
कुसुम तेल के इस्तेमाल से आप अपने बढ़ते वजन को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके साथ ही इसके कई अन्य फायदे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में-
कुसुम तेल का इस्तेमाल खाना पकाने से लेकर स्वास्थ्य की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। इस तेल में कई औषधीय गुण छिपे होते हैं। आयुर्वेद में कुसुम तेल का इस्तेमाल काफी लंबे समय से किया जा रहा है। वजन घटाने से लेकर स्किन की समस्याओं को दूर करने में कुसुम का तेल लाभकारी होता है। कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि कुसुम तेल के इस्तेमाल से मस्तिष्क और ब्लड सेल्स की परेशानी को कंट्रोल कर सकते हैं। इस तेल के इस्तेमाल से आपको कई लाभ हो सकते हैं। इसमें कई औषधीय गुण छिपे हैं। कुसुम तेल कुसुम पौधे के बीजों से प्राप्त किया जाता है। कई लोग इसे नकली केसर के नाम से भी जानते हैं। इसकी पैदावर गर्म और शुष्क देशों में अधिक होती है। भारत, चीन, ईरान और मिश्र जैसे देशों में कुसुम तेल का उत्पादन होता है। इतना ही नहीं कुसुम के फूलों का इस्तेमाल कई कपड़ों को रंगने से लेकर विभिन्न तरह की औषधियों के निर्माण में किया जाता है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कुसुम तेल के फायदे और नुकसान (Safflower Oil benefits and Side effects)-
कुसुम तेल के पोषक तत्व (Safflower Oil Nutrition facts)
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी बताते हैं कि कुसुम तेल में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो आपको गंभीर से गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। इसमें एनर्जी, फैट, विटामिन E, विटामिन K, फैटी एसिड (सैचुरेटेड), फैटी एसिड (अनसैचुरेटेड) जैसे कई तत्वों की प्रचुरता होती है। आइए जानते हैं कुसुम तेल के कुछ (Safflower Oil Benefits) फायदे -
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कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करे कुसुम तेल
कुसुम तेल के इस्तेमाल से कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल किया जा सकता है। कुसुम तेल में मौजूद गुण हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में प्रभावी होते हैं। इन तेलों में वसा की मात्रा कम होती है। कुसुम तेल में मौजूद लिनोलिक एसिड बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। इसके इस्तेमाल रेड ब्लड सेल्स और दिल से जुड़ी बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है। कुसुम तेल का इस्तेमाल आप अपने नियमित डाइट में शामिल कर सकते हैं।
वजन को करे कम
मोटापे के शिकार लोगों के लिए कुसुम का तेल फायदेमंद हो सकता है। इसके बीजों से प्राप्त तेल में शरीर की फैट को कम करने का गुण होता है। एक्सपर्ट की मानें तो कुसुम तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है, जो आपके शरीर में फैट को जमा करने के बजाय उसे जलाने करने का कार्य करती है। जिससे आपका वजन कम होता है। इसके साथ ही डाइप-2 डायबिटीज से ग्रसित लोगों के लिए भी कुसुम का तेल फायदेमंद हो सकता है।
दिल को रखे स्वस्थ
दिल को स्वस्थ रखने में भी कुसुम का तेल फायदेमंद होता है। दरअसल, इसमें असंतृप्त वसा की प्रचुरता होती है, जो हमारे शरीर के लिए फैटी एसिड का एक प्रकार है जिसकी हमें विशेष आवश्यकता होती है। यह फैटी एसिड हृदय की सूजन जैसे लक्षणों को कम करके हृदय स्वास्थ्य की रक्षा करता है। नियमित रूप से कुसुम के तेल का उपयोग करना लोगों को दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी समस्याओं से बचा सकता है।
डायबिटीज करे कंट्रोल
डायबिटीज की परेशानी को कंट्रोल करने में कुसुम का तेल फायदेमंद हो सकता है। कुसुम तेल का नियमित रूप से इस्तेमाल कर आप शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। इसमें प्राकृतिक रूप से पॉलीअनसेचुरेटेड (polyunsaturated) फैटी एसिड होता है, जो हमारे शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने का कार्य करती है। इसके साथ ही कुसुम के तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है, जो ब्लड में शुगर की मात्रा को कम करने का कार्य करता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि कुसुम का तेल डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है।
