है।  

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अस्थमा के रोगियों के लिए कारगर (Nirgundi effective for asthma patients)

अस्थमा फेफड़ों की एक ऐसी बीमारी होती है, जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। अस्थमा रोगियों के लिए निर्गुण्डी का तेल बेहद कारगर साबित होता है। इस तेल से नाक, छाती और गर्दन के आसपास मालिश करने से अस्थमा में काफी आराम मिलता है। इसके साथ ही निर्गुण्डी श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्याओं में भी कारगर है।

बुखार ठीक करे निर्गुण्डी (Fever cure nurgundi plant)

निर्गुण्डी में विटामिन-सी काफी अच्छी मात्रा में पाई जाती हैं, जिससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है। साथ यह नैचुरल एंटी-बायोटिक का काम भी करता है, जिसका इस्तेमाल बुखार और सर्दी-जुखाम को ठीक करने में किया जाता है। इसके लिए आप निर्गुण्डी के पत्तों को पानी में उबाल लें। उसके बाद इसका पानी पी लें। इससे आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी, बुखार होने पर इसका सेवन करने से बुखार भी ठीक होता है। आयुर्वेद में निर्गुण्डी से वायरल और इंफेक्शन का इलाज किया जाता है।

बालों के लिए लाभकारी (Use nirgundi oil for hair growth)

आजकल बाल झड़ने और बालों का समय से पहले सफेद होने की समस्या ज्यादातर लोगों में देखने को मिल रही है। ऐसे में अगर निर्गुण्डी के तेल का इस्तेमाल किया जाए, तो इन समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। निर्गुण्डी में विटामिन-ई भी पाया जाता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट का भी काम करता है। निर्गुण्डी के तेल और तिल के तेल मिलाकर लगाने से इसके फायदे और बढ़ जाते हैं। इसलिए आप इन दोनों तेलों को मिलाकर बालों की मालिश करें। नियमित रूप से बालों की मालिश करने से हेयर ग्रोथ अच्छी होती है। साथ ही बाल समय से पहले सफेद भी नहीं होते हैं।

पाचन तंत्र करे ठीक (Improve digestive system)

इन दिनों ज्यादातर लोग पाचन विकारों से परेशान हैं। ऐसे में वे कई तरह के उपाय अपनाते हैं, लेकिन फायदा नहीं मिल पाता है। तो इस समस्या में निर्गुण्डी आपकी मदद कर सकता है। निर्गुण्डी में पाचन विकारों को दूर करने की क्षमता होती है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और भूख बढ़ती है। यह गैस, एसिडीटी और कब्ज के लिए औषधी का काम करता है। निर्गुण्डी से पत्तियों के रस का सेवन करने से पेट साफ रहता है। आप इसके चूर्ण का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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निर्गण्डी के अन्य लाभ (Other benefits of nirgundi)

  • शारीरिक कमजोरी करे दूर
  • त्वचा के लिए फायदेमंद
  • सिरदर्द में आराम दिलाता है
  • घाव ठीक करे
  • सूजन कम करने में सहायक

निर्गुण्डी के साइड इफेक्ट (Side effect of nirgundi)

डॉक्टर बताते हैं कि निर्गुण्डी के सेवन से आपको कई फायदे हो सकते है। ज्यादातर लोगों को इसका सेवन करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। लेकिन कुछ संवेदनशील लोगों के लिए इसके नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए इन लोगों को डॉक्टर की सलाह पर ही इसे लेना चाहिए।

  • गर्भवती महिलाओं को
  • हृदय रोगी
  • मुंह में सूखापन
  • पेट दर्द

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कितनी मात्रा में लें निर्गुण्डी (How Much To Consume Nirgundi)

अगर आप निर्गुण्डी का इस्तेमाल सही तरीके से करेंगे, तो ही आपको इसका पूरा फायदा मिलेगा। अगर आप किसी गंभीर बीमारी होने पर इसका सेवन करना चाहते हैं, तो आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर ही करें।

निर्गुण्डी चूर्ण बच्चों के लिए (Nirgundi Powder for Children) - 1-2 ग्राम दूध के साथ

निर्गुण्डी चूर्ण वयस्कों के लिए (Nirgundi Powder for Adults) - 3-5 ग्राम दूध के साथ

निर्गुण्डी के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें। वैसे तो यह एक सुरक्षित औषधी है, लेकिन अगर आपको कोई गंभीर बीमारी या एलर्जी हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन न करें। इससे आपके सेहत को फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।

 

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