केरल में निपाह वायरस की हुई पुष्टि, 86 लोगों की देखरेख जारी, जानें क्‍या है निपाह

केरल में एक बार फिर निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। केरल में रहने वाले 23 वर्षीय एक युवक के रक्‍त के नमूनों का परीक्षण किया गया जिसमें वायरस की पुष्टि हुई है। 
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केरल में निपाह वायरस की हुई पुष्टि, 86 लोगों की देखरेख जारी, जानें क्‍या है निपाह


केरल के एर्नाकुलम में रहने वाले एक 23 वर्षीय युवक में घातक निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में रक्त के नमूनों का परीक्षण किया जिसमें वायरस की उपस्थिति की पुष्टि हुई है। इस बात की जानकारी केरल की स्‍वास्थ्‍य मंत्री केके शैलजा ने भी दी है। इस घातक वायरस की चपेट में आने से पिछले साल 17 लोग मारे गए थे। जबकि 700 से ज्‍यादा लोगों को निगरानी में रखा गया था। उधर केरल सरकार ने लोगों को धैर्य रखने की सलाह दी है। केरल सरकार अपनी तरफ से भी अतिरिक्‍त सावधानी बरत रही है।

 

राज्‍य में 86 अन्‍य संदिग्‍ध मरीजों की एक्‍सपर्ट की देखरेख में इलाज चल रहा है, हालांकि अभी तक इन मरीजों में निपाह वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। किसी भी प्रकार के नुकसान से बचने के लिए एर्नाकुलम अस्‍पताल में निपाह वायरस के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। गौरतलब है कि, सोमवार को मीडिया के उन दावों को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि अस्‍पताल में भर्ती युवक को निपाह वायरस है। हालांकि अब केरल सरकार ने इस बात को स्‍वीकार कर लिया है कि युवक में निपाह वायरस के लक्षण हैं। 

केके शैलजा ने कहा है कि इस निपाह वायरस के प्रकोप का स्रोत ज्ञात नहीं है। फील्ड निरीक्षण जारी है। केरल सरकार ने कहा कि लोगों को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि यह वायरस की पुष्टि होने से पहले ही एहतियाती कदम उठाए जा चुके हैं। 

केंद्रीय मंत्री ने लिया संज्ञान 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि वह केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा के संपर्क में हैं। हर्षवर्धन ने कहा, "केंद्र केरल में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (दवाएं) भेजेगा। जो कुछ भी जरूरी कदम हैं वह उठाए जा रहे हैं। घबराने की कोई बात नहीं है।" उन्होंने कहा कि वन्यजीव विभाग को वायरस की उपस्थिति का परीक्षण करने के लिए चमगादड़ पकड़ने के लिए कहा गया है।

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जानें, क्‍या है निपाह वायरस 

निपाह वायरस जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होता है और फिर एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में फैलता है। यह घातक एन्सेफलाइटिस और सांस की बीमारी से जुड़ा हुआ है। प्रारंभिक चरण में, यह बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना और मतली का कारण बनता है। वायरस के खिलाफ अभी तक कोई ज्ञात टीका नहीं है।  

निपाह वायरस को NiV इंफेक्‍शन भी कहा जाता है। इस बीमारी से पीडित व्‍यक्ति को अगर समय पर इलाज न मिले तो वह 48 घंटे के अंदर कोमा में भी जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो यह तेजी से फैलने वाला वायरस है, जोकि जानलेवा हो सकता है। एक खास तरह का चमगादड़ निपाह वायरस का संवाहक होता है, जिसे फ्रूट बैट भी कहा जाता है। यह चमगादड़ एक फल के रस का सेवन करता है। 

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