कैंसर से करे बचाव
कई रिसर्च में बताया गया है कि कुसुम तेल के इस्तेमाल से आप कैंसर के प्रभावों को कम कर सकते हैं। कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि कुसुम तेल के इस्तेमाल से आप ब्रेस्ट कैंसर से बचाव कर सकते हैं। साथ ही यह शरीर में बनने बाली कैंसर की कोशिकाओं को रोकने का कार्य करती है।
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खुलजी का करे इलाज
स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में कुसुम का तेल फायदेमंद हो सकता है। कुसुम तेल में मौजूद लिनोलेनिक खुजली की परेशानी को दूर करने का कार्य करती है। साथ ही यह आपकी स्किन को मॉइश्चराइज करता है। नहाने के पानी में कुसुम तेल को मिलाकर नहाने से आपकी स्किन ग्लो करती है। साथ ही इससे संक्रमण को भी रोका जा सकता है। स्किन में होने वाली खुजली को भी कम करने में यह असरकारी होता है।
कब्ज की परेशानी करे दूर
कब्ज की शिकायत होने पर अपने खाने में कुसुम तेल का इस्तेमाल करें। कुसुम तेल के इस्तेमाल से आपकी बड़ी आंत सुचारू रूप से कार्य करती है। इसके सेवन से आपका पेट स्वस्थ रहता है। कुसुम तेल पेट और आंत को मजबूत करने का कार्य करती है। कुसुम तेल के इस्तेमाल से लिवर और प्लीहा की वृद्धि को रोका जा सकता है।
घाव का करे उपचार
घाव या फिर चोट लगने पर कई आयुर्वेदिक एक्सपर्ट कुसुम तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके इस्तेमाल से घाव और चोट कुछ ही दिनों में ठीक हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि गंभीर चोट लगने पर डॉक्टर की सलाह पर ही इसका इस्तेमाल करें। कुसुम तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होता है, जो आपको हानिकारक संक्रमण और फ्री रेडिकल्स से बचाता है।
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इम्यूनिटी पावर बढ़ाए कुसुम तेल
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कुसुम तेल फायदेमंद हो सकता है। इसके इस्तेमाल से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है। कुसुम तेल के इस्तेमाल से आप प्रोस्टाग्लैंडिंस (prostaglandins) के कार्य को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, फ्री रेडिकल्स के प्रभावों को कम करने का कार्य करता है।
गठिया का करे इलाज
गठिया से जुड़ी समस्या को दूर करने में कुसुम तेल फायदेमंद होता है। गठिया में होने वाले सूजन और दर्द को दूर करने में आप कुसुम तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आयुर्वेद में गठिया रोगियों को इस तेल का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। यह दर्द और सूजन को कम करने में असरकारी है। स्किन से जुड़ी परेशानी को कम करने में असरकारी है।
कुसुम तेल का नुकसान (Side Effect of Safflower Oil)
- गर्भावस्था में महिलाओं को कुसुम तेल के इस्तेमाल से बचना चाहिए। क्योंकि इस तेल में पीरियड्स को उत्तेजित करने की क्षमता होती है। ऐसे में कुसुम तेल के इस्तेमाल से गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।
- स्किन एलर्जी होने पर भी इसके इस्तेमाल से बचें। अगर आपको स्किन एलर्जी है, तो इसके इस्तेमाल से आपकी परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे में इस तेल से दूर रहना ही आपके लिए बेहतर है।
- रक्तस्त्राव की समस्या होने पर कुसुम तेल का इस्तेमाल करने से बचें। क्योंकि यह हमारे शरीर में ब्लड के थक्के को धीमा कर देती है।
डॉक्टर की सलाहनुसार की कुसुम तेल का इस्तेमाल करें। बिना डॉक्टर की सलाह पर इस तेल का इस्तेमाल ना करें। इसके साथ ही किसी अन्य दवाओं का आप सेवन कर रहे हैं, तो कुसुम तेल का इस्तेमाल करने से बचें। क्योंकि यह तेल उस दवाई के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर ही इसका इस्तेमाल करना आपके लिए बेहतर होगा।
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