झुलसती गर्मी में घर लौटे शिक्षक की मौत परिवार ने हीटस्ट्रोक को बताया कारण, जानें इससे बचाव के तरीके

दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के 50 वर्षीय शिक्षक की शनिवार को हीटस्ट्रोक से मौत के बाद लोगों के लिए बढ़ती तपिश चिंता का सबब बन चुकी है। इन दिनों डीहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं भी आम हो जाती हैं। इन सबसे बचने के लिए केवल ढेर सारा पानी पीना या संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है।  
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झुलसती गर्मी में घर लौटे शिक्षक की मौत परिवार ने हीटस्ट्रोक को बताया कारण, जानें इससे बचाव के तरीके

दिल्ली में दिन ब दिन बढ़ता पारा अब लोगों की जिंदगियों को खतरा पहुंचाने लगा है। दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के 50 वर्षीय शिक्षक की शनिवार को हीटस्ट्रोक से मौत (जैसे की परिवार का दावा है) के बाद लोगों के लिए बढ़ती तपिश चिंता का सबब बन चुकी है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि शिक्षक की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है लेकिन असली जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ पाएगी। 

अंबेडकर नगर के एक स्कूल में संस्कृत के शिक्षक उदय चंद्र झा की शनिवार को अचानक मौत हो गई थी। उनकी 18 वर्षीय बेटी अकांक्षा का कहना है कि उसके पिता सार्वजनिक परिवहन से शनिवार को घर लौटे थे। घर पहुंचते हैं उन्होंने गर्मी की शिकायत की और कहा कि उन्हें ठीक सा महसूस नहीं हो रहा है, जिसके बाद उन्होंने एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सरकारी स्कूल शिक्षक संघ (जीएसटीए) ने लू के बावजूद एक्सट्रा क्लासेज और समर कैंप जारी रखने के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। जीएसटीए के उपाध्यक्ष यशपाल मलिक का कहना है कि शिक्षक को दिल की कोई बीमारी नहीं थी। वह तेज गर्मी में अपनी ड्यूटी पूरी कर घर गए थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। हालांकि मलिक ने कोई सबूत पेश नहीं किया कि की मौत हीटस्ट्रोक से हुई है।

वहीं दूसरी और अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि जब मरीज को यहां लाया गया था तब सीने में दर्द पहली शिकायत थी। उन्हें गंभीर दिल का दौरा पड़ा होगा, जिसके कारण वे बेहोश हो गए थे और संभवित रूप से उनकी मौत हो गई। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि उनकी मौत के पीछे क्या कारण रहा होगा।

शिक्षक की मौत के बाद परिवार द्वारा उठाए गए सवाल पर गौर किया जाना जरूरी है क्योंकि जिस तरीके से पारा दिन ब दिन ऊपर जा रहा है उससे भरी धूप में घर से बाहर निकलना हीटस्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए हम आपको तेज गर्मी से जुड़ी ऐसे कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जिसके जरिए आप हीट स्ट्रोक से बच सकते हैं।

जून के महीने में तेज गर्मी अपने साथ कई समस्याएं लेकर आती है। इतना ही नहीं हमारा खाना-पीना भी गर्मी के दौरान प्रभावित होता है। इन दिनों डीहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं भी आम हो जाती हैं। इन सबसे बचने के लिए केवल ढेर सारा पानी पीना या संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी तो है ही साथ ही इससे बचाव के लिए आपको कई प्रकार की सावधानी भी बरतनी होती है।

हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय

  • गर्मी के मौसम में कोल्ड ड्रिंक्स, आइस-क्रीम के बजाए नारियल पानी, बेल का जूस पीएं। 
  • ज्यादा तला भुना खाने से परहेज़ करें। 
  • बाहर से आते ही तुरंत एसी, पंखा न चलाएं और न ही ठंडा पानी पीएं।
  • अपने पास पानी की बोतल के साथ-साथ ग्लूकोज़, इलेक्ट्रोल, नींबू जरूर रखें। 
  • दही, छाछ आदि का सेवन करें।
  • चश्मा और टोपी लगाकर घर से निकलें।

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गर्मियों में हीट स्ट्रोक के अलावा होने वाली बीमारियां

  • सनबर्न
  • नकसीर फूटना
  • टाइफाइड
  • पीलिया

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गर्मी में इन बीमारियों के अलावा आप यूटीआई (मूत्र पथ संक्रमण) के शिकार भी हो सकते हैं। कम पानी पीने से न केवल डिहाइड्रेशन होता है बल्कि आप यूटीआई (मूत्र पथ संक्रमण) जैसे बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। इसके कारण आपकी किडनी पर भी साइड इफेक्ट होता है।

यूटीआई होने पर पेशाब के दौरान जलन, पेशाब में बदबू आना, पीठ या निचले पेट में दबाव या दर्द महसूस होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

इस स्थिति से बचने के लिए करें ये बचाव 

  • प्रतिदिन कम से कम 7-8 गिलास मिनरल वाटर या साफ पानी पीएं।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। 
  • नियमित व्यायाम करें। 

